आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण पाने, विधि-व्यवस्था के संधारण व सुरक्षा बढ़ाने के दृष्टिकोण से बिहार के विभिन्न जिलों में अधिसूचित या गैर अधिसूचित कार्यरत 176 ओपी को थाना के रूप में उत्क्रमित करने की स्वीकृति दी गई है। जिसमें अररिया सहित सूबे के 37 जिलों के 176 ओपी को थाना में तब्दील किया गया है।इसके लिए गृह विभाग ने शुक्रवार को पत्र जारी कर दिया गया है। सरकार के उप सचिव विनोद कुमार दास के जारी पत्र मुताबिक ओपी में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी नहीं होती थी। इस वजह से ओपी के क्षेत्राधिकार में अपराध को कंट्रोल करने में काफी परेशानी देखी जाती रही है। इसको देखते हुए 176 ओपी को थाने में परिवर्तित किया गया। उन नायें थानों में पर्याप्त पुलिस बल व वाहन दिए जायेंगे। इससे अपराध की सूचना पर तत्काल कार्रवाई संभावित होगी व अपराध नियंत्रण पर लगाम लग सकेगी। जिसमें बताया गया है कि अररिया के तीन ओपी आउट पोस्ट को थाना में अपग्रेड किया गया है। इनमें अररिया आरएस, बथनाहा व घूरना ओपी शामिल है। अररिया आरएस ओपी अररिया सदर पुलिस अनुमंडल में तो बथनाहा व घूरना ओपी फारबिसगंज पुलिस अनुमंडल में शामिल हैं। जिसमें पुलिस मुख्यालय से उक्त तीनों ओपी को थाना में अपग्रेड किए जाने की स्वीकृति पत्र जारी कर मिल गई है। ज्ञात हो कि निवर्तमान एसपी अशोक कुमार सिंह ने सभी ओपी को थाने में अपग्रेड करने से संबंधित संचिका अनुशंसा के लिए पुलिस मुख्यालय भेजी थी। जिसमें पुलिस मुख्यालय ने फिलहाल तत्कालीन एसपी अशोक कुमार सिंह के अनुशंसा पर अररिया आरएस, बथनाहा व घूरना ओपी को अपग्रेड करते हुए थाना की स्वीकृति दे दी है. अब इन तीन ओपी का थाना में अपग्रेड होने से इनके क्षेत्र में अपराध नियंत्रण व विधि व्यवस्था में काफी सहूलियत होगी. वहीं देखा जाए तो अब उन पैतृक थानों पर से अतिरिक्त बोझ भी कम होगा। जिनसे उक्त तीनों ओपी वर्तमान में संबद्ध रखते हैं। ओपी से थाने में अपग्रेड होने के बाद अब ये तीनों ओपी स्थाई व स्वतंत्र रूप से कार्य करने में समर्थ हो जाएंगे अपने-अपने संबंधित पैतृक थानों पर से इनकी आत्मनिर्भरता पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे। संबंधित क्षेत्रों में घटने वाली घटनाओं अथवा आमलोगों से जुड़ी शिकायतों पर प्राथमिकी दर्ज कर अब त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी. जबकि वर्तमान में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए ओपी को अपने संबद्ध थानों पर निर्भर रहना पड़ता है। मालूम हो कि अररिया आरएस ओपी की प्राथमिकी नगर थाना में, घूरना की प्राथमिकी नरपतगंज थाना में, जबकि बथनाहा की प्राथमिकी जोगबनी थाने में दर्ज की जाती है. इसके अलावा इन तीनों ओपी का थाना बनने से पुलिसिंग भी सशक्त हो सकेगी व व दर्ज होने वाली प्राथमिकी का अनुसंधान भी कारगर व गुणवत्तापूर्ण तरीके से हो सकेगा। साथ ही संबंधित क्षेत्रों में अपराध नियंत्रण भी प्रभावी तरीके से हो सकेगा। दरअसल, बढ़ती आबादी व क्षेत्र में बढ़ते अपराध को देखते हुए तीनों ओपी का नए थानों में सृजन किया गया है। ओपी का थाना में अपग्रेड होने के बाद से अब प्राथमिकी तो दर्ज होगी ही, पुलिसकर्मियों की संख्या व संसाधन भी बढ़ेंगे। इसके अलावा डायल 112 सेवा व अन्य वाहनों से भी इन थानों को टैग किया जायेगा।
सारस न्यूज, अररिया।
आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण पाने, विधि-व्यवस्था के संधारण व सुरक्षा बढ़ाने के दृष्टिकोण से बिहार के विभिन्न जिलों में अधिसूचित या गैर अधिसूचित कार्यरत 176 ओपी को थाना के रूप में उत्क्रमित करने की स्वीकृति दी गई है। जिसमें अररिया सहित सूबे के 37 जिलों के 176 ओपी को थाना में तब्दील किया गया है।इसके लिए गृह विभाग ने शुक्रवार को पत्र जारी कर दिया गया है। सरकार के उप सचिव विनोद कुमार दास के जारी पत्र मुताबिक ओपी में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी नहीं होती थी। इस वजह से ओपी के क्षेत्राधिकार में अपराध को कंट्रोल करने में काफी परेशानी देखी जाती रही है। इसको देखते हुए 176 ओपी को थाने में परिवर्तित किया गया। उन नायें थानों में पर्याप्त पुलिस बल व वाहन दिए जायेंगे। इससे अपराध की सूचना पर तत्काल कार्रवाई संभावित होगी व अपराध नियंत्रण पर लगाम लग सकेगी। जिसमें बताया गया है कि अररिया के तीन ओपी आउट पोस्ट को थाना में अपग्रेड किया गया है। इनमें अररिया आरएस, बथनाहा व घूरना ओपी शामिल है। अररिया आरएस ओपी अररिया सदर पुलिस अनुमंडल में तो बथनाहा व घूरना ओपी फारबिसगंज पुलिस अनुमंडल में शामिल हैं। जिसमें पुलिस मुख्यालय से उक्त तीनों ओपी को थाना में अपग्रेड किए जाने की स्वीकृति पत्र जारी कर मिल गई है। ज्ञात हो कि निवर्तमान एसपी अशोक कुमार सिंह ने सभी ओपी को थाने में अपग्रेड करने से संबंधित संचिका अनुशंसा के लिए पुलिस मुख्यालय भेजी थी। जिसमें पुलिस मुख्यालय ने फिलहाल तत्कालीन एसपी अशोक कुमार सिंह के अनुशंसा पर अररिया आरएस, बथनाहा व घूरना ओपी को अपग्रेड करते हुए थाना की स्वीकृति दे दी है. अब इन तीन ओपी का थाना में अपग्रेड होने से इनके क्षेत्र में अपराध नियंत्रण व विधि व्यवस्था में काफी सहूलियत होगी. वहीं देखा जाए तो अब उन पैतृक थानों पर से अतिरिक्त बोझ भी कम होगा। जिनसे उक्त तीनों ओपी वर्तमान में संबद्ध रखते हैं। ओपी से थाने में अपग्रेड होने के बाद अब ये तीनों ओपी स्थाई व स्वतंत्र रूप से कार्य करने में समर्थ हो जाएंगे अपने-अपने संबंधित पैतृक थानों पर से इनकी आत्मनिर्भरता पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे। संबंधित क्षेत्रों में घटने वाली घटनाओं अथवा आमलोगों से जुड़ी शिकायतों पर प्राथमिकी दर्ज कर अब त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी. जबकि वर्तमान में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए ओपी को अपने संबद्ध थानों पर निर्भर रहना पड़ता है। मालूम हो कि अररिया आरएस ओपी की प्राथमिकी नगर थाना में, घूरना की प्राथमिकी नरपतगंज थाना में, जबकि बथनाहा की प्राथमिकी जोगबनी थाने में दर्ज की जाती है. इसके अलावा इन तीनों ओपी का थाना बनने से पुलिसिंग भी सशक्त हो सकेगी व व दर्ज होने वाली प्राथमिकी का अनुसंधान भी कारगर व गुणवत्तापूर्ण तरीके से हो सकेगा। साथ ही संबंधित क्षेत्रों में अपराध नियंत्रण भी प्रभावी तरीके से हो सकेगा। दरअसल, बढ़ती आबादी व क्षेत्र में बढ़ते अपराध को देखते हुए तीनों ओपी का नए थानों में सृजन किया गया है। ओपी का थाना में अपग्रेड होने के बाद से अब प्राथमिकी तो दर्ज होगी ही, पुलिसकर्मियों की संख्या व संसाधन भी बढ़ेंगे। इसके अलावा डायल 112 सेवा व अन्य वाहनों से भी इन थानों को टैग किया जायेगा।
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