सारस न्यूज़, बहादुरगंज, किशनगंज।
बहादुरगंज और दिघलबैंक सीमा पर स्थित डुबाड़ांगी गांव से होकर बहने वाली कनकई नदी के मरियाधार में जलस्तर बढ़ने के कारण पुलिया के ऊपर से पानी बह रहा है। तेज बहाव के कारण कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। ग्रामीणों ने बताया कि इस पुल का निर्माण 2011 में 25 लाख रुपये की लागत से किया गया था। यह पुल 70 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा है।
दो वर्ष पूर्व ही पानी के दबाव को न सहने के कारण पुल का एक हिस्सा 1.5 फीट धंस गया था। पुल का निर्माण आरडब्ल्यूडी वन द्वारा किया गया था, जो दिघलबैंक प्रखंड के तुलसिया से जयनगर होते हुए बहादुरगंज प्रखंड क्षेत्र के लोहागाड़ा मुख्य मार्ग एनएच 327ई को जोड़ता है। ग्रामीणों के अनुसार, नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण जलस्तर बढ़ गया है, जिससे कुछ माह पहले पुल का एक पाया पूरी तरह धंस गया था।
तत्कालीन जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला और पुलिस अधीक्षक किशनगंज सागर कुमार के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा पुल के दोनों छोर पर बैरिकेडिंग करते हुए बड़े वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई थी। पुलिस प्रशासन द्वारा आमजन की सुरक्षा के लिए चौकीदार की भी तैनाती की गई थी। अभियंताओं की एक टीम को भी पुल की नाजुक स्थिति की जांच के लिए भेजा गया था।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि यह पुल गिर गया, तो लगभग 40 हजार की आबादी प्रभावित होगी। दिघलबैंक के लोगों को लोहागाड़ा या सिलीगुड़ी की ओर जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी। पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण नेपाल के तराई क्षेत्रों से बहने वाली नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप कनकई नदी के मरियाधार में भी भारी जलवृद्धि देखी गई है। डुबाड़ांगी गांव के समीप मरियाधार का तेज बहाव पुल के ऊपर से जारी है।
मुखिया तौफिक आलम ने बताया कि पानी का दबाव बहुत अधिक हो गया है और पुल की लंबाई नदी के बहाव के अनुपात में कम है। उन्होंने बताया कि पुल के निर्माण के बाद प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़कों का निर्माण किया गया था। अगर यह पुल गिर गया, तो बहादुरगंज और दिघलबैंक की बड़ी आबादी का संपर्क मुख्य मार्गों से कट जाएगा।