परिवार नियोजन कार्यक्रम की सफलता से समाज व राष्ट्र का समग्र विकास संभव
परिवार नियोजन कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण व संवेदीकरण को लेकर पोठिया प्रखंड में एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित
समाज की समृद्धि और खुशहाली के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम की सफलता बेहद जरूरी है। इससे न केवल व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन में सुधार होता है, बल्कि समाज और राष्ट्र का समग्र विकास भी सुनिश्चित होता है। परिवार नियोजन कार्यक्रम की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई महत्वपूर्ण पहल की जा रही हैं। इसी कड़ी में, परिवार नियोजन कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण और संवेदीकरण के उद्देश्य से जिले के पोठिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आशा कार्यकर्ता, पीएचसी के प्रसव कक्ष में कार्यरत जीएनएम और एएनएम, परिवार नियोजन परामर्शी, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने भाग लिया।
परिवार की खुशहाली और समृद्धि का आधार है परिवार नियोजन
कार्यशाला में पोठिया के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि परिवार नियोजन किसी परिवार की खुशहाली और समृद्धि का आधार है। यह हमें अपने परिवार के आकार को नियंत्रित और सीमित रखने में सक्षम बनाता है, साथ ही शारीरिक, मानसिक, और आर्थिक रूप से पूरी तरह सक्षम होने के बाद संतान प्राप्त करने की स्वतंत्रता देता है। जनसंख्या स्थिरीकरण के साथ-साथ, यह मां के बेहतर स्वास्थ्य और मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिहाज से भी बेहद उपयोगी है। बच्चों की सेहतमंद जिंदगी और शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिए शादी के बाद पहले बच्चे में दो साल की देरी और दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर होना जरूरी है। परिवार नियोजन के कई विकल्प आज हमारे पास उपलब्ध हैं। परिवार पूरा होने पर स्थायी साधनों का उपयोग और अनचाहे गर्भ से मुक्ति के लिए अस्थायी साधनों का भी विकल्प मौजूद है।
नियोजन का सबसे प्रभावी और सरल उपाय है पुरुष नसबंदी
सिविल सर्जन ने बताया कि पुरुष नसबंदी और महिला बंध्याकरण, परिवार नियोजन के स्थायी साधनों के रूप में दो बेहतर विकल्प हैं। वहीं, अंतरा सुई, माला एन गोली, आईयूसीडी, छाया, और कंडोम परिवार नियोजन के अस्थायी विकल्प हैं। उन्होंने पुरुष नसबंदी को स्थायी साधन के रूप में सबसे आसान और सरल बताया। योग्य दंपती कभी भी इसे अपना सकते हैं। पुरुष नसबंदी बिना किसी चीरा या टांका लगाए संभव है, और इसके बाद पुरुष आधे घंटे में अपने घर जा सकते हैं। इससे उनके रोज़मर्रा के कामकाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह परिवार नियोजन के सबसे प्रभावशाली तरीकों में से एक है, और चिह्नित स्वास्थ्य संस्थानों में यह सेवा नि:शुल्क उपलब्ध है।
परिवार नियोजन के फायदों से हर दंपती को अवगत कराना जरूरी
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि परिवार नियोजन सिर्फ एक स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह समाज और राष्ट्र के सतत विकास की मजबूत आधारशिला है। इसके माध्यम से हम माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं, साथ ही परिवार और समाज को आर्थिक रूप से सशक्त और खुशहाल बना सकते हैं। परिवार नियोजन योग्य दंपतियों को अपने जीवन और परिवार के आकार को नियंत्रित करने का अधिकार प्रदान करता है। हमारा उद्देश्य है कि हर दंपती को परिवार नियोजन के साधनों और इसके फायदों के बारे में सही जानकारी उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे जागरूक और जिम्मेदार निर्णय लेने में सक्षम हो सकें। इसके लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों और सहयोगी संस्थाओं का सहयोग जरूरी है। कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए उन्होंने सभी को अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
परिवार नियोजन कार्यक्रम की सफलता से समाज व राष्ट्र का समग्र विकास संभव
परिवार नियोजन कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण व संवेदीकरण को लेकर पोठिया प्रखंड में एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित
समाज की समृद्धि और खुशहाली के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम की सफलता बेहद जरूरी है। इससे न केवल व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन में सुधार होता है, बल्कि समाज और राष्ट्र का समग्र विकास भी सुनिश्चित होता है। परिवार नियोजन कार्यक्रम की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई महत्वपूर्ण पहल की जा रही हैं। इसी कड़ी में, परिवार नियोजन कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण और संवेदीकरण के उद्देश्य से जिले के पोठिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आशा कार्यकर्ता, पीएचसी के प्रसव कक्ष में कार्यरत जीएनएम और एएनएम, परिवार नियोजन परामर्शी, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने भाग लिया।
परिवार की खुशहाली और समृद्धि का आधार है परिवार नियोजन
कार्यशाला में पोठिया के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि परिवार नियोजन किसी परिवार की खुशहाली और समृद्धि का आधार है। यह हमें अपने परिवार के आकार को नियंत्रित और सीमित रखने में सक्षम बनाता है, साथ ही शारीरिक, मानसिक, और आर्थिक रूप से पूरी तरह सक्षम होने के बाद संतान प्राप्त करने की स्वतंत्रता देता है। जनसंख्या स्थिरीकरण के साथ-साथ, यह मां के बेहतर स्वास्थ्य और मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिहाज से भी बेहद उपयोगी है। बच्चों की सेहतमंद जिंदगी और शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने के लिए शादी के बाद पहले बच्चे में दो साल की देरी और दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर होना जरूरी है। परिवार नियोजन के कई विकल्प आज हमारे पास उपलब्ध हैं। परिवार पूरा होने पर स्थायी साधनों का उपयोग और अनचाहे गर्भ से मुक्ति के लिए अस्थायी साधनों का भी विकल्प मौजूद है।
नियोजन का सबसे प्रभावी और सरल उपाय है पुरुष नसबंदी
सिविल सर्जन ने बताया कि पुरुष नसबंदी और महिला बंध्याकरण, परिवार नियोजन के स्थायी साधनों के रूप में दो बेहतर विकल्प हैं। वहीं, अंतरा सुई, माला एन गोली, आईयूसीडी, छाया, और कंडोम परिवार नियोजन के अस्थायी विकल्प हैं। उन्होंने पुरुष नसबंदी को स्थायी साधन के रूप में सबसे आसान और सरल बताया। योग्य दंपती कभी भी इसे अपना सकते हैं। पुरुष नसबंदी बिना किसी चीरा या टांका लगाए संभव है, और इसके बाद पुरुष आधे घंटे में अपने घर जा सकते हैं। इससे उनके रोज़मर्रा के कामकाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह परिवार नियोजन के सबसे प्रभावशाली तरीकों में से एक है, और चिह्नित स्वास्थ्य संस्थानों में यह सेवा नि:शुल्क उपलब्ध है।
परिवार नियोजन के फायदों से हर दंपती को अवगत कराना जरूरी
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि परिवार नियोजन सिर्फ एक स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह समाज और राष्ट्र के सतत विकास की मजबूत आधारशिला है। इसके माध्यम से हम माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं, साथ ही परिवार और समाज को आर्थिक रूप से सशक्त और खुशहाल बना सकते हैं। परिवार नियोजन योग्य दंपतियों को अपने जीवन और परिवार के आकार को नियंत्रित करने का अधिकार प्रदान करता है। हमारा उद्देश्य है कि हर दंपती को परिवार नियोजन के साधनों और इसके फायदों के बारे में सही जानकारी उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे जागरूक और जिम्मेदार निर्णय लेने में सक्षम हो सकें। इसके लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों और सहयोगी संस्थाओं का सहयोग जरूरी है। कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए उन्होंने सभी को अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।
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