किशनगंज जिले के ठाकुरगंज में इन दिनों सड़कों पर इंट्री माफिया का दबदबा चला रहा है।खुलेआम सड़कों पर बेहिचक ओवरलोड वाहनों का परिचालन धड़ल्ले से जारी है,इनलोगों को ना तो प्रशासन का खोफ है ना ही खनन विभाग का बिहार सरकार को करोड़ों राजस्व का नुकसान पहुंचा कर इंट्री माफिया मालामाल हो रहे हैं,जबकि सड़कों पर बेहिचक ओवरलोडिंग वाहन चलने से लगातार सड़कों पर दुर्घटनाएं हों रहीं हैं,बीते दिनों सड़क दुर्घटना होने से कोई लोगों की जान भी जा चुंकि है,आपको बताते कि पश्चिमी बंगाल से सटे गलगलिया-अररिया एन.एच 327 ई से होकर गलगलिया चेक पोस्ट के रास्ते रोज़ सैकड़ों ओवरलोड ट्रंकों का परिचालन पूर्वोत्तर राज्यों से बिना किसी रोक टोक के जारी है.सुबह व शाम से आधी रात होते ही बंगाल की ओर से सैकड़ों की संख्या में ओवरलोड ट्रक बालू,गिट्टी,बेडमिशाली लदें कर पश्चिम बंगाल से बिहार में प्रवेश करतीं हैं और खुल्लेआम बिहार की सड़कों दौड़ती है,इन ओवरलोड वाहनों पर ना तो जिला प्रशासन को नज़र पड़ती नहीं संबंधित विभाग का, जिसके कारण बिहार सरकार को करोड़ों रुपए की राजस्व छति हों रहीं हैं।इंट्री माफिया के द्वारा इन वाहनों की परिचालन गलगलिया एनएच 327ई के रास्ते बिहार में सुबह होते ही और आधी रात को शुरू हो जाता है.सूत्रों की मानें तो विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण इस सड़क पर बिहार व बंगाल के सीमावर्ती इलाके में कुछ इंट्री माफिया सक्रिय हैं जो के एक के बाद एक कर वाहनों का आवागमन कराते हैं।बिहार के किशनगंज जिले में इंट्री माफिया का बढ़ता दबदबा वाकई चिंता का विषय है।ओवरलोड वाहनों के खुलेआम परिचालन से न केवल सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं,बल्कि राज्य सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान भी हो रहा है। गलगलिया-अररिया एन.एच 327 ई पर रोज़ाना सैकड़ों ओवरलोड ट्रकों का बिना किसी रोक-टोक के परिचालन हो रहा है,जिससे इंट्री माफिया मालामाल हो रहे हैं।प्रशासन और संबंधित विभागों की उदासीनता के कारण इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।आवश्यक है कि प्रशासन इस दिशा में त्वरित कदम उठाए और सख्त कार्रवाई करे ताकि आम जनता को इस समस्या से निजात मिल सके और राज्य के राजस्व का नुकसान भी रोका जा सके।किशनगंज जिले में सड़कों पर ओवरलोड वाहनों का संचालन एक गंभीर समस्या बन गई है।यह न केवल सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन रहा है,बल्कि बिहार सरकार को भी बड़े पैमाने पर राजस्व की हानि हो रही है।यह मुद्दा प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई की मांग करता है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस पर सख्ती से कदम उठाए और सड़कों पर हो रहे ओवरलोड वाहनों के परिचालन को रोके।सारस न्यूज़ टीम किशनगंज जिले प्रशासन से मांग करतीं हैं कि इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाएं जा सकतें हैं।
सघन चेकिंग अभियान: सड़कों पर नियमित और सघन चेकिंग अभियान चलाकर ओवरलोड वाहनों को रोका जाए।
सीसीटीवी निगरानी: महत्वपूर्ण चेक पोस्ट और सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, ताकि वाहनों की निगरानी की जा सके।
कानूनी कार्रवाई: ओवरलोड वाहनों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, जिससे इन पर अंकुश लगाया जा सके।
जन जागरूकता अभियान: जनता को ओवरलोड वाहनों से होने वाले खतरों के बारे में जागरूक किया जाए।
*विभागीय जिम्मेदारी: संबंधित विभागों की जिम्मेदारी तय की जाए और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन,पुलिस,और संबंधित विभागों के बीच समन्वय आवश्यक है। वही इस पूरे मामले पर जब सारस न्यूज़ संवाददाता के द्वारा खनिज विकास पदाधिकारी प्रणव कुमार से दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने मामले कि जांच कर करवाई करने का भरोसा दिलाया।
शशि कोशी रोक्का, किशनगंज ब्यूरो।
किशनगंज जिले के ठाकुरगंज में इन दिनों सड़कों पर इंट्री माफिया का दबदबा चला रहा है।खुलेआम सड़कों पर बेहिचक ओवरलोड वाहनों का परिचालन धड़ल्ले से जारी है,इनलोगों को ना तो प्रशासन का खोफ है ना ही खनन विभाग का बिहार सरकार को करोड़ों राजस्व का नुकसान पहुंचा कर इंट्री माफिया मालामाल हो रहे हैं,जबकि सड़कों पर बेहिचक ओवरलोडिंग वाहन चलने से लगातार सड़कों पर दुर्घटनाएं हों रहीं हैं,बीते दिनों सड़क दुर्घटना होने से कोई लोगों की जान भी जा चुंकि है,आपको बताते कि पश्चिमी बंगाल से सटे गलगलिया-अररिया एन.एच 327 ई से होकर गलगलिया चेक पोस्ट के रास्ते रोज़ सैकड़ों ओवरलोड ट्रंकों का परिचालन पूर्वोत्तर राज्यों से बिना किसी रोक टोक के जारी है.सुबह व शाम से आधी रात होते ही बंगाल की ओर से सैकड़ों की संख्या में ओवरलोड ट्रक बालू,गिट्टी,बेडमिशाली लदें कर पश्चिम बंगाल से बिहार में प्रवेश करतीं हैं और खुल्लेआम बिहार की सड़कों दौड़ती है,इन ओवरलोड वाहनों पर ना तो जिला प्रशासन को नज़र पड़ती नहीं संबंधित विभाग का, जिसके कारण बिहार सरकार को करोड़ों रुपए की राजस्व छति हों रहीं हैं।इंट्री माफिया के द्वारा इन वाहनों की परिचालन गलगलिया एनएच 327ई के रास्ते बिहार में सुबह होते ही और आधी रात को शुरू हो जाता है.सूत्रों की मानें तो विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण इस सड़क पर बिहार व बंगाल के सीमावर्ती इलाके में कुछ इंट्री माफिया सक्रिय हैं जो के एक के बाद एक कर वाहनों का आवागमन कराते हैं।बिहार के किशनगंज जिले में इंट्री माफिया का बढ़ता दबदबा वाकई चिंता का विषय है।ओवरलोड वाहनों के खुलेआम परिचालन से न केवल सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं,बल्कि राज्य सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान भी हो रहा है। गलगलिया-अररिया एन.एच 327 ई पर रोज़ाना सैकड़ों ओवरलोड ट्रकों का बिना किसी रोक-टोक के परिचालन हो रहा है,जिससे इंट्री माफिया मालामाल हो रहे हैं।प्रशासन और संबंधित विभागों की उदासीनता के कारण इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।आवश्यक है कि प्रशासन इस दिशा में त्वरित कदम उठाए और सख्त कार्रवाई करे ताकि आम जनता को इस समस्या से निजात मिल सके और राज्य के राजस्व का नुकसान भी रोका जा सके।किशनगंज जिले में सड़कों पर ओवरलोड वाहनों का संचालन एक गंभीर समस्या बन गई है।यह न केवल सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन रहा है,बल्कि बिहार सरकार को भी बड़े पैमाने पर राजस्व की हानि हो रही है।यह मुद्दा प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई की मांग करता है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस पर सख्ती से कदम उठाए और सड़कों पर हो रहे ओवरलोड वाहनों के परिचालन को रोके।सारस न्यूज़ टीम किशनगंज जिले प्रशासन से मांग करतीं हैं कि इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाएं जा सकतें हैं।
सघन चेकिंग अभियान: सड़कों पर नियमित और सघन चेकिंग अभियान चलाकर ओवरलोड वाहनों को रोका जाए।
सीसीटीवी निगरानी: महत्वपूर्ण चेक पोस्ट और सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, ताकि वाहनों की निगरानी की जा सके।
कानूनी कार्रवाई: ओवरलोड वाहनों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, जिससे इन पर अंकुश लगाया जा सके।
जन जागरूकता अभियान: जनता को ओवरलोड वाहनों से होने वाले खतरों के बारे में जागरूक किया जाए।
*विभागीय जिम्मेदारी: संबंधित विभागों की जिम्मेदारी तय की जाए और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन,पुलिस,और संबंधित विभागों के बीच समन्वय आवश्यक है। वही इस पूरे मामले पर जब सारस न्यूज़ संवाददाता के द्वारा खनिज विकास पदाधिकारी प्रणव कुमार से दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने मामले कि जांच कर करवाई करने का भरोसा दिलाया।
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