सारस न्यूज, किशनगंज।
मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ठाकुरगंज से प्रखंड के पटेशरी के बांसबाड़ी गांव के जन्मजात पैर में नसों की बीमारी से ग्रसित एवं कुपोषित तीन वर्षीय बच्ची जैनब फातिमा को समुचित इलाज के लिए सदर अस्पताल किशनगंज भेजा गया। पिता मो मुजाहिद एवं माता नूर बानो की 3 वर्षीय पुत्री जैनब फातिमा का इलाज राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत कराया जाएगा। इस बच्ची की खोज आरबीएसके की टीमों ने की थी। मंगलवार को इन्हें माता के 108 नंबर की एंबुलेंस से भेजा गया।
उक्त बातों की जानकारी देते हुए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार ने बताया कि जैनब फातिमा के माता-पिता व अभिभावक इलाज के लिए बहुत दिनों से परेशान घूम रहे थे। ब्लॉक स्तरीय आरबीएसके टीमों ने सर्वे के दौरान इस बच्ची की खोज की और इनके माता-पिता को योजना के बारे में बताकर नि:शुल्क इलाज के लिए प्रेरित किया। बच्ची के अभिभावकों की रजामंदी के बाद सभी को 108 नंबर की दो एंबुलेंस से सदर अस्पताल किशनगंज स्थित नेशनल रिसर्च सेंटर में इलाज के लिए भेजा गया। उन्होंने बताया कि आरबीएसके योजना के अंतर्गत 0 से 19 साल तक के बच्चों व किशोर- किशोरियों को जन्मजात समेत हृदय, कुष्ठ और क्षय रोग संबंधी पचास तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है।
सीएचसी ठाकुरगंज के बीएचएम बसंत कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) योजना के अंतर्गत इस नस की बीमारी से ग्रसित एवं कुपोषित बच्ची की नि:शुल्क सर्जरी कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि कुछ लोग सीधे इलाज के लिए निजी नर्सिंग होम पहुंच जाते हैं और उनका इलाज में खर्च लग जाता है। जबकि आरबीएसके योजना के अंतर्गत सरकारी सदर अस्पताल में नि:शुल्क इलाज किया जाता है। लिहाजा जो भी माता-पिता अपने बच्चों का इलाज कराना चाहते हैं, वह आरबीएसके के माध्यम से पंजीकरण कराने के बाद ही बच्चों को इलाज के लिए भेजें ताकि उनका नि:शुल्क इलाज कराया जा सके।
इस मौके पर सीएचसी ठाकुरगंज के मेडीकल ऑफीसर डॉ ए रहमान, आरबीएसके के तहत प्रतिनियुक्त चिकित्सक एएनएम रश्मि कुमारी तथा फार्मासिस्ट संजीत कुमार, लेखापाल विवेक कुमार आदि सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजुद थे।