सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
केरल के वायनाड में तेज बारिश के कारण देर रात चार अलग-अलग जगहों पर भूस्खलन हुआ, जिसमें चार गांव बह गए। घर, पुल, सड़कें और गाड़ियाँ भी बह गईं। अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 400 से ज्यादा लोग लापता हैं। यह हादसा देर रात 2 बजे और 4 बजे के बीच हुआ।
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए SDRF और NDRF की टीम मौके पर मौजूद है। कन्नूर से आर्मी के 225 जवानों को वायनाड के लिए रवाना किया गया है, जिसमें एक मेडिकल टीम भी शामिल है। इसके अलावा, एयरफोर्स के दो हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं।
वायनाड के चार गांव – मुंडक्काई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में भूस्खलन की घटना हुई है। 2019 में भी इन्हीं गांवों में भूस्खलन हुआ था, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी और पांच लोग आज तक लापता हैं। उस समय 52 घर तबाह हुए थे।
राहत और बचाव कार्य
स्वास्थ्य विभाग ने वायनाड लैंडस्लाइड के बाद कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया है और इमरजेंसी हेल्थ सर्विस के लिए दो हेल्पलाइन नंबर – 8086010833 और 9656938689 जारी किए हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने वैथिरी, कलपेट्टा, मेप्पाडी और मनंतवडी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है।
बारिश के चलते कोझिकोड जिले के सभी पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और सभी ग्रेनाइट खदानों को अस्थायी रूप से बंद करने के लिए कहा गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायनाड में भूस्खलन में मारे गए लोगों की मौत पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने केरल सरकार को केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया और मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।
इस आपदा के बीच राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं और सभी संबंधित विभाग स्थिति को नियंत्रित करने में लगे हुए हैं। आगे की जानकारी और अपडेट के लिए हमारे पोर्टल पर जुड़े रहें।