बिहार के किशनगंज जिले में भू-माफिया द्वारा रैयत की जमीन में हेराफेरी के मामले में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने संज्ञान लिया है। रैयत के आवेदन को उन्होंने अपर समाहर्ता, किशनगंज को अग्रसारित किया और निर्देश दिया कि इस गंभीर मामले की जांच कर समुचित कार्रवाई की जाए।
यह मामला किशनगंज प्रखंड अंतर्गत मौजा महेशबथना, खाता सं० 23 ऑफलाइन एवं ऑनलाइन जमाबंदी सं० 276 में खेसरावार रकवा की गलत प्रविष्टि से संबंधित है। रैयत रूहुल अमीन, पिता स्व. अरशद अली, निवासी कोल्हा गाछपाड़ा, वार्ड नं. 07, पंचायत टेउसा, थाना एवं जिला किशनगंज के आवेदन पर मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने कार्रवाई का निर्देश दिया है।
रैयत रूहुल अमीन ने बताया कि उनके पिता स्व. अरशद अली के नाम से मौजा महेशबथना, खाता 23 में खेसरा 610, 611, 635, 684, 756, 609, रकवा 3 बीघा, 1 कट्टा, 2 धुर खरीदी गई थी। इसका केवाला सं० 2846, दिनांक 06.04.1970 का है, और इसका दाखिल-खारिज कर जमाबंदी सं० 277 दर्ज की गई है, जिसका लगान उनके पिता और अब वह स्वयं बिहार सरकार को दे रहे हैं।
रूहुल अमीन के अनुसार, उसी मौजा में छोटा मुमताज के नाम से जमाबंदी सं० 276 चल रही है, लेकिन दोनों का दखल अपनी-अपनी खरीदी गई जमीन के अनुसार है। अचानक खेसरा सं० 635, जिसमें रूहुल अमीन का 0.36 भाग है, पर छोटा मुमताज के वारिसों ने दावा करना शुरू कर दिया और धमकी दी कि यह जमीन उनका है। उन्होंने अंचल अमीन, किशनगंज को बुलाकर खेसरा सं० 635 की जांच कराई, जिसमें स्पष्ट हुआ कि खेसरा सं० 635 रूहुल अमीन के कब्जे में है और यह उनकी खरीदी गई जमीन है। इसके बावजूद, उन्हें धमकियां मिलती रहीं और उनके जमीन पर जबरन कब्जा करने का प्रयास किया गया।
जब रूहुल अमीन ने किशनगंज थाना में शिकायत दर्ज कराई, तब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अतिक्रमणकर्ताओं को हटाया। इसके बाद, रूहुल अमीन को पता चला कि जमाबंदी सं० 276 में खेसरावार रकवा दर्ज करने के लिए आवेदन किया गया है। उन्होंने अंचल अधिकारी से संपर्क किया और लिखित आवेदन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई और खेसरावार रकवा दर्ज कर दिया गया।
रूहुल अमीन ने आरोप लगाया कि अंचल अधिकारी किशनगंज का संपर्क जमीन माफिया से है, और उनके लिए रफसन जानी नामक व्यक्ति काम करता है, जो अंचल अधिकारी के आवास पर रहकर उनके डोंगल का भी उपयोग करता है। रफसन जानी पर पहले भी माफिया से संपर्क रखने और मोटी रकम लेने के आरोप लगे हैं।
जमाबंदी सं० 276 में खेसरा सं० 635 का 0.15.600 वर्ग कड़ी ऑनलाइन दर्ज हो जाने के बाद रूहुल अमीन और उनके परिवार को लगातार धमकियां मिल रही हैं, और छोटा मुमताज के वारिस उन्हें जमीन से हटाने की धमकी दे रहे हैं। इस वजह से रूहुल अमीन और उनका परिवार मानसिक तनाव में है।
इस मामले में रूहुल अमीन ने राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है, जिसकी प्रतिलिपि अपर समाहर्ता, किशनगंज को भी दी गई है।
इस बाबत जब अंचल अधिकारी किशनगंज, राहुल कुमार से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि मंत्री महोदय ने डीएम को जांच का निर्देश दिया है और जांच के बाद ही मामला स्पष्ट हो सकेगा।
सारस न्यूज़, किशनगंज।
बिहार के किशनगंज जिले में भू-माफिया द्वारा रैयत की जमीन में हेराफेरी के मामले में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने संज्ञान लिया है। रैयत के आवेदन को उन्होंने अपर समाहर्ता, किशनगंज को अग्रसारित किया और निर्देश दिया कि इस गंभीर मामले की जांच कर समुचित कार्रवाई की जाए।
यह मामला किशनगंज प्रखंड अंतर्गत मौजा महेशबथना, खाता सं० 23 ऑफलाइन एवं ऑनलाइन जमाबंदी सं० 276 में खेसरावार रकवा की गलत प्रविष्टि से संबंधित है। रैयत रूहुल अमीन, पिता स्व. अरशद अली, निवासी कोल्हा गाछपाड़ा, वार्ड नं. 07, पंचायत टेउसा, थाना एवं जिला किशनगंज के आवेदन पर मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने कार्रवाई का निर्देश दिया है।
रैयत रूहुल अमीन ने बताया कि उनके पिता स्व. अरशद अली के नाम से मौजा महेशबथना, खाता 23 में खेसरा 610, 611, 635, 684, 756, 609, रकवा 3 बीघा, 1 कट्टा, 2 धुर खरीदी गई थी। इसका केवाला सं० 2846, दिनांक 06.04.1970 का है, और इसका दाखिल-खारिज कर जमाबंदी सं० 277 दर्ज की गई है, जिसका लगान उनके पिता और अब वह स्वयं बिहार सरकार को दे रहे हैं।
रूहुल अमीन के अनुसार, उसी मौजा में छोटा मुमताज के नाम से जमाबंदी सं० 276 चल रही है, लेकिन दोनों का दखल अपनी-अपनी खरीदी गई जमीन के अनुसार है। अचानक खेसरा सं० 635, जिसमें रूहुल अमीन का 0.36 भाग है, पर छोटा मुमताज के वारिसों ने दावा करना शुरू कर दिया और धमकी दी कि यह जमीन उनका है। उन्होंने अंचल अमीन, किशनगंज को बुलाकर खेसरा सं० 635 की जांच कराई, जिसमें स्पष्ट हुआ कि खेसरा सं० 635 रूहुल अमीन के कब्जे में है और यह उनकी खरीदी गई जमीन है। इसके बावजूद, उन्हें धमकियां मिलती रहीं और उनके जमीन पर जबरन कब्जा करने का प्रयास किया गया।
जब रूहुल अमीन ने किशनगंज थाना में शिकायत दर्ज कराई, तब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अतिक्रमणकर्ताओं को हटाया। इसके बाद, रूहुल अमीन को पता चला कि जमाबंदी सं० 276 में खेसरावार रकवा दर्ज करने के लिए आवेदन किया गया है। उन्होंने अंचल अधिकारी से संपर्क किया और लिखित आवेदन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई और खेसरावार रकवा दर्ज कर दिया गया।
रूहुल अमीन ने आरोप लगाया कि अंचल अधिकारी किशनगंज का संपर्क जमीन माफिया से है, और उनके लिए रफसन जानी नामक व्यक्ति काम करता है, जो अंचल अधिकारी के आवास पर रहकर उनके डोंगल का भी उपयोग करता है। रफसन जानी पर पहले भी माफिया से संपर्क रखने और मोटी रकम लेने के आरोप लगे हैं।
जमाबंदी सं० 276 में खेसरा सं० 635 का 0.15.600 वर्ग कड़ी ऑनलाइन दर्ज हो जाने के बाद रूहुल अमीन और उनके परिवार को लगातार धमकियां मिल रही हैं, और छोटा मुमताज के वारिस उन्हें जमीन से हटाने की धमकी दे रहे हैं। इस वजह से रूहुल अमीन और उनका परिवार मानसिक तनाव में है।
इस मामले में रूहुल अमीन ने राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है, जिसकी प्रतिलिपि अपर समाहर्ता, किशनगंज को भी दी गई है।
इस बाबत जब अंचल अधिकारी किशनगंज, राहुल कुमार से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि मंत्री महोदय ने डीएम को जांच का निर्देश दिया है और जांच के बाद ही मामला स्पष्ट हो सकेगा।