बिहार के गया जिले में नकली दवाइयों का बड़ा धंधा सामने आया है, जिसमें 50 लाख रुपये की नकली दवाइयां बरामद की गई हैं। जिले में नकली दवाओं का यह अवैध व्यापार बड़े पैमाने पर चल रहा था। इस गोरखधंधे को रोकने के लिए सक्रिय कंपनी ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के एमडी मुस्तफा हुसैन ने मुफ्फसिल थाना पुलिस की सहायता से छापेमारी की, जिसमें ये नकली दवाएं जब्त की गईं।
गया के मानपुर इलाके में भूसंडा देवी स्थान के पास से नकली दवाइयां और कॉस्मेटिक उत्पाद मिले हैं, जिनकी कीमत लगभग 50 लाख रुपये आंकी गई है। मुफ्फसिल थाने के प्रभारी रघुनाथ प्रसाद ने बताया कि संजीत कुमार विश्वकर्मा के मकान से जीवन रक्षक दवाएं और ब्रांडेड नाम से कॉस्मेटिक बेचे जा रहे थे। यहां किराए पर रह रहे गया के जीबी रोड चौक निवासी अमित कुमार और उसके सहयोगी इस नकली दवाओं के धंधे में लिप्त थे।
पुलिस की छापेमारी की खबर मिलते ही अमित कुमार मौके से फरार हो गया और उसके अन्य सहयोगी भी पुलिस के पहुंचने से पहले गायब हो गए। इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन मुफ्फसिल थाने में मामला दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी है। जब्त की गई दवाओं में बीपी की चैमरल फोर्ट टैबलेट, गैस की 40 सीपला डीन वुड़ा कोस्ट, इनहेलर, हिमालया का फेस वॉश, औस्थलीन सिरप, डिटॉल, एंटीसेप्टिक, शुगर फ्री, गोल्ड ज़ाइडस का सिरप, स्टेमेटील टैबलेट, एभिल इंजेक्शन, शोमेंटैक्स कैनकोर 5mg, करवोफेज टैबलेट जैसी कई दवाइयां शामिल हैं।
इस छापेमारी ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है। लंबे समय से चल रहे इस नकली दवा कारोबार के बारे में अधिकारियों और पुलिस को कोई जानकारी नहीं थी। स्थानीय लोग भी इस बात से हैरान हैं कि बाजार में बिकने वाली दवाएं नकली थीं और उनके सेवन से स्वास्थ्य पर खतरा हो सकता था। इस कार्रवाई से दवा कारोबारियों के बीच भी हड़कंप मच गया है।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
बिहार के गया जिले में नकली दवाइयों का बड़ा धंधा सामने आया है, जिसमें 50 लाख रुपये की नकली दवाइयां बरामद की गई हैं। जिले में नकली दवाओं का यह अवैध व्यापार बड़े पैमाने पर चल रहा था। इस गोरखधंधे को रोकने के लिए सक्रिय कंपनी ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के एमडी मुस्तफा हुसैन ने मुफ्फसिल थाना पुलिस की सहायता से छापेमारी की, जिसमें ये नकली दवाएं जब्त की गईं।
गया के मानपुर इलाके में भूसंडा देवी स्थान के पास से नकली दवाइयां और कॉस्मेटिक उत्पाद मिले हैं, जिनकी कीमत लगभग 50 लाख रुपये आंकी गई है। मुफ्फसिल थाने के प्रभारी रघुनाथ प्रसाद ने बताया कि संजीत कुमार विश्वकर्मा के मकान से जीवन रक्षक दवाएं और ब्रांडेड नाम से कॉस्मेटिक बेचे जा रहे थे। यहां किराए पर रह रहे गया के जीबी रोड चौक निवासी अमित कुमार और उसके सहयोगी इस नकली दवाओं के धंधे में लिप्त थे।
पुलिस की छापेमारी की खबर मिलते ही अमित कुमार मौके से फरार हो गया और उसके अन्य सहयोगी भी पुलिस के पहुंचने से पहले गायब हो गए। इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन मुफ्फसिल थाने में मामला दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी है। जब्त की गई दवाओं में बीपी की चैमरल फोर्ट टैबलेट, गैस की 40 सीपला डीन वुड़ा कोस्ट, इनहेलर, हिमालया का फेस वॉश, औस्थलीन सिरप, डिटॉल, एंटीसेप्टिक, शुगर फ्री, गोल्ड ज़ाइडस का सिरप, स्टेमेटील टैबलेट, एभिल इंजेक्शन, शोमेंटैक्स कैनकोर 5mg, करवोफेज टैबलेट जैसी कई दवाइयां शामिल हैं।
इस छापेमारी ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है। लंबे समय से चल रहे इस नकली दवा कारोबार के बारे में अधिकारियों और पुलिस को कोई जानकारी नहीं थी। स्थानीय लोग भी इस बात से हैरान हैं कि बाजार में बिकने वाली दवाएं नकली थीं और उनके सेवन से स्वास्थ्य पर खतरा हो सकता था। इस कार्रवाई से दवा कारोबारियों के बीच भी हड़कंप मच गया है।
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