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जिले के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाए स्वास्थ्य सुविधा का लाभ जिला पदाधिकारी के अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित बजट के अनुसार स्वास्थ्य केन्द्रों में खर्च अवश्य करें।

सारस न्यूज़, राहुल कुमार, किशनगंज।

जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी लाते हुए ज्यादा से ज्यादा मरीजों को स्थानीय स्तर के अस्पतालों में चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने का आवश्यक निर्देश दिया गया। ज़िले में स्वास्थ्य सुविधा को सुलभ रूप से मुहैया करने के लिए जिला प्रशासन काफी गंभीर है। इसीलिए जिलाधिकारी श्री तुषार सिंगला की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि हमलोगों को जिले के आखिरी व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने की जरूरत है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रसाशन हमेशा तत्पर है। समीक्षा बैठक का आयोजन समाहरणालय सभागार में हुआ था। गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, संस्थागत प्रसव, नियमित टीकाकरण, एनीमिया प्रबंधन को लेकर विभागीय प्रयासों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा हुई । इस बैठक में स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न योजनाओं की गहन समीक्षा की गयी। मैटरनल हेल्थ, चाइल्ड हेल्थ, इंफ्रास्ट्रक्चर, इम्युनाइजेशन, टीबी ट्रीटमेन्ट व एफआरयू से जुड़ी सेवा , एनसीडी स्क्रीनिंग, एनीमिया मुक्त भारत अभियान सहित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए डीएम ने स्वास्थ्य अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये। उन्होंने कहा सभी मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए अस्पताल में साफ- सफाई, लाइट एवं शुद्ध भोजन की व्यवस्था करना सर्वोपरि है। इस कार्य में कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी। कार्य में असंतोष पाए जाने पर आउटसोर्सिंग एजेंसी पर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।बैठक में जिला पदाधिकारी प्रखंड स्तर पर टीबी मरीजों की पहचान के लिए ज्यादा स्क्रीनिंग, प्रखंड अस्पताल में ओपीडी जांच रिपोर्टिंग में इजाफा करने, गर्भवती महिलाओं की प्रसव के पूर्व एएनसी जांच में तेजी लाते हुए जटिल गर्भवती महिलाओं की पहचान कर चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने का आवश्यक निर्देश दिया। सभी स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी के लिए समीक्षात्मक बैठक सुनिश्चित किया । सभी अधिकारियों को सभी सुविधाओं में आवश्यक सुधार करते हुए ज्यादा से ज्यादा मरीजों को चिकित्सकीय लाभ देना सुनिश्चित करना चाहिए। बैठक में सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार के साथ , डीआईओ , एनसीडीओ , सीडीओ ,डीपिएम् , डीएमएनई, डीसीक्यूए, यूनिसेफ यूनिसेफ एसएमसी ,डब्लूएचओके एसएम्ओ अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

बजट के अनुसार स्वास्थ्य केन्द्रों में खर्च अवश्य करें।

जिला पदाधिकारी के समक्ष प्रखंडवार मातृत्व स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, किशोर-किशोरी कार्यक्रम, वेक्टर जनित रोग, टीबी नियत्रंण, अंधापन, गैर संचारी रोग, एएनसी जांच, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव एवं अस्पताल में प्रसव से जुड़ी सेवाओं पर बजट की समीक्षा की। बैठक में परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने, प्रसव कक्ष की बेहतरी सहित अन्य योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। जिला पदाधिकारी ने कहा जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को हर हाल में मिलना चाहिए। गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान का अनुपालन शत-प्रतिशत होना चाहिए। विदित हो कि जिले के सभी चिकित्सा केन्द्रों में प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती है। जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, डिलीवरी के दौरान व इसके तत्काल बाद जच्चा-बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा दी जा रही है। जननी बाल सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत उन्हें राशि ससमय प्रदान करना आवश्यक है । उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में सभी बीमारियों की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। आवश्यकतानुसार दवा का उठाव सुनिश्चित करें । उन्होंने बजट के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को खर्च हेतु दी गई राशि के खर्च की समीक्षा भी की।

रोगी कल्याण समिति का गठन कर नियमित बैठक करे।

जिला पदाधिकारी श्री तुषार सिंगला ने समीक्षा बैठक में सिविल सर्जन को अचूक रूप से महीने के अंत तक सभी संस्थानों में रोगी कल्याण समिति का गठन कर एक ही तिथि में पुरे जिले की बैठक सुनिश्चित कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत टीबी मरीजों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान सुनिश्चित कराया जाये। सभी आयुष्मान भारत जन आरोग्य समिति पर वेलनेस गतिविधियों के नियमित संचालन सुनिश्चित कराते हुए सभी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य इंडिकेटरों में सुधार के साथ-साथ डेटा अपडेशन की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिये संबंधित कर्मियों को निर्देशित किया।

सास -बहु सम्मलेन , एएनसी जांच करते हुए गंभीर गर्भवती महिलाओं की पहचान करने मिला निर्देश।

गर्भवती महिलाओं के जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर महीने में 09 और 21 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जाता है। इस दौरान क्षेत्र की ज्यादा से ज्यादा गर्भवती महिलाओं की जांच सुनिश्चित करते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनका सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित किया जाता है। साथ ही टीकाकरण एवं परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए सास बहु सामेलन का आयोजन नियमित रूप से प्रखड़ स्वास्थ्य अधिकारियों को क्षेत्र में आशा और एएनएम के माध्यम से जागरूक करते हुए ज्यादा से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को नौ महीने के गर्भावस्था के दौरान चार प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करवाना चाहिए। इस दौरान जटिल गर्भवती महिलाओं की पहचान करते हुए उन्हें ज्यादा चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने की जरूरत है। ऐसे जटिल गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जानकारी संबंधित क्षेत्र की आशा कर्मियों को भी सूचित करना चाहिए ताकि उनके द्वारा गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच और आवश्यक चिकित्सकीय सहायता और पर्याप्त पोषण लाभ लेना सुनिश्चित किया जा सके।

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