जिले में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। जिले में टीबी रोगियों के लिये जरूरी दवाओं की किल्लत बहुत जल्द दूर होगी। उम्मीद है कि आगामी बुधवार तक राज्यस्तर से भी पर्याप्त दवा जिला को उपलब्ध करा दिया जायेगा। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की उक्त जानकारी सीडीओ डॉ मंजर आलम ने दी। केंद्र सरकार वर्ष 2025 तक पूरे देश से टीबी बीमारी का उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इसी मुहिम के तहत जिले में सघन अभियान चलाया जा रहा है। गांव-गांव जाकर टीबी के मरीज खोजे जा रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों व स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर संभावित रोगियों की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। टीबी उन्मूलन की दिशा में समुदाय स्तर पर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। ईंट.भट्ठों, झुग्गी झोपड़ियों, महादलित टोलों, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों आदि जगह जांच शिविर लगाकर अधिक से अधिक टीबी मरीजों की खोज हो रही है।
ससमय रोगियों तक पहुंचायें सरकारी योजना का लाभ।
सीडीओ डॉ मंजर आलम ने कहा कि टीबी परीक्षण, टीबी रोगियों को ध्यान में रखते हुए संचालित विभागीय कार्यों का निष्पादन ससमय सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने टीबी रोगियों की समुचित काउंसिलिंग सहित उन्हें अन्य जरूरी चिकित्सकीय सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने पर जोर देते हुए टीबी संबंधी जांच में तेजी लाने व समुदाय स्तर पर इसे लेकर जागरूकता अभियान को प्रभावी बनाने व प्राइवेट नोटिफिकेशन में तेजी लाने के उद्देश्य से कर्मियों को अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने के लिये प्रेरित किया।
टीबी मरीजों के संबंध में बरते गोपनीयता।
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने कहा कि टीबी मरीजों से संबंधित जानकारी को गोपनीय बनाये रखना जरूरी है। उनकी तस्वीर व नाम किसी भी रूप से सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि एचआईवी मरीजों को टीबी का व टीबी मरीजों का एचआईवी का खतरा अधिक होता है। दोनों ही रोग से बचाव के लिये जन जागरूकता बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि होने पर पहले दो महीने तक टीबी की दवा खिलाया जाना जरूरी है। इसके बाद उन्हें एंटी् रेट्रो वायरल थेरेपी सेंटर रेफर किये जाने का प्रावधान है।
टीबी संक्रमित मरीज़ों के लिए स्वास्थ्य विभाग की योजनाएं वरदान।
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि टीबी जैसी बीमारियों से लड़ने एवं बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का अहम योगदान है। अमीर हो या गरीब, हर तरह के रोगियों के लिए सरकार की ओर से निःशुल्क दवा तो मिलती ही है, साथ ही साथ पौष्टिक आहार खाने के लिए पैसा भी मिलता है। यह टीबी संक्रमित मरीज़ों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इसीलिए लोगों को टीबी जैसे संक्रमण से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है। सरकार की ओर से मरीज़ों को मिलने वाली योजनाओं का लाभ उठाकर टीबी जैसी बीमारी से पूरी तरह से ठीक हुआ जा सकता है।
हर महीने निक्षय दिवस का आयोजन कराए सुनिश्चित।
जिले के सभी टीबी यूनिट में निक्षय औषधी पोर्टल में लंबित मामलों को यथाशीघ्र पूरा करते हुए निक्षय औषधी पोर्टल पर नियमित रूप से अपटेड करने के लिये उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है । सिविल सर्जन ने टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कराने को कहा। इसके माध्यम से टीबी से बचाव व इलाज संबंधी उपायों पर समुदाय स्तर पर व्याप्क जनजागरूकता अभियान संचालित किया जाये। ताकि टीबी उन्मूलन अभियान में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाया जा सके। उन्होंने जिले में निक्षय मित्रों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया। निक्षय मित्र पोर्टल पर पंजीकरण व रोगी की सहमति के आधार इसके बीच के अंतर को पाटने का निर्देश उन्होंने दिया। सिविल सर्जन ने कहा कि प्रत्येक महीने के 16 तारीख को सभी एचडब्ल्यूसी पर निक्षय दिवस का आयोजन सुनिश्चित कराते हुए अधिक से अधिक रोगियों के बीच फूड पैकेट का वितरण सुनिश्चित कराया जाये।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
ससमय रोगियों तक पहुंचाए सरकारी योजना का लाभ।
जिले में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। जिले में टीबी रोगियों के लिये जरूरी दवाओं की किल्लत बहुत जल्द दूर होगी। उम्मीद है कि आगामी बुधवार तक राज्यस्तर से भी पर्याप्त दवा जिला को उपलब्ध करा दिया जायेगा। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की उक्त जानकारी सीडीओ डॉ मंजर आलम ने दी। केंद्र सरकार वर्ष 2025 तक पूरे देश से टीबी बीमारी का उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इसी मुहिम के तहत जिले में सघन अभियान चलाया जा रहा है। गांव-गांव जाकर टीबी के मरीज खोजे जा रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों व स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर संभावित रोगियों की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। टीबी उन्मूलन की दिशा में समुदाय स्तर पर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। ईंट.भट्ठों, झुग्गी झोपड़ियों, महादलित टोलों, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों आदि जगह जांच शिविर लगाकर अधिक से अधिक टीबी मरीजों की खोज हो रही है।
ससमय रोगियों तक पहुंचायें सरकारी योजना का लाभ।
सीडीओ डॉ मंजर आलम ने कहा कि टीबी परीक्षण, टीबी रोगियों को ध्यान में रखते हुए संचालित विभागीय कार्यों का निष्पादन ससमय सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने टीबी रोगियों की समुचित काउंसिलिंग सहित उन्हें अन्य जरूरी चिकित्सकीय सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने पर जोर देते हुए टीबी संबंधी जांच में तेजी लाने व समुदाय स्तर पर इसे लेकर जागरूकता अभियान को प्रभावी बनाने व प्राइवेट नोटिफिकेशन में तेजी लाने के उद्देश्य से कर्मियों को अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने के लिये प्रेरित किया।
टीबी मरीजों के संबंध में बरते गोपनीयता।
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने कहा कि टीबी मरीजों से संबंधित जानकारी को गोपनीय बनाये रखना जरूरी है। उनकी तस्वीर व नाम किसी भी रूप से सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि एचआईवी मरीजों को टीबी का व टीबी मरीजों का एचआईवी का खतरा अधिक होता है। दोनों ही रोग से बचाव के लिये जन जागरूकता बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि होने पर पहले दो महीने तक टीबी की दवा खिलाया जाना जरूरी है। इसके बाद उन्हें एंटी् रेट्रो वायरल थेरेपी सेंटर रेफर किये जाने का प्रावधान है।
टीबी संक्रमित मरीज़ों के लिए स्वास्थ्य विभाग की योजनाएं वरदान।
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि टीबी जैसी बीमारियों से लड़ने एवं बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का अहम योगदान है। अमीर हो या गरीब, हर तरह के रोगियों के लिए सरकार की ओर से निःशुल्क दवा तो मिलती ही है, साथ ही साथ पौष्टिक आहार खाने के लिए पैसा भी मिलता है। यह टीबी संक्रमित मरीज़ों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इसीलिए लोगों को टीबी जैसे संक्रमण से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है। सरकार की ओर से मरीज़ों को मिलने वाली योजनाओं का लाभ उठाकर टीबी जैसी बीमारी से पूरी तरह से ठीक हुआ जा सकता है।
हर महीने निक्षय दिवस का आयोजन कराए सुनिश्चित।
जिले के सभी टीबी यूनिट में निक्षय औषधी पोर्टल में लंबित मामलों को यथाशीघ्र पूरा करते हुए निक्षय औषधी पोर्टल पर नियमित रूप से अपटेड करने के लिये उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है । सिविल सर्जन ने टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कराने को कहा। इसके माध्यम से टीबी से बचाव व इलाज संबंधी उपायों पर समुदाय स्तर पर व्याप्क जनजागरूकता अभियान संचालित किया जाये। ताकि टीबी उन्मूलन अभियान में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाया जा सके। उन्होंने जिले में निक्षय मित्रों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया। निक्षय मित्र पोर्टल पर पंजीकरण व रोगी की सहमति के आधार इसके बीच के अंतर को पाटने का निर्देश उन्होंने दिया। सिविल सर्जन ने कहा कि प्रत्येक महीने के 16 तारीख को सभी एचडब्ल्यूसी पर निक्षय दिवस का आयोजन सुनिश्चित कराते हुए अधिक से अधिक रोगियों के बीच फूड पैकेट का वितरण सुनिश्चित कराया जाये।
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