जिले में जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग जिला पदाधिकारी श्री तुषार सिंगला के दिशा निर्देश के आलिक में बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इसके लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का क्षमता वर्धन भी किया जा रहा है। इसी कर्म में जिले के सभी आशा को 18 बिन्दुओं पर आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में आशा कार्य, गतिविधियां, कौशल और परिणाम, आशा फैसलिटेटर की भूमिका, आशा फैसलिटेटर के लिए जरूरी कौशल, सहायक साधन, अश्विन पोर्टल, लाभार्थियों की गणना, गृह भ्रमण जांच सूची, आरोग्य दिवस और कलस्टर बैठक से संबंधित जानकारी दी जा रही है । सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि आशा कार्यकर्ता को स्वास्थ्य संबंधी 92 योजनाओं पर कार्य करने का अवसर मिलता है। जिला पदाधिकारी के दिशा निर्देश के आलोक में डीडीए सुमन सिन्हा एवं डीसीएम् के द्वारा प्रक्शंदो में आशा कार्यकर्ताओ को आस्था के कार्य की गतिविधि ,कौशल परिणाम, आशा की क्या भूमिका होती है ,अश्वनी पोर्टल , गांव गांव जाकर घर भ्रमण आदि के बारे में जानकारी दी जा रही है ।
आशा कार्यकर्ताओं को मातृत्व देखभाल की डी जा रही प्रशिक्षण।
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आशा फैसिलिटेटर आशा कार्यकर्ताओं को 2 दिन की ट्रेनिंग देगी और उन्हें बताएंगी कि उन्हें क्या करना है। कार्यशाला में बताया गया कि मातृत्व देखभाल कैसे करनी है । गर्भावस्था के कारण स्वास्थ्य देखभाल के लिए गर्भवती महिलाओं को सलाह देना, घरों में नवजात शिशुओं के पास जाकर शिशुओं की देखभाल करना और स्तनपान के बारे में जानकारी देना । हर हाल में नवजात बच्चों को स्तनपान मां को कराना है। बाहरी दूध बच्चे को नहीं पिलाना है 6 माह तक , उस क्षेत्र में अगर बच्चा पैदा लिया है और वजन कम है तो उसकी पहचान कर इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाने के बारे में जानकारी दी गई।
लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलना होगा सुनिश्चित।
जिला स्वास्थ्य समिति के डीडीए सुमन सिन्हा ने बताया, यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में दिया जा रहा है। प्रशिक्षण से लाभ लेकर आशा फैसिलिटेटरों अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन बेहतर तरीके से कर सकेंगी। साथ ही, समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा का लाभ पहुंचाएंगी। वहीं, इसके माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ मिल सकेगा और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलना सुनिश्चित होगा। उन्होंने बताया, प्रशिक्षण सत्र में आशा कार्यकर्ताओं को लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने, महिलाओं को प्रसव पूर्व की तैयारियां, सुरक्षित प्रसव, सुरक्षित गर्भपात, समय से पूर्व जन्मे बच्चे औऱ जन्म के समय कम वजन वाले शिशुओं का कैसे मूल्यांकन किया जाना है, साथ ही होने वाले खतरों से कैसे सुरक्षित करना है आदि के संबंध में वृस्तित जानकारी दी जा रही है।
आशा कार्यकर्ताओं में पैदा होगी गहन समझ।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ मुनाजिम ने बताया, प्रशिक्षण के माध्यम से आशा फैसिलिटेटरों का क्षमता वर्धन होगा। साथ ही, प्रसव के बाद उनके कार्यों की गहन समझ पैदा होगी। जो काफी महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से आशा कार्यकर्ताओं को शिशुओं की देखभाल संबंधी जानकारियां, मां को शिशुओं के देखभाल संबंधित जानकारी व परामर्श, नवजात शिशुओं में रक्त संक्रमण की पहचान एवं जांच के साथ स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी जा रही है। उन्हें बताया गया है कि सुरक्षित प्रसव के बाद भी वे गृह भर्मण कर जच्चा, बच्चा के स्वास्थ्य का पता लगाएंगी, साथ ही किसी तरह की परेशानी होने पर उन्हें अस्पताल लेकर आएंगी, उचित ईलाज में सहायता उपलब्ध कराएंगी। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी सभी सेवाओं का आशा कार्यकर्ता को विस्तृत जानकारी उपलब्ध करानी। ताकि वह अपने क्षेत्र के लोगों को सुविधाजनक तरीके से बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करा सके और लोगों को भी सरकार द्वारा चलाई जा रही तमाम स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी मिल सके।
सारस न्यूज़, राहुल कुमार, किशनगंज।
जिले में जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग जिला पदाधिकारी श्री तुषार सिंगला के दिशा निर्देश के आलिक में बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इसके लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का क्षमता वर्धन भी किया जा रहा है। इसी कर्म में जिले के सभी आशा को 18 बिन्दुओं पर आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में आशा कार्य, गतिविधियां, कौशल और परिणाम, आशा फैसलिटेटर की भूमिका, आशा फैसलिटेटर के लिए जरूरी कौशल, सहायक साधन, अश्विन पोर्टल, लाभार्थियों की गणना, गृह भ्रमण जांच सूची, आरोग्य दिवस और कलस्टर बैठक से संबंधित जानकारी दी जा रही है । सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि आशा कार्यकर्ता को स्वास्थ्य संबंधी 92 योजनाओं पर कार्य करने का अवसर मिलता है। जिला पदाधिकारी के दिशा निर्देश के आलोक में डीडीए सुमन सिन्हा एवं डीसीएम् के द्वारा प्रक्शंदो में आशा कार्यकर्ताओ को आस्था के कार्य की गतिविधि ,कौशल परिणाम, आशा की क्या भूमिका होती है ,अश्वनी पोर्टल , गांव गांव जाकर घर भ्रमण आदि के बारे में जानकारी दी जा रही है ।
आशा कार्यकर्ताओं को मातृत्व देखभाल की डी जा रही प्रशिक्षण।
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आशा फैसिलिटेटर आशा कार्यकर्ताओं को 2 दिन की ट्रेनिंग देगी और उन्हें बताएंगी कि उन्हें क्या करना है। कार्यशाला में बताया गया कि मातृत्व देखभाल कैसे करनी है । गर्भावस्था के कारण स्वास्थ्य देखभाल के लिए गर्भवती महिलाओं को सलाह देना, घरों में नवजात शिशुओं के पास जाकर शिशुओं की देखभाल करना और स्तनपान के बारे में जानकारी देना । हर हाल में नवजात बच्चों को स्तनपान मां को कराना है। बाहरी दूध बच्चे को नहीं पिलाना है 6 माह तक , उस क्षेत्र में अगर बच्चा पैदा लिया है और वजन कम है तो उसकी पहचान कर इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाने के बारे में जानकारी दी गई।
लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलना होगा सुनिश्चित।
जिला स्वास्थ्य समिति के डीडीए सुमन सिन्हा ने बताया, यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में दिया जा रहा है। प्रशिक्षण से लाभ लेकर आशा फैसिलिटेटरों अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन बेहतर तरीके से कर सकेंगी। साथ ही, समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा का लाभ पहुंचाएंगी। वहीं, इसके माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ मिल सकेगा और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलना सुनिश्चित होगा। उन्होंने बताया, प्रशिक्षण सत्र में आशा कार्यकर्ताओं को लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने, महिलाओं को प्रसव पूर्व की तैयारियां, सुरक्षित प्रसव, सुरक्षित गर्भपात, समय से पूर्व जन्मे बच्चे औऱ जन्म के समय कम वजन वाले शिशुओं का कैसे मूल्यांकन किया जाना है, साथ ही होने वाले खतरों से कैसे सुरक्षित करना है आदि के संबंध में वृस्तित जानकारी दी जा रही है।
आशा कार्यकर्ताओं में पैदा होगी गहन समझ।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ मुनाजिम ने बताया, प्रशिक्षण के माध्यम से आशा फैसिलिटेटरों का क्षमता वर्धन होगा। साथ ही, प्रसव के बाद उनके कार्यों की गहन समझ पैदा होगी। जो काफी महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से आशा कार्यकर्ताओं को शिशुओं की देखभाल संबंधी जानकारियां, मां को शिशुओं के देखभाल संबंधित जानकारी व परामर्श, नवजात शिशुओं में रक्त संक्रमण की पहचान एवं जांच के साथ स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी जा रही है। उन्हें बताया गया है कि सुरक्षित प्रसव के बाद भी वे गृह भर्मण कर जच्चा, बच्चा के स्वास्थ्य का पता लगाएंगी, साथ ही किसी तरह की परेशानी होने पर उन्हें अस्पताल लेकर आएंगी, उचित ईलाज में सहायता उपलब्ध कराएंगी। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी सभी सेवाओं का आशा कार्यकर्ता को विस्तृत जानकारी उपलब्ध करानी। ताकि वह अपने क्षेत्र के लोगों को सुविधाजनक तरीके से बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करा सके और लोगों को भी सरकार द्वारा चलाई जा रही तमाम स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी मिल सके।
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