सारस न्यूज़, शशि कोशी रोक्का, प्रभारी पश्चिम बंगाल।
कंचनजंघा एक्सप्रेस दुर्घटना मामले में बड़ा खुलासा, सुबह से ही खराब थी ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम रेलवे सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तर हाट जंक्शन के बीच ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम सुबह से ही खराब था।
किशनगंज जिले से सटे पश्चिम बंगाल में सोमवार को कंचनजंघा एक्सप्रेस बड़े हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे में रेलवे अधिकारी के अनुसार 8 लोगों की मौत हुई है और कई लोग घायल हैं। ये हादसा उस वक्त हुआ जब रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तरहाट जंक्शन के बीच एक मालगाड़ी ने सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी। मालगाड़ी के इंजन ने कंजनजंघा एक्सप्रेस के तीन बोगी को क्षतिग्रस्त कर दिया जिसमें एक जनरल बोगी भी शामिल हैं।दूसरी ओर इस हादसे के बारे में एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। पीटीआई के सूत्रों के हवाले जानकारी दी गई है कि ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम खराब था। जिसके कारण इतनी बड़ी ट्रेन दुर्घटना हो गई। पश्चिम बंगाल में रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चटेर हाट के बीच ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम सुबह 5.50 बजे से ही खराब था। आपको बता दें कि इसी जगह पर एक मालगाड़ी ने सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी थी।
ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम के खराब होने से क्या होता है? दरअसल,ट्रेन नंबर 13174 सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस सुबह 8:27 बजे रंगापानी स्टेशन से रवाना हुई थी और सुबह 5:50 बजे से ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम के खराब होने के कारण रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तर हाट के बीच रुक गई।एक अधिकारी के अनुसार,जब ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम खराब होता है तो स्टेशन मास्टर ‘टीए 912’ नामक लिखित आधिकार-पत्र जारी करता है।ये अधिकार पत्र ट्रेन के चालक को उस सेक्शन के सभी रेड सिग्नलों को पार करने का अधिकार देता है। सूत्रों के अनुसार सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस को भी ये आधिकार-पत्र मिला था। ऐसे हुआ हादसा?
जीएफसीजे नामक एक मालगाड़ी लगभग समय सुबह 8:42 बजे रंगापानी से रवाना हुई और गाड़ी संख्या 13174 ट्रेन के पिछले हिस्से से टकरा गई। जिसके परिणामस्वरूप गार्ड का डिब्बा,दो पार्सल डिब्बे और एक जनरल डिब्बा पटरी से बेपटरी हो गई।रेलवे बोर्ड ने अपने शुरुआती बयान में कहा कि मालगाड़ी के चालक ने सिग्नल का उल्लंघन किया था। बरहाल इस पूरे मामले की अभी जांच पड़ताल की जा रही है मौके पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, दार्जिलिंग सांसद राजू बिष्टा व रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम लगातार कैंप कर रही है।
सारस न्यूज़, शशि कोशी रोक्का, प्रभारी पश्चिम बंगाल।
कंचनजंघा एक्सप्रेस दुर्घटना मामले में बड़ा खुलासा, सुबह से ही खराब थी ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम रेलवे सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तर हाट जंक्शन के बीच ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम सुबह से ही खराब था।
किशनगंज जिले से सटे पश्चिम बंगाल में सोमवार को कंचनजंघा एक्सप्रेस बड़े हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे में रेलवे अधिकारी के अनुसार 8 लोगों की मौत हुई है और कई लोग घायल हैं। ये हादसा उस वक्त हुआ जब रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तरहाट जंक्शन के बीच एक मालगाड़ी ने सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी। मालगाड़ी के इंजन ने कंजनजंघा एक्सप्रेस के तीन बोगी को क्षतिग्रस्त कर दिया जिसमें एक जनरल बोगी भी शामिल हैं।दूसरी ओर इस हादसे के बारे में एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। पीटीआई के सूत्रों के हवाले जानकारी दी गई है कि ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम खराब था। जिसके कारण इतनी बड़ी ट्रेन दुर्घटना हो गई। पश्चिम बंगाल में रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चटेर हाट के बीच ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम सुबह 5.50 बजे से ही खराब था। आपको बता दें कि इसी जगह पर एक मालगाड़ी ने सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी थी।
ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम के खराब होने से क्या होता है? दरअसल,ट्रेन नंबर 13174 सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस सुबह 8:27 बजे रंगापानी स्टेशन से रवाना हुई थी और सुबह 5:50 बजे से ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम के खराब होने के कारण रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तर हाट के बीच रुक गई।एक अधिकारी के अनुसार,जब ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम खराब होता है तो स्टेशन मास्टर ‘टीए 912’ नामक लिखित आधिकार-पत्र जारी करता है।ये अधिकार पत्र ट्रेन के चालक को उस सेक्शन के सभी रेड सिग्नलों को पार करने का अधिकार देता है। सूत्रों के अनुसार सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस को भी ये आधिकार-पत्र मिला था। ऐसे हुआ हादसा?
जीएफसीजे नामक एक मालगाड़ी लगभग समय सुबह 8:42 बजे रंगापानी से रवाना हुई और गाड़ी संख्या 13174 ट्रेन के पिछले हिस्से से टकरा गई। जिसके परिणामस्वरूप गार्ड का डिब्बा,दो पार्सल डिब्बे और एक जनरल डिब्बा पटरी से बेपटरी हो गई।रेलवे बोर्ड ने अपने शुरुआती बयान में कहा कि मालगाड़ी के चालक ने सिग्नल का उल्लंघन किया था। बरहाल इस पूरे मामले की अभी जांच पड़ताल की जा रही है मौके पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, दार्जिलिंग सांसद राजू बिष्टा व रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम लगातार कैंप कर रही है।
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