दिनांक 1 अक्टूबर 2024 को किशनगंज जिले के अंतर्गत बुनियाद केंद्र भेड़ियाडांगी में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग किशनगंज, रविशंकर तिवारी, बुनियाद केंद्र किशनगंज की नूरी बेगम, और सामाजिक सुरक्षा के अन्य कर्मी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत में सभी बुजुर्गों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर वृद्धजनों के प्रति प्रेम, आदर और सम्मान के महत्त्व पर चर्चा की गई। साथ ही, यह भी कहा गया कि समाज और नई पीढ़ी को सही दिशा दिखाने में वृद्धजनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। परिवार में रिश्तों की बुनियाद को मजबूत करने की जिम्मेदारी भी उन पर है। हालांकि, वर्तमान सामाजिक परिवेश में वृद्धजनों को अकसर उपेक्षित माना जाता है और उनके प्रति गैरजरूरी दृष्टिकोण रखा जाता है, जो कि चिंताजनक है। पीढ़ियों के बीच वैचारिक अंतराल भी इस समस्या को और जटिल बना रहा है।
इन विकट परिस्थितियों में, वृद्धजनों के प्रति प्रेम, सम्मान और उनकी देखभाल करना हम सबकी जिम्मेदारी है। कार्यक्रम के अंत में सभी ने प्रतिज्ञा ली कि वे वरिष्ठ नागरिकों को शारीरिक और भावनात्मक समर्थन प्रदान करेंगे और अपने सहयोगियों और मित्रों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। सभी ने मिलकर एक समावेशी समाज बनाने का संकल्प लिया, जहाँ वरिष्ठ नागरिक सम्मान, प्यार और गरिमा के साथ अपना जीवन जी सकें। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
दिनांक 1 अक्टूबर 2024 को किशनगंज जिले के अंतर्गत बुनियाद केंद्र भेड़ियाडांगी में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग किशनगंज, रविशंकर तिवारी, बुनियाद केंद्र किशनगंज की नूरी बेगम, और सामाजिक सुरक्षा के अन्य कर्मी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत में सभी बुजुर्गों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर वृद्धजनों के प्रति प्रेम, आदर और सम्मान के महत्त्व पर चर्चा की गई। साथ ही, यह भी कहा गया कि समाज और नई पीढ़ी को सही दिशा दिखाने में वृद्धजनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। परिवार में रिश्तों की बुनियाद को मजबूत करने की जिम्मेदारी भी उन पर है। हालांकि, वर्तमान सामाजिक परिवेश में वृद्धजनों को अकसर उपेक्षित माना जाता है और उनके प्रति गैरजरूरी दृष्टिकोण रखा जाता है, जो कि चिंताजनक है। पीढ़ियों के बीच वैचारिक अंतराल भी इस समस्या को और जटिल बना रहा है।
इन विकट परिस्थितियों में, वृद्धजनों के प्रति प्रेम, सम्मान और उनकी देखभाल करना हम सबकी जिम्मेदारी है। कार्यक्रम के अंत में सभी ने प्रतिज्ञा ली कि वे वरिष्ठ नागरिकों को शारीरिक और भावनात्मक समर्थन प्रदान करेंगे और अपने सहयोगियों और मित्रों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। सभी ने मिलकर एक समावेशी समाज बनाने का संकल्प लिया, जहाँ वरिष्ठ नागरिक सम्मान, प्यार और गरिमा के साथ अपना जीवन जी सकें। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।
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