सारस न्यूज़, अररिया।
सफल दांपत्य जीवन के लिए व्यक्ति को रहना, कहना और सहना सीखना चाहिए, साध्वी
शहर के आरबी लेन स्थित तेरापंथ भवन में आचार्य महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या, साध्वी स्वर्णरेखा जी ठाणा 4 के सानिध्य में “हैप्पी कपल लाइफ” विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। साध्वी स्वर्णरेखा जी की प्रेरणा से फारबिसगंज की लगभग 50 दंपतियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
पुरुषों ने सफेद परिधान और स्त्रियों ने लाल पंवरी परिधान धारण किया, जिससे तेरापंथ भवन का जय सभागार सफेद और लाल रंग से सज गया। साध्वी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में सभी दंपतियों को दांपत्य जीवन के स्वर्णिम सूत्रों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जीवन एक द्वंद्व है और पति-पत्नी भी इसी द्वंद्व का हिस्सा हैं। इस द्वंद्व में सभी दंपतियों को एक-दूसरे के साथ रहना, कहना और सहना सीखना चाहिए ताकि वे प्रसन्न रह सकें।
साध्वी ने कहा कि एक-दूसरे की खामियों को देखने के बजाय, एक-दूसरे की प्रशंसा करनी चाहिए और मान-सम्मान एवं विश्वास के प्रति जागरूक रहना चाहिए। गलत या सही हर बात पर “कोई बात नहीं” का सिद्धांत अपनाना चाहिए। उन्होंने आचार्य महाश्रमण जी के वचनों का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें हितकारी, मीठे और फूलों की तरह कोमल शब्दों का उपयोग अपने जीवन में करना चाहिए।
साध्वी ने हाथों की विभिन्न क्रियाओं के माध्यम से पति-पत्नी के बीच सामंजस्य के महत्व और उसकी आवश्यकता को समझाया। कार्यक्रम की शुरुआत वरिष्ठ और अनुभवी दंपतियों द्वारा पार्श्व स्तुति से की गई। इससे पहले साध्वी ने नमस्कार महामंत्र और चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान का जाप सभी श्रावक-श्राविकाओं से करवाया।
तत्पश्चात, निर्मल मरोठी ने “शांत सहवास में कैसे बनी रहे रिश्तों में मिठास” पर अपने विचार प्रस्तुत किए, जबकि संयोजिका कल्पना सेठिया ने जीवन के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करते हुए दंपतियों के सामने विचारणीय प्रश्न रखे। कार्यक्रम का सफल संचालन भी कल्पना सेठिया द्वारा किया गया।