आज कृषि विज्ञान केंद्र, अररिया द्वारा कुपोषण उन्मूलन के लिए चिन्हित गांव प्रेम नगर में एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस आयोजन का शुभारंभ कृषि विज्ञान केंद्र, अररिया के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, डॉ. विनोद कुमार द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। उन्होंने प्रेम नगर के निवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि कुपोषण कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह तब उत्पन्न होता है जब हम अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह होते हैं। इस समस्या से लड़ने और इसे खत्म करने के लिए हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना होगा और अपने खानपान पर ध्यान देना होगा।
उन्होंने किसानों से कहा कि पोषण हर मनुष्य के लिए आवश्यक है। संतुलित आहार ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है। आज के समय में लोगों की थाली से पोषक तत्व गायब होते जा रहे हैं, जो समाज के लिए एक गंभीर संकेत है। पोषक तत्वों की कमी के कारण गर्भवती महिलाएं, बच्चे और सामान्य लोग कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं, और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घट रही है। इसलिए, हर व्यक्ति को अपने आहार में पोषण से भरपूर संतुलित आहार को शामिल करना चाहिए। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे अपने आस-पास के खाली स्थान, आंगन और छत पर पोषण वाटिका का निर्माण करें।
इस अवसर पर केंद्र के सस्य विज्ञान वैज्ञानिक, डॉ. अजय कुमार मौर्य ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पोषण वाटिका में कम से कम रसायनों का उपयोग करें और जैविक उर्वरकों का प्रयोग करते हुए खेती करें। साथ ही, उद्यान वैज्ञानिक सुश्री सुमन कुमारी ने किसानों को पोषण वाटिका के फायदों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मौसम के अनुकूल सब्जियां और फल अपने पोषण वाटिका में लगाएं और शुद्ध व ताजा सब्जियों तथा फलों का उपयोग अपने आहार में करें।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अररिया की चिकित्सा पदाधिकारी, डॉ. वीना भारती, और अन्य कर्मियों का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। इसके साथ ही, केंद्र की वैज्ञानिक, डॉ. निकिता मिश्रा (कृषि अभियांत्रिकी), और RAWE के छात्रों ने भी इस आयोजन में अहम भूमिका निभाई।
सारस न्यूज़, अररिया।
आज कृषि विज्ञान केंद्र, अररिया द्वारा कुपोषण उन्मूलन के लिए चिन्हित गांव प्रेम नगर में एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस आयोजन का शुभारंभ कृषि विज्ञान केंद्र, अररिया के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, डॉ. विनोद कुमार द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। उन्होंने प्रेम नगर के निवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि कुपोषण कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह तब उत्पन्न होता है जब हम अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह होते हैं। इस समस्या से लड़ने और इसे खत्म करने के लिए हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना होगा और अपने खानपान पर ध्यान देना होगा।
उन्होंने किसानों से कहा कि पोषण हर मनुष्य के लिए आवश्यक है। संतुलित आहार ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है। आज के समय में लोगों की थाली से पोषक तत्व गायब होते जा रहे हैं, जो समाज के लिए एक गंभीर संकेत है। पोषक तत्वों की कमी के कारण गर्भवती महिलाएं, बच्चे और सामान्य लोग कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं, और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घट रही है। इसलिए, हर व्यक्ति को अपने आहार में पोषण से भरपूर संतुलित आहार को शामिल करना चाहिए। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे अपने आस-पास के खाली स्थान, आंगन और छत पर पोषण वाटिका का निर्माण करें।
इस अवसर पर केंद्र के सस्य विज्ञान वैज्ञानिक, डॉ. अजय कुमार मौर्य ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पोषण वाटिका में कम से कम रसायनों का उपयोग करें और जैविक उर्वरकों का प्रयोग करते हुए खेती करें। साथ ही, उद्यान वैज्ञानिक सुश्री सुमन कुमारी ने किसानों को पोषण वाटिका के फायदों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मौसम के अनुकूल सब्जियां और फल अपने पोषण वाटिका में लगाएं और शुद्ध व ताजा सब्जियों तथा फलों का उपयोग अपने आहार में करें।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अररिया की चिकित्सा पदाधिकारी, डॉ. वीना भारती, और अन्य कर्मियों का महत्वपूर्ण सहयोग रहा। इसके साथ ही, केंद्र की वैज्ञानिक, डॉ. निकिता मिश्रा (कृषि अभियांत्रिकी), और RAWE के छात्रों ने भी इस आयोजन में अहम भूमिका निभाई।
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