संविदा पर बहाल सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, स्टाफ नर्स, और एएनएमआर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 8 जुलाई से सरकारी कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं। गुरुवार को एनएचएम कर्मियों ने शहर के सुभाष स्टेडियम से सदर अस्पताल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय तक रैली निकाली, जिसका समापन सिविल सर्जन कार्यालय पर हुआ।
इसके बाद, एनएचएम कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सिविल सर्जन को सौंपा, जिसमें उन्होंने अपनी सेवा को नियमित करने और 5 महीने से लंबित वेतन का भुगतान करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा संविदा कर्मियों की मांगों पर सकारात्मक निर्णय न लेना उनके मौलिक अधिकारों का हनन है।
ज्ञापन सौंपते समय बिहार संविदा सीएचओ सचिव कमलेश शेरावत, बिहार चिकित्सा और जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, स्टाफ नर्स, और एएनएमआर भी शामिल थे। जिलाव्यापी आह्वान पर प्रदर्शन कर वे सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एफआरएएस केवल एनएचएम कर्मियों पर थोपना गलत और बेबुनियाद है।
इसलिए, वे सरकार से एफआरएएस को वापस लेने, सभी एनएचएम कर्मियों की आम मांगों और 5 महीने से लंबित वेतन का भुगतान करने, और समान काम के लिए समान वेतन देने की मांग कर रहे हैं। रैली में चिकित्सा और जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला मंत्री इशरारुल होदा, स्टाफ नर्स देशराज गुर्जर, मुकेश मीना, आशीष शर्मा, और सीएचओ शामिल थे। वे 8 जुलाई से संविदा पर बहाल सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, स्टाफ नर्स, और एएनएमआर अपनी मांगों को लेकर सरकारी कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं और 4 महीने से लंबित वेतन का भुगतान मांग रहे हैं।
सारस न्यूज़, अररिया।
संविदा पर बहाल सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, स्टाफ नर्स, और एएनएमआर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 8 जुलाई से सरकारी कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं। गुरुवार को एनएचएम कर्मियों ने शहर के सुभाष स्टेडियम से सदर अस्पताल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय तक रैली निकाली, जिसका समापन सिविल सर्जन कार्यालय पर हुआ।
इसके बाद, एनएचएम कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सिविल सर्जन को सौंपा, जिसमें उन्होंने अपनी सेवा को नियमित करने और 5 महीने से लंबित वेतन का भुगतान करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा संविदा कर्मियों की मांगों पर सकारात्मक निर्णय न लेना उनके मौलिक अधिकारों का हनन है।
ज्ञापन सौंपते समय बिहार संविदा सीएचओ सचिव कमलेश शेरावत, बिहार चिकित्सा और जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, स्टाफ नर्स, और एएनएमआर भी शामिल थे। जिलाव्यापी आह्वान पर प्रदर्शन कर वे सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एफआरएएस केवल एनएचएम कर्मियों पर थोपना गलत और बेबुनियाद है।
इसलिए, वे सरकार से एफआरएएस को वापस लेने, सभी एनएचएम कर्मियों की आम मांगों और 5 महीने से लंबित वेतन का भुगतान करने, और समान काम के लिए समान वेतन देने की मांग कर रहे हैं। रैली में चिकित्सा और जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला मंत्री इशरारुल होदा, स्टाफ नर्स देशराज गुर्जर, मुकेश मीना, आशीष शर्मा, और सीएचओ शामिल थे। वे 8 जुलाई से संविदा पर बहाल सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, स्टाफ नर्स, और एएनएमआर अपनी मांगों को लेकर सरकारी कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं और 4 महीने से लंबित वेतन का भुगतान मांग रहे हैं।
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