सारस न्यूज़, अररिया।
मनरेगा योजना के तहत कार्यरत हयातपुर पंचायत के पंचायत रोजगार सेवक बिंदेश्वर राम, अपने वरिष्ठ अधिकारी द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जाने से मानसिक और शारीरिक रूप से आहत हो गए थे। गुरुवार को लगभग सवा चार बजे, जिला कंट्रोल रूम से बिंदेश्वर राम को एक फोन कॉल आया, जिसमें पंचायत से संबंधित समीक्षा की जानकारी मांगी गई। फोन कॉल के दौरान, मनरेगा डीपीओ अफरोज आलम ने पंचायत सेवक को अपमानजनक भाषा में बातचीत करते हुए शाम 5 बजे डीआरडीए सभा भवन में आयोजित बैठक में आने के लिए कहा।
इस दुर्व्यवहार से आहत पंचायत सेवक की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्होंने अपने कार्यालय सहयोगियों को अपने अनुभव के बारे में बताया, जिसके बाद उनकी तबीयत और खराब हो गई। तब सहयोगियों ने उन्हें मनरेगा पीओ के एसी कार्यालय में आराम करने को कहा। कुछ देर बाद स्थिति थोड़ी ठीक होने पर पंचायत सेवक निर्धारित समय पर बैठक में पहुंचे। लेकिन वहां, डीपीओ ने फिर से उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया, जिससे बिंदेश्वर राम की हालत गंभीर हो गई, और उनका एक हाथ और पैर काम करना बंद कर दिया।
स्थिति बिगड़ते देख, उनके सहयोगियों ने उन्हें तुरंत मॉडल सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया। चिकित्सक ने प्रारंभिक जांच के बाद सिटी स्कैन कराने की सलाह दी और बताया कि अत्यधिक ब्लडप्रेशर बढ़ने के कारण उनके मस्तिष्क की नस फट गई है। चिकित्सक ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर करने का सुझाव दिया। बाद में उनके परिजनों ने उन्हें नेपाल के विराटनगर स्थित न्यूरो अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया। देर शाम करीब 8 बजे, पंचायत रोजगार सेवक को उनके परिजन नेपाल लेकर रवाना हुए।
इस घटना की सूचना पाकर मनरेगा पीआईओ रजनीकांत सिंह, लेखापाल राजकुमार मंडल, डीपीओ अफरोज आलम, और अन्य अधिकारी सदर अस्पताल पहुंचे। वहीं, हयातपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि और कई अन्य सहयोगी भी अस्पताल में मौजूद थे।
पहले भी कर चुके हैं कर्मियों से दुर्व्यवहार
अस्पताल परिसर में मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि डीपीओ अफरोज आलम द्वारा पहले भी अन्य कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार किया जा चुका है। कई बार कर्मचारियों ने इस प्रताड़ना की शिकायत उप विकास आयुक्त संजय कुमार को भी दी थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। डीपीओ से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।