राजीव कुमार, सारस न्यूज़, अररिया।
स्वतंत्रता संग्राम में अररिया का योगदान अहम् है और अररिया जिले में स्वतंत्रता संग्राम का स्वर्णिम इतिहास रहा है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 से लेकर अगस्त क्रांति 1942 तक हर मौके पर अररिया के सपूतों ने देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने में अहम योगदान दिया है। जिलेवासियों को अपने इन सपूतों पर गर्व है। ऐसे ही एक वीर सपूत थे स्वतंत्रता सेनानी और साहित्यकार पंडित रामदेनी तिवारी द्विजदेनी।
पंडित रामदेनी तिवारी द्विजदेनी को जिले में स्वतंत्रता आंदोलन का सूत्रधार माना जाता है। उनके सम्मान में अररिया बस स्टैंड में स्मारक तो बना लेकिन बिना देखभाल के यह दयनीय स्थिति में है।
इस मामले में ज्यादा जानकारी के लिए सारस न्यूज़ ने पटना साइंस कॉलेज के प्रोफेसर और पिछले लोकसभा चुनाव में अररिया से निर्दलीय उम्मीदवार डॉ अखिलेश से बात की। सारस न्यूज़ से बातचीत में डॉ अखिलेश ने बताया कि महापुरुष का स्मारक बनाने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्मारक गुणवत्तापूर्ण बने और समुचित देखभाल की व्यवस्था हो। उन्ही के शब्दों में “मेरा मानना है कि इस तरह जैसे तैसे और जहां तहां किसी महापुरुष का स्मारक नहीं बनाया जाना चाहिए। या तो आप बनाएं नहीं या बनाएं तो पहले उसका गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित कराएं और आगे उसका प्रॉपर रख रखाव व देखभाल का इंतजाम करें। ऐसा नहीं करने पर एक तरह से हम महापुरुष का अपमान ही करते हैं। आज अररिया बस स्टैंड के पास ओवरब्रिज के बगल में दुर्दशा का शिकार “द्विजदेनी” जी के स्मारक पर नजर चली गई। मुझे काफी अफसोस हुआ। हम अररिया जिला प्रशासन, नगर परिषद अध्यक्ष, सांसद और विधायक से आग्रह करते हैं कि वे यथाशीघ्र इस स्मारक का दुरस्तीकरण सुनिश्चित करें और जिले के महान स्वतंत्रता सेनानी “द्विजदेनी” जी के प्रति सम्मान समर्पित करें।”

