सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
खगड़िया : दाखिल-खारिज में अनियमितता बरतने, बिहार दाखिल-खारिज अधिनियम 2011 के प्रावधान की अनदेखा करने, विभागीय कार्य में लापरवाही, अनियमितता व उदासीनता बरतने जैसे गंभीर आरोप में परबत्ता अंचल के तत्कालीन सीओ चंदन कुमार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चलेगी। राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने सीओ पर विभागीय कार्रवाई को लेकर संकल्प-पत्र जारी किया है। जिले के अपर समाहर्ता आरती को संचालन पदाधिकारी बनाया गया है। वहीं भूमि सुधार उप समाहर्ता गोगरी को संचालन पदाधिकारी बनाया गया है। बताया जाता है कि परबत्ता के पूर्व सीओ के विरुद्ध डीएम ने प्रपत्र क गठित कर राजस्व व भूमि सुधार विभाग को भेजा था। जिसके बाद आरोपित पदाधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग की गई थी। इनसे प्राप्त स्पष्टीकरण के जवाब की समीक्षोपरांत अनुशासनिक प्राधिकार ने इनके विरुद्ध गठित आरोपों की जांच कराने का निर्णय लिया है। इधर विभाग के द्वारा संकल्प पत्र जारी कर पूर्व सीओ के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई संचालित करने के आदेश जारी किए गए हैं। सुनवाई के दौरान अपर समाहर्ता के समक्ष आरोपित पदाधिकारी को उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। बता दें कि पूर्व सीओ पर गठित आरोपों, आरोपी पदाधिकारी का पक्ष आदि की जांच व समीक्षा के बाद अपर समाहर्ता राजस्व व भूमि सुधार विभाग को जांच रिपोर्ट भेजेंगे। जिसके आधार पर आरोपित सीओ को दोषी अथवा आरोप मुक्त किया जाएगा। जानकार बताते हैं कि सुनवाई के दौरान पूर्व सीओ चंदन कुमार पर लगे आरोप अगर प्रमाणित हो जाते हैं तो इन्हें दंडित भी किया जाएगा। गौरतलब है कि वर्तमान में चंदन कुमार सारण जिले में बंदोबस्त पदाधिकारी के कार्यालय में कानूनगों के पद पर पदस्थापित हैं। दाखिल-खारिज में अनियमितता बरतने का है आरोप बिहार दाखिल-खारिज अधिनियम 2011 के प्रावधान की अनदेखी करने, विभागीय कार्य में लापरवाही,अनियमितता व उदासीनता बरतने जैसे गंभीर आरोप में पूर्व सीओ चंदन कुमार के विरुद्ध आरोप- पत्र क गठित कर राज्य स्तर पर भेजा गया था। बता दें कि एक मामले में इनपर पूर्व में भी प्रपत्र क गठित कर विभागीय कार्रवाई संचालित की थी। गोगरी अंचल में सीओ के पद पर पदस्थापित रहे अंचल अधिकारी चंदन कुमार पर आरटीआई के तहत सूचना नहीं देने, राज्य सूचना आयोग में सुनवाई से अनुपस्थित रहने तथा सूचना आयुक्त द्वारा लगाए गए अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने के आरोप में इनके विरुद्व प्रपत्र क गठित कर विभागीय कार्रवाई संचालित की गयी थी। इस मामले में सुनवाई के बाद संचालन पदाधिकारी के रिपोर्ट के आधार पर राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने इन्हें निंदन की सजा दी थी।