महानंदा, कनकई व अन्य बरसाती नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद बाढ़ की शक्ल में आई आपदा तीन दिन ठहरने के बाद तो चला गया। लेकिन लोगों को कई जख्म दे गया। जिनके घर आंगन में पानी घुसा वह शायद इस पीड़ा को वर्षों तक भूल नहीं पाऐंगे। पानी घटने के बाद हुई बर्बादी अब साफ दिख रही है। प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से दर्जनों कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। प्रखंड क्षेत्र में कई जगहों पर सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो गया है। क्षेत्र के कुछ भागों में खरीफ सफल धान की खेती भी इससे प्रभावित हुआ है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के कई महिलाओं ने कहा कि पति प्रदेश में है। उनके मजदूरी के पैसे से घर का खर्चा पानी चलता है। आई बाढ़ ने बहुत कुछ बर्बाद कर दिया है। कच्चा घर भी क्षतिग्रस्त हो गया है घर में रखे सामान भी भींग गया। हालांकि सभी पंचायतों में पंचायत के मुखिया और अन्य जनप्रतिनिधि के द्वारा दौरा कर पीड़ितों का हालचाल लिया जा रहा है।
बिशनपूर गांव निवासी सह उप प्रमुख के पुत्र सद्दाम भारती ने कहा कि उनके पंचायत के कई गांव टोले जलमग्न हो गए थे। तीन दिन तक लोगों के घर आंगन जलमग्न रहा। सरकार से मांग करते हैं कि पीड़ित परिवारों को जीआर राशि उपलब्ध कराई जाए। गरगांव पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सज्जाद कैसर कोचाधामन पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सरफराज राही बलिया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मोहीबूर रहमान ने भी पंचायत के बाढ़ प्रभावित स्थलों का दौरा कर लोगों का हालचाल लिया।
डेरामारी पंचायत के मुखिया सह मुखिया संघ प्रखंड अध्यक्ष शाहबाज आलम ने कहा कि जहां जहां भी बाढ़ का पानी घुसा है वहां-वहां तबाही मची है लोगों को काफी आर्थिक नुक्सान हुआ है। सरकार और प्रशासन से मांग करते हैं कि अविलंब पीड़ित परिवार को सहायता उपलब्ध कराई जाए। इस संबंध में सीओ प्रभाष कुमार ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के सहायता को लेकर अबतक सरकार या जिला प्रशासन की ओर से कोई भी आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।
सारस न्यूज़, कोचाधामन, किशनगंज।
महानंदा, कनकई व अन्य बरसाती नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद बाढ़ की शक्ल में आई आपदा तीन दिन ठहरने के बाद तो चला गया। लेकिन लोगों को कई जख्म दे गया। जिनके घर आंगन में पानी घुसा वह शायद इस पीड़ा को वर्षों तक भूल नहीं पाऐंगे। पानी घटने के बाद हुई बर्बादी अब साफ दिख रही है। प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसने से दर्जनों कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। प्रखंड क्षेत्र में कई जगहों पर सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो गया है। क्षेत्र के कुछ भागों में खरीफ सफल धान की खेती भी इससे प्रभावित हुआ है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के कई महिलाओं ने कहा कि पति प्रदेश में है। उनके मजदूरी के पैसे से घर का खर्चा पानी चलता है। आई बाढ़ ने बहुत कुछ बर्बाद कर दिया है। कच्चा घर भी क्षतिग्रस्त हो गया है घर में रखे सामान भी भींग गया। हालांकि सभी पंचायतों में पंचायत के मुखिया और अन्य जनप्रतिनिधि के द्वारा दौरा कर पीड़ितों का हालचाल लिया जा रहा है।
बिशनपूर गांव निवासी सह उप प्रमुख के पुत्र सद्दाम भारती ने कहा कि उनके पंचायत के कई गांव टोले जलमग्न हो गए थे। तीन दिन तक लोगों के घर आंगन जलमग्न रहा। सरकार से मांग करते हैं कि पीड़ित परिवारों को जीआर राशि उपलब्ध कराई जाए। गरगांव पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सज्जाद कैसर कोचाधामन पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सरफराज राही बलिया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मोहीबूर रहमान ने भी पंचायत के बाढ़ प्रभावित स्थलों का दौरा कर लोगों का हालचाल लिया।
डेरामारी पंचायत के मुखिया सह मुखिया संघ प्रखंड अध्यक्ष शाहबाज आलम ने कहा कि जहां जहां भी बाढ़ का पानी घुसा है वहां-वहां तबाही मची है लोगों को काफी आर्थिक नुक्सान हुआ है। सरकार और प्रशासन से मांग करते हैं कि अविलंब पीड़ित परिवार को सहायता उपलब्ध कराई जाए। इस संबंध में सीओ प्रभाष कुमार ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के सहायता को लेकर अबतक सरकार या जिला प्रशासन की ओर से कोई भी आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।
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