ठाकुरगंज प्रखंड के कनकपुर पंचायत के जामनीगुड़ी गांव में एक 6 वर्षीय मासूम बच्ची सबनूरी अनाथ और बेसहारा हो गई।बच्ची के पिता दिल मोहम्मद का 14 सितंबर को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया, जबकि उसकी मां का निधन 6 साल पहले प्रसव के दौरान हुआ था। इस तरह मासूम बच्ची पूरी तरह से अकेली हो गई है और उसे कोई सहारा नहीं है। गांव के लोग बच्ची की देखभाल और भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं, लेकिन उनकी मदद स्थायी नहीं है।
स्थानीय लोग और वार्ड सदस्य मोहम्मद शाहिद ने जिला प्रशासन और सरकार से अपील की है कि बच्ची को सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जाए, ताकि वह अपनी जिंदगी संवार सके और शिक्षा प्राप्त कर सके। बच्ची की हालत देखकर ग्रामीणों की आंखों में आंसू आ जाते हैं, और उन्हें विश्वास है कि यदि सरकार उसकी मदद करती है तो वह एक बेहतर भविष्य बना सकेगी।
बच्ची खुद अपने दुख दर्द को व्यक्त करती है और कहती है कि अगर उसके माता-पिता आज जीवित होते, तो उसे दर-दर भटकना नहीं पड़ता। वह पढ़-लिखकर कुछ बनना चाहती थी, लेकिन वर्तमान स्थिति ने उसके सपनों को अधूरा छोड़ दिया है। उसने सरकार से मदद की गुहार लगाई है ताकि वह अपनी पढ़ाई जारी रख सके और अपने भविष्य को सुधार सके। इस घटना ने समाज के लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है, और वे चाहते हैं कि बच्ची को सरकारी सहायता जल्द से जल्द मिले।
शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, ठाकुरगंज।
ठाकुरगंज प्रखंड के कनकपुर पंचायत के जामनीगुड़ी गांव में एक 6 वर्षीय मासूम बच्ची सबनूरी अनाथ और बेसहारा हो गई।बच्ची के पिता दिल मोहम्मद का 14 सितंबर को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया, जबकि उसकी मां का निधन 6 साल पहले प्रसव के दौरान हुआ था। इस तरह मासूम बच्ची पूरी तरह से अकेली हो गई है और उसे कोई सहारा नहीं है। गांव के लोग बच्ची की देखभाल और भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं, लेकिन उनकी मदद स्थायी नहीं है।
स्थानीय लोग और वार्ड सदस्य मोहम्मद शाहिद ने जिला प्रशासन और सरकार से अपील की है कि बच्ची को सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जाए, ताकि वह अपनी जिंदगी संवार सके और शिक्षा प्राप्त कर सके। बच्ची की हालत देखकर ग्रामीणों की आंखों में आंसू आ जाते हैं, और उन्हें विश्वास है कि यदि सरकार उसकी मदद करती है तो वह एक बेहतर भविष्य बना सकेगी।
बच्ची खुद अपने दुख दर्द को व्यक्त करती है और कहती है कि अगर उसके माता-पिता आज जीवित होते, तो उसे दर-दर भटकना नहीं पड़ता। वह पढ़-लिखकर कुछ बनना चाहती थी, लेकिन वर्तमान स्थिति ने उसके सपनों को अधूरा छोड़ दिया है। उसने सरकार से मदद की गुहार लगाई है ताकि वह अपनी पढ़ाई जारी रख सके और अपने भविष्य को सुधार सके। इस घटना ने समाज के लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है, और वे चाहते हैं कि बच्ची को सरकारी सहायता जल्द से जल्द मिले।
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