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फैमिली प्लानिंग लाजिस्टिक मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम पर स्वास्थ्य कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण।

-परिवार नियोजन को लेकर कुल 12 प्रकार के स्थाई व अस्थाई संसाधन मौजूद हैं

राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।

फैमली प्लानिंग लाजिस्टिक मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम के बारे में स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। सिविल सर्जन ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए बताया कि परिवार नियोजन को लेकर कुल 12 प्रकार के स्थाई व अस्थाई संसाधन मौजूद हैं। फैमिली प्लानिंग लाजिस्टिक मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम का सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से जिले एएनएम् स्कूल प्रांगन में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला स्वास्थ्य समिति के द्वारा आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने किया। कार्यशाला एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में डीपीएम डॉ मुनाजिम , डीपीसी विश्वजीत कुमार, जिला मूल्यांकन व अनुश्रवण पदाधिकारी शामिल हुए । कार्यशाला में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, स्टोर कीपर, प्रखंड सामुदायिक प्रबंधक व प्रखंड मूल्यांकन व अनुश्रवण पदाधिकारी ने भाग लिया।

परिवार नियोजन को लेकर कुल प्रकार के स्थाई व अस्थाई संसाधन मौजूद हैं-
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी तुषार सिंगला के दिशा- निर्देश के आलोक में कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कहा कि परिवार नियोजन रसद प्रबंधन सूचना प्रणाली” होता है। यह भारत सरकार का एक प्रोग्राम है। जिसका मुख्य उद्देश्य फैमिली प्लानिंग से संबंधित सप्लाई चेन को मैनेज करना और आखिरी उपयोगकर्ता तक इसका लाभ पहुँचाना है। परिवार नियोजन को लेकर कुल 12 प्रकार के स्थाई व अस्थाई संसाधन मौजूद हैं। जिसमे अस्थाई साधन में से कंडोम, अंतरा इंजेक्शन, छाया गोली, माला एन व अन्य को व्यवस्थित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है शामिल हैं। प्रखंड स्तर पर इन संसाधनों की उपलब्धता निर्धारित पोर्टल पर अपलोड किया जाना है। ताकि प्रखंड स्तर पर इन सामग्रियों की मांग के अनुरूप आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जा सके। लॉजिस्टिक मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम के माध्यम से प्रखंड भंडार गृह में इन सामग्रियों की उपलब्धता का पता लगाना आसान होगा। इसके आधार पर एक प्रखंड से दूसरे प्रखंड को उक्त सामग्री हस्तगत कराना आसान हो सकता है। आनलाइन माध्यम से परिवार नियोजन के उपायों को लेकर उपलब्ध सामग्री के प्रबंधन को बेहतर बनाना व रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को आसान बनाते हुए आम लोगों को नियोजन संबंधी बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिहाज से प्रशिक्षण कार्यक्रम को उन्होंने महत्वपूर्ण बताया।

आसान होगी अनुश्रवण की प्रक्रिया-
कार्यशाला में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में भाग ले रहे डीपिसी विस्वजित कुमार ने स्वास्थ्य अधिकारियों व कर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि परिवार नियोजन से जुड़ी सेवाओं को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चिकित्सा संस्थानों में विभिन्न सामग्री उपलब्ध करायी जाती है। इसके लॉजिस्टिक मैनेजमेंट की प्रक्रिया को दुरुस्त बनाने के उद्देश्य से ऑनलाइन सिस्टम विकसित की गई है। इसकी मदद से जिला, राज्य व केंद्र स्तर पर परिवार नियोजन से जुड़ी सामग्रियों का ससमय बेहतर अनुश्रवण सुनिश्चित करायी जा सकेगी। ताकि लोगों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध करायी जा सके।

हर स्तर पर नियोजन के अस्थायी साधन की उपलब्धता जरूरी-
प्रशिक्षण के दौरान जिला मूल्यांकन व अनुश्रवण पदाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि लाजिस्टिक मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम के माध्यम से परिवार नियोजन के साधनों की मांग व वितरण में पारदर्शिता आएगी। इसके माध्यम से परिवार नियोजन के उपायों से जुड़े संसाधन की मॉनिटरिंग राज्यस्तर से आशा के स्तर तक की जा सकेगी। इससे परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों की उपलब्धता जिला से लेकर ग्राम स्तर पर सुनिश्चित करायी जा सकेगी। ताकि कोई भी दंपति अपनी रुचि के आधार पर इन साधनों का चयन करते हुए इसका लाभ उठा सके। जो जिले के प्रजनन दर में कमी लाने के लिहाज से महत्वपूर्ण है।


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