किशनगंज रेलवे स्टेशन पर जन निर्माण केंद्र चाइल्ड हेल्पलाइन, आरपीएफ और जीआरपी पुलिस बल के सहयोग से एक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। इस ऑपरेशन के दौरान प्लेटफार्म संख्या 02 पर चार बच्चों को संदिग्ध स्थिति में बैठा पाया गया। पूछताछ के दौरान बच्चों ने बताया कि वे दिल्ली काम करने जा रहे हैं और उनके साथ कोई नहीं है। उनकी उम्र 14 वर्ष से कम थी। जब उनके माता-पिता से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बच्चों को अकेले दिल्ली भेजा जा रहा है, जहां उनके रिश्तेदार उन्हें रिसीव करेंगे।
रेस्क्यू टीम ने बच्चों को अकेले भेजना उचित नहीं समझा और उन्हें मौके पर ही विमुक्त किया गया। इसके बाद, बच्चों को रेल थाना में सनहा दर्ज करके बाल कल्याण समिति किशनगंज के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति के आदेश पर बच्चों की चिकित्सीय जांच कराई गई और उन्हें हलफनामा के साथ उनके माता-पिता को सौंप दिया गया। समिति ने बच्चों की निगरानी करने और नजदीकी विद्यालय में उनका नामांकन करवाने का भी आदेश दिया। साथ ही, सामाजिक जांच प्रतिवेदन एक सप्ताह के भीतर जन निर्माण केंद्र को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज रेलवे स्टेशन पर जन निर्माण केंद्र चाइल्ड हेल्पलाइन, आरपीएफ और जीआरपी पुलिस बल के सहयोग से एक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। इस ऑपरेशन के दौरान प्लेटफार्म संख्या 02 पर चार बच्चों को संदिग्ध स्थिति में बैठा पाया गया। पूछताछ के दौरान बच्चों ने बताया कि वे दिल्ली काम करने जा रहे हैं और उनके साथ कोई नहीं है। उनकी उम्र 14 वर्ष से कम थी। जब उनके माता-पिता से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बच्चों को अकेले दिल्ली भेजा जा रहा है, जहां उनके रिश्तेदार उन्हें रिसीव करेंगे।
रेस्क्यू टीम ने बच्चों को अकेले भेजना उचित नहीं समझा और उन्हें मौके पर ही विमुक्त किया गया। इसके बाद, बच्चों को रेल थाना में सनहा दर्ज करके बाल कल्याण समिति किशनगंज के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति के आदेश पर बच्चों की चिकित्सीय जांच कराई गई और उन्हें हलफनामा के साथ उनके माता-पिता को सौंप दिया गया। समिति ने बच्चों की निगरानी करने और नजदीकी विद्यालय में उनका नामांकन करवाने का भी आदेश दिया। साथ ही, सामाजिक जांच प्रतिवेदन एक सप्ताह के भीतर जन निर्माण केंद्र को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
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