जिला स्वास्थ्य समिति प्रांगण में स्वास्थ्यकर्मियों ने ली मरीजों की सुरक्षा की शपथ
रोगियों की सुरक्षा करना स्वास्थ्य कर्मियों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी – सिविल सर्जन
जिला स्वास्थ्य समिति प्रांगण में, स्वास्थ्यकर्मियों ने मरीजों की सुरक्षा की शपथ ली। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “रोगियों की सुरक्षा करना स्वास्थ्य कर्मियों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।” विश्व रोगी सुरक्षा दिवस के तहत डब्ल्यूएचओ (WHO) ने इस वर्ष की थीम “रोगी सुरक्षा के लिए निदान में सुधार” रखी है। इसका उद्देश्य रोगियों को होने वाले नुकसान को कम करना और निदान में सुधार करना है।
रोगी सुरक्षा में सुधार की आवश्यकता
रोगी सुरक्षा में सुधार का मतलब है स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाना और रोगियों को नुकसान पहुंचाने वाले कारकों को कम करना। यह दिवस वैश्विक स्वास्थ्य और सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है और “सबसे पहले, कोई नुकसान न करें” सिद्धांत पर आधारित है। डब्ल्यूएचओ ने इस वर्ष सुरक्षित और सम्मानजनक शिशु जन्म पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है।
सिविल सर्जन ने की शपथ दिलाई
जिला स्वास्थ्य समिति के प्रांगण में सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार की अध्यक्षता में स्वास्थ्यकर्मियों ने मरीजों की सुरक्षा की शपथ ली। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को सुरक्षित और अनुशासित बनाना है ताकि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण देखभाल मिल सके। डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सभी स्वास्थ्यकर्मियों को मिलकर काम करना होगा। साथ ही मरीजों की जांच के दौरान उन्हें उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना चाहिए ताकि वे स्वयं का बेहतर ध्यान रख सकें।
संक्रमण रोकथाम और दवाओं की सुरक्षा
डॉ. मुनाजिम, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान संक्रमण रोकथाम, सही दवाओं का चयन, और मरीजों की जानकारी की गोपनीयता पर विशेष ध्यान दिया गया। साथ ही, स्वास्थ्यकर्मियों को रोगी सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया।
11 से 17 सितंबर तक रोगी सुरक्षा सप्ताह का आयोजन
डीडीए सह डी.क्यू.ए. सी सुमन सिन्हा ने बताया कि 17 सितंबर तक “रोगी सुरक्षा सप्ताह” मनाया गया है। इस दौरान “मेडिकेशन सेफ्टी” पर विशेष जोर दिया गया है। पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है, जिसमें दवा की सही पहचान, जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता और दवा पर्ची की जांच जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
सिविल सर्जन ने बताया कि रोगी अपनी सुरक्षा के लिए निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
यदि आप किसी एलर्जी से पीड़ित हैं, तो अस्पताल के कर्मचारियों को इसकी सही जानकारी दें।
यदि आपको निदान या किसी प्रक्रिया को लेकर संदेह है, तो उससे संबंधित सवाल जरूर पूछें।
चिकित्सीय प्रक्रिया के संभावित लाभ और नुकसान के बारे में जानें, साथ ही दवाओं के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करें।
इस कार्यक्रम के माध्यम से स्वास्थ्यकर्मियों को यह संदेश दिया गया कि मरीजों की सुरक्षा उनकी पहली और सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
जिला स्वास्थ्य समिति प्रांगण में स्वास्थ्यकर्मियों ने ली मरीजों की सुरक्षा की शपथ
रोगियों की सुरक्षा करना स्वास्थ्य कर्मियों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी – सिविल सर्जन
जिला स्वास्थ्य समिति प्रांगण में, स्वास्थ्यकर्मियों ने मरीजों की सुरक्षा की शपथ ली। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “रोगियों की सुरक्षा करना स्वास्थ्य कर्मियों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।” विश्व रोगी सुरक्षा दिवस के तहत डब्ल्यूएचओ (WHO) ने इस वर्ष की थीम “रोगी सुरक्षा के लिए निदान में सुधार” रखी है। इसका उद्देश्य रोगियों को होने वाले नुकसान को कम करना और निदान में सुधार करना है।
रोगी सुरक्षा में सुधार की आवश्यकता
रोगी सुरक्षा में सुधार का मतलब है स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाना और रोगियों को नुकसान पहुंचाने वाले कारकों को कम करना। यह दिवस वैश्विक स्वास्थ्य और सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है और “सबसे पहले, कोई नुकसान न करें” सिद्धांत पर आधारित है। डब्ल्यूएचओ ने इस वर्ष सुरक्षित और सम्मानजनक शिशु जन्म पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है।
सिविल सर्जन ने की शपथ दिलाई
जिला स्वास्थ्य समिति के प्रांगण में सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार की अध्यक्षता में स्वास्थ्यकर्मियों ने मरीजों की सुरक्षा की शपथ ली। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को सुरक्षित और अनुशासित बनाना है ताकि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण देखभाल मिल सके। डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सभी स्वास्थ्यकर्मियों को मिलकर काम करना होगा। साथ ही मरीजों की जांच के दौरान उन्हें उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना चाहिए ताकि वे स्वयं का बेहतर ध्यान रख सकें।
संक्रमण रोकथाम और दवाओं की सुरक्षा
डॉ. मुनाजिम, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान संक्रमण रोकथाम, सही दवाओं का चयन, और मरीजों की जानकारी की गोपनीयता पर विशेष ध्यान दिया गया। साथ ही, स्वास्थ्यकर्मियों को रोगी सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया।
11 से 17 सितंबर तक रोगी सुरक्षा सप्ताह का आयोजन
डीडीए सह डी.क्यू.ए. सी सुमन सिन्हा ने बताया कि 17 सितंबर तक “रोगी सुरक्षा सप्ताह” मनाया गया है। इस दौरान “मेडिकेशन सेफ्टी” पर विशेष जोर दिया गया है। पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है, जिसमें दवा की सही पहचान, जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता और दवा पर्ची की जांच जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
सिविल सर्जन ने बताया कि रोगी अपनी सुरक्षा के लिए निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
यदि आप किसी एलर्जी से पीड़ित हैं, तो अस्पताल के कर्मचारियों को इसकी सही जानकारी दें।
यदि आपको निदान या किसी प्रक्रिया को लेकर संदेह है, तो उससे संबंधित सवाल जरूर पूछें।
चिकित्सीय प्रक्रिया के संभावित लाभ और नुकसान के बारे में जानें, साथ ही दवाओं के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करें।
इस कार्यक्रम के माध्यम से स्वास्थ्यकर्मियों को यह संदेश दिया गया कि मरीजों की सुरक्षा उनकी पहली और सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
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