राजीव कुमार, सारस न्यूज, ठाकुरगंज।
ठाकुरगंज में आम जन जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुका है। घर हो या दुकान, विद्यार्थी हो या व्यापारी, दो दिन से बिजली आपूर्ति ठप रहने से सब परेशान है। कभी पता चलता है फलाने जगह तक मरम्मत का कार्य पूरा हो चुका है तो कभी कुछ। कभी छतरगछ तक काम होने की बात सुनने को मिलती है तो कभी महानंदा तक। लेकिन फिलहाल स्थिति तो यही है की दो दिन से बिजली पूरी तरह ठप रहने से लोग परेशान है। और टकटकी लगाए बैठे हैं की कब बिजली आए।
लोग विरोध भी कर रहे हैं। ठाकुरगंज के गांधीनगर के ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के शक्ति उपकेंद्र में बिजली विभाग की लापरवाही से तंग आकर केंद्र पर जाकर हंगामा किया, शीशा फोड़ा। जहां बाद में मौके पर पहुंच कर प्रशासन ने मामला को शांत करवाया।
इस विरोध प्रदर्शन पर सारस न्यूज की निर्देशिका स्वाति राय ने लिखा “बढ़िया। संकेतात्मक विरोध तो करना ही चाहिए। विभाग के कर्मचारी काम कर रहे है बिजली बहाली में लगे है उन्हे उनके मेहनत के लिए धन्यवाद। लेकिन बड़े अधिकारी और निर्णय लेने वाले को याद दिलाना आवश्यक है की वे कितने लापरवाह हैं। कई घरों में पानी के लिए पूर्णतः बिजली पर निर्भरता है उनकी परेशानी कोन देखेगा? जिलाधिकारी, या कोई बड़े पदाधिकारी क्या ऐसे चालीस घंटा रह सकते? उम्मीद है बिजली आने के बाद भी वे इसे भूलेंगे नही और आवश्यक कार्यवाही करेंगे।”
लोग जन प्रतिनिधि से भी खासे नाराज है। एक वरिष्ठ पत्रकार ने लिखा है कि “जनप्रतिनिधियों ने लगभग 50 घंटों से ठप बिजली पर नहीं उठाया सवाल, ना ही दिए कोई प्रतिक्रिया। ऐसा लग रहा है कि वर्तमान विधायक ठाकुरगंज विधानसभा के नहीं बल्कि किसी और विधानसभा के विधायक हैं। यही हाल सांसद महोदय का भी रहा। बाकि बचे जन प्रतिनिधि भी खामोश, आखिर चुप्पी किस कारण ?” एक अन्य बुद्धिजीवी ने लिखा की “ई सब महानुभाव को एक मंच पर लाकर इनसे पूछा जाय कि हम सभी अपना वोट आपको क्यों दे।” एक व्यक्ति ने तो यह भी लिखा कि “ऐसे विधायकों को सबक सिखाना जरूरी है जिन्हे क्षेत्र की समस्याओं से कोई मतलब नहीं होता”
उम्मीद है बड़े पदाधिकारी आम लोगों की परेशानी समझेंगे और फिलहाल जो स्थिति है उससे निबटने के बाद ट्रांसमिशन लाइन कैसे दुरुस्त हो इसपर विचार करेंगे और आवश्यक कार्यवाही करेंगे।
समाचार लिखने तक बिजली की आपूर्ति नही हुई है और पूरा ठाकुरगंज अंधेरे में है। लगभग इस न्यूज के फीचर फोटो की तरह।