किशनगंज जिले का पोठिया अंचल पहले से ही अनियमितताओं और लापरवाही के कारण चर्चा में रहा है। लेकिन इस पर प्रशासन का ध्यान नहीं होने के कारण विभाग के कर्मी बेखौफ होकर अनियमितता और लापरवाही कर रहे हैं।
एक बार फिर एक नया आधारहीन आपत्ति का मामला प्रकाश में आया है जिसमें अंचलाधिकारी द्वारा दाखिल खारिज मामलों में आम एवं खास सूचना पर हस्ताक्षर करने के बाद आपत्ति उठायी गयी है कि प्रस्तावित आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेज/केवाला का राजस्व कर्मचारी एवं राजस्व अधिकारी द्वारा दिए गए जाँच प्रतिवेदन के अवलोकन के पश्चात् अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।
पोठिया अंचल के अंचलाधिकारी मोहित राज ने वर्ष 2023-2024 के मामले 107, 1179, 2282, 2394, 2395, 2397, 2689, 2748, 2872, 3026, 3084 आदि में उक्त आपत्ति उठाई है। पोठिया अंचल के पूर्व अंचल अधिकारी निश्चल प्रेम भी मामलों को लंबित रखने के लिए इसी तरह की आपत्ति उठाते थे। निश्चल प्रेम ने जिन वादों पर आपत्ति जताई है उनमें वर्ष 2023-2024 के 1319, 1767, 1798, 1801, 1991, 2173 आदि शामिल हैं। जो अभी भी लंबित हैं। म्यूटेशन के ऐसे कई मामलों में आम और खास सूचनाओं पर हस्ताक्षर के बाद आपत्ति लगायी गयी हैं और महीनों तक लंबित रखा गया हैं।
यहां कई सवाल उठ रहे हैं कि अगर राजस्व कर्मचारी और राजस्व अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट अंचल अधिकारी को नहीं दी है, तो अंचल अधिकारी को राजस्व कर्मचारी और राजस्व अधिकारी को जांच रिपोर्ट नहीं देने के मामले में शोकॉज करना चाहिए या म्यूटेशन मामलों में आपत्ति जतानी चाहिए? क्या राजस्व कर्मचारी और राजस्व अधिकारी को आपत्ति जताने से पता चल जायेगा कि अंचल अधिकारी उनसे जांच रिपोर्ट मांग रहे हैं? क्या आपत्ति के बाद अब आवेदक राजस्व कर्मचारी एवं राजस्व पदाधिकारी की जांच रिपोर्ट अंचल अधिकारी को उपलब्ध करायेंगे।
बिहार राज्य के सभी जिलों में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई हो रही है, लेकिन विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल के किशनगंज जिले में ही सभी कर्मचारी और अधिकारी खुलेआम मनमानी कर रहे हैं और किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
सारस न्यूज़, पोठिया, किशनगंज।
किशनगंज जिले का पोठिया अंचल पहले से ही अनियमितताओं और लापरवाही के कारण चर्चा में रहा है। लेकिन इस पर प्रशासन का ध्यान नहीं होने के कारण विभाग के कर्मी बेखौफ होकर अनियमितता और लापरवाही कर रहे हैं।
एक बार फिर एक नया आधारहीन आपत्ति का मामला प्रकाश में आया है जिसमें अंचलाधिकारी द्वारा दाखिल खारिज मामलों में आम एवं खास सूचना पर हस्ताक्षर करने के बाद आपत्ति उठायी गयी है कि प्रस्तावित आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेज/केवाला का राजस्व कर्मचारी एवं राजस्व अधिकारी द्वारा दिए गए जाँच प्रतिवेदन के अवलोकन के पश्चात् अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी।
पोठिया अंचल के अंचलाधिकारी मोहित राज ने वर्ष 2023-2024 के मामले 107, 1179, 2282, 2394, 2395, 2397, 2689, 2748, 2872, 3026, 3084 आदि में उक्त आपत्ति उठाई है। पोठिया अंचल के पूर्व अंचल अधिकारी निश्चल प्रेम भी मामलों को लंबित रखने के लिए इसी तरह की आपत्ति उठाते थे। निश्चल प्रेम ने जिन वादों पर आपत्ति जताई है उनमें वर्ष 2023-2024 के 1319, 1767, 1798, 1801, 1991, 2173 आदि शामिल हैं। जो अभी भी लंबित हैं। म्यूटेशन के ऐसे कई मामलों में आम और खास सूचनाओं पर हस्ताक्षर के बाद आपत्ति लगायी गयी हैं और महीनों तक लंबित रखा गया हैं।
यहां कई सवाल उठ रहे हैं कि अगर राजस्व कर्मचारी और राजस्व अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट अंचल अधिकारी को नहीं दी है, तो अंचल अधिकारी को राजस्व कर्मचारी और राजस्व अधिकारी को जांच रिपोर्ट नहीं देने के मामले में शोकॉज करना चाहिए या म्यूटेशन मामलों में आपत्ति जतानी चाहिए? क्या राजस्व कर्मचारी और राजस्व अधिकारी को आपत्ति जताने से पता चल जायेगा कि अंचल अधिकारी उनसे जांच रिपोर्ट मांग रहे हैं? क्या आपत्ति के बाद अब आवेदक राजस्व कर्मचारी एवं राजस्व पदाधिकारी की जांच रिपोर्ट अंचल अधिकारी को उपलब्ध करायेंगे।
बिहार राज्य के सभी जिलों में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई हो रही है, लेकिन विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल के किशनगंज जिले में ही सभी कर्मचारी और अधिकारी खुलेआम मनमानी कर रहे हैं और किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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