बुधवार को ठाकुरगंज प्रखंड के दल्लेगांव पंचायत स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पाठामारी में कैंसर की स्क्रीनिंग तथा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 38 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है जिनमें सभी महिलाएं ही थी। हालांकि स्क्रीनिंग में एक भी सस्पेक्ट मरीज नहीं पाया गया। कैंसर की स्क्रीनिंग तथा जागरूकता कार्यक्रम में जिला कैंसर टीम से आए डा. सद्दाम हुसैन ने बताया कि कैंसर के 5 प्रकार सामान्यतः नजर आते हैं, ये हैं- कार्सिनोमा जो मुख्यतः शरीर के फेफड़ों, स्तन, पैंक्रियाज एवं चमड़ी को प्रभावित करता है। सारकोमा- यह सबसे ज्यादा शरीर की हड्डियों, रक्त धमनियों, वसा एवं मांसपेशी को प्रभावित करता है। मेलानोमा-यह शरीर की सेल को प्रभावित करता है। चमड़ी के कैंसर का यह प्रमुख कारण माना जाता है। लिम्फोमा-यह शरीर की सफ़ेद रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है। ल्यूकेमिया-यह मानव शरीर के रक्त को प्रभावित करता है। ब्लड कैंसर इसी का स्वरूप है। उन्होंने बताया कि कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान होने से मरीज का समय से इलाज संभव है, जिससे उसे ठीक किया जा सकता है। ज्यादातर कैंसर के चार लक्षण पाए जाते हैं। इन्हें स्टेज 1 से लेकर स्टेज 4 तक की श्रेणी में रखा जाता है। स्टेज 1 की स्थिति में कैंसर का संक्रमण एक छोटे क्षेत्र में सीमित रहता और इसका फैलाव शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं होता है। स्टेज 2 में कैंसर में वृद्धि देखी जाती है लेकिन फैलाव नहीं होता है। स्टेज 3 की स्थिति में कैंसर और फ़ैल जाता और शरीर की अन्य कोशिकाओं को प्रभावित करता है। स्टेज 4 जिसे एडवांस्ड कैंसर की स्थिति भी कहते हैं, में कैंसर तेजी से शरीर के कई अंगों में फैलता और कोशिकाओं को नष्ट करता है। उन्होंने बताया कि व्यक्ति में कैंसर ख़राब एवं अनियंत्रित दिनचर्या, शराब एवं तंबाकू का सेवन, शरीर पर रेडिएशन का प्रभाव, अंग प्रत्यारोपण आदि से हो सकता है। व्यसनों से दूरी, नियंत्रित दिनचर्या एवं सजगता, कैंसर से बचने का सबसे सरल एवं सुगम तरीका है। इस मौके पर बीएचएम बसंत कुमार, सीएचओ मंगी लाल, एएनएम चांदनी कुमारी, आशा कार्यकर्ता सहित स्थानीय ग्रामीण मौजुद थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
बुधवार को ठाकुरगंज प्रखंड के दल्लेगांव पंचायत स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पाठामारी में कैंसर की स्क्रीनिंग तथा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 38 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है जिनमें सभी महिलाएं ही थी। हालांकि स्क्रीनिंग में एक भी सस्पेक्ट मरीज नहीं पाया गया। कैंसर की स्क्रीनिंग तथा जागरूकता कार्यक्रम में जिला कैंसर टीम से आए डा. सद्दाम हुसैन ने बताया कि कैंसर के 5 प्रकार सामान्यतः नजर आते हैं, ये हैं- कार्सिनोमा जो मुख्यतः शरीर के फेफड़ों, स्तन, पैंक्रियाज एवं चमड़ी को प्रभावित करता है। सारकोमा- यह सबसे ज्यादा शरीर की हड्डियों, रक्त धमनियों, वसा एवं मांसपेशी को प्रभावित करता है। मेलानोमा-यह शरीर की सेल को प्रभावित करता है। चमड़ी के कैंसर का यह प्रमुख कारण माना जाता है। लिम्फोमा-यह शरीर की सफ़ेद रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है। ल्यूकेमिया-यह मानव शरीर के रक्त को प्रभावित करता है। ब्लड कैंसर इसी का स्वरूप है। उन्होंने बताया कि कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान होने से मरीज का समय से इलाज संभव है, जिससे उसे ठीक किया जा सकता है। ज्यादातर कैंसर के चार लक्षण पाए जाते हैं। इन्हें स्टेज 1 से लेकर स्टेज 4 तक की श्रेणी में रखा जाता है। स्टेज 1 की स्थिति में कैंसर का संक्रमण एक छोटे क्षेत्र में सीमित रहता और इसका फैलाव शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं होता है। स्टेज 2 में कैंसर में वृद्धि देखी जाती है लेकिन फैलाव नहीं होता है। स्टेज 3 की स्थिति में कैंसर और फ़ैल जाता और शरीर की अन्य कोशिकाओं को प्रभावित करता है। स्टेज 4 जिसे एडवांस्ड कैंसर की स्थिति भी कहते हैं, में कैंसर तेजी से शरीर के कई अंगों में फैलता और कोशिकाओं को नष्ट करता है। उन्होंने बताया कि व्यक्ति में कैंसर ख़राब एवं अनियंत्रित दिनचर्या, शराब एवं तंबाकू का सेवन, शरीर पर रेडिएशन का प्रभाव, अंग प्रत्यारोपण आदि से हो सकता है। व्यसनों से दूरी, नियंत्रित दिनचर्या एवं सजगता, कैंसर से बचने का सबसे सरल एवं सुगम तरीका है। इस मौके पर बीएचएम बसंत कुमार, सीएचओ मंगी लाल, एएनएम चांदनी कुमारी, आशा कार्यकर्ता सहित स्थानीय ग्रामीण मौजुद थे।
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