सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
- संयुक्त सचिव सह निदेशक, गृह विभाग (कारा) ने दिए निर्देश
- सरकारी दफ्तरों एवं वेश्यालयों में भी खिलाई जाएगी फाइलेरिया की दवा
पटना – 10 अगस्त से राज्य में संचालित एमडीए कार्यक्रम के तहत राज्य के विभिन्न कारागृहों में बंदियों एवं जेल कर्मियों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जा रही है। इस संबंध में संयुक्त सचिव सह निदेशक, गृह विभाग (कारा), रजनीश कुमार सिंह द्वारा पहले ही पत्र जारी कर केंद्रीय कारा/मंडल कारा/महिला मंडल कारा/उपकारा/मुक्त कारा के अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
जारी पत्र में बताया गया है कि सर्वजन दवा सेवन के सफल क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग के जो अधिकारी/कर्मचारी आपके कारागृहों में आएंगे, उन्हें इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाए। जेल कर्मियों एवं बंदियों को दवा खिलाने में स्वास्थ्य विभाग को पिरामल स्वास्थ्य की टीम द्वारा सहयोग किया जा रहा है। राज्य के सभी 59 कारागृहों में फाइलेरिया की दवा खिलाने की योजना है।
पिरामल स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फाइलेरिया बासब रूज ने बताया कि कारागृहों के साथ-साथ सभी सरकारी कार्यालयों एवं वेश्यालयों में भी फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी, जहां समुदाय दवा सेवन से वंचित रह जाते थे। उन्होंने बताया कि हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है कि अधिक से अधिक संख्या में लोगों को दवा का सेवन कराया जाए, जिससे 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। गौरतलब है कि जून 2024 के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में इस समय लिम्फेडेमा के लगभग 1,60,168 और हाइड्रोसील के 22,270 केस चिन्हित किए गए हैं।