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ग्लोबल हैंड वाशिंग डे: बीमारियों से बचने के लिए हाथों की सफाई को बनाएं अपनी आदत।

राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।

15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंड वाशिंग डे के अवसर पर सदर अस्पताल में जागरूकता कार्यक्रम।

क्या आप जानते हैं कि हमारे रोजमर्रा के कामों के दौरान हमारे हाथ हजारों हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस के संपर्क में आते हैं? ये अदृश्य बैक्टीरिया हमारे शरीर में प्रवेश करके हमें बीमार कर सकते हैं। लेकिन इन बीमारियों से बचने का सबसे सरल और प्रभावी उपाय है—हाथों की सही सफाई। इसी महत्वपूर्ण संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंड वाशिंग डे के रूप में मनाया जाता है। इसी कड़ी में किशनगंज के सदर अस्पताल सहित विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में मंगलवार को इस अवसर पर विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किए गए। इन सत्रों में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने हाथ धोने की आदत को गंभीर बीमारियों से बचाव का सबसे आसान और प्रभावी तरीका बताया। कार्यक्रम में गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन एवं स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।

सही हाथ धोने से दूर होंगी कई बीमारियां

सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि हाथों की सफाई से कई गंभीर संक्रमणों को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा, “कोरोना महामारी के समय हमने देखा कि नियमित और सही तरीके से हाथ धोना वायरस को फैलने से रोकने में कितना कारगर साबित हुआ। हमारे हाथ कई बार ऐसी सतहों को छूते हैं, जिन पर हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस मौजूद होते हैं। ये बैक्टीरिया हाथों के माध्यम से हमारी आंख, नाक या मुंह में जाकर बीमारियां पैदा कर सकते हैं। ऐसे में नियमित और सही तरीके से हाथ धोना बेहद जरूरी है।”

बच्चों के लिए यह खास तौर पर जरूरी

गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का एक बड़ा कारण गंदे हाथों से होने वाले संक्रमण हैं। उन्होंने कहा, “14% बच्चों की मौत डायरिया जैसी बीमारियों के कारण होती है, जिसका मुख्य कारण गंदे हाथ होते हैं। बच्चों को सही ढंग से हाथ धोने की आदत डालना बेहद जरूरी है। शौच के बाद, खाने से पहले और नाक, कान या मुंह को छूने से पहले हाथ धोना बच्चों की सेहत के लिए बहुत जरूरी है।”

सुमन.के विधि: हाथ धोने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका

हाथों की सफाई का सबसे सरल और कारगर तरीका सुमन.के विधि है। इस विधि के बारे में जानकारी देते हुए सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने कहा, “सुमन.के विधि हाथ धोने की एक वैज्ञानिक तकनीक है, जिसमें 40 से 60 सेकेंड तक हाथों को सही ढंग से साफ किया जाता है। इसमें एस (सीधा), यू (उल्टा), एम (मुठ्ठी), ए (अंगूठा), एन (नाखून), और के (कलाई) की पूरी सफाई की जाती है। यह विधि न केवल हाथों की ऊपरी सतह को साफ करती है, बल्कि उन हिस्सों को भी ध्यान में रखती है, जिन्हें अक्सर लोग अनदेखा कर देते हैं।”

जन-जागरूकता के लिए विशेष सत्र

गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि स्वास्थ्य संस्थानों में आयोजित जागरूकता सत्रों के दौरान स्थानीय लोगों को हाथ धोने की सही तकनीक सिखाई गई और उन्हें अपने आसपास की सफाई बनाए रखने के लिए भी प्रेरित किया गया। विशेषज्ञों ने लोगों से आग्रह किया कि हाथ धोने की सही आदत अपनाकर न केवल अपने परिवार को, बल्कि समाज को भी बीमारियों से बचाएं।

याद रखें—साफ हाथ, स्वस्थ जीवन

सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “हाथ धोना एक छोटा कदम है, लेकिन इसका प्रभाव बहुत बड़ा है। अगर हम नियमित रूप से और सही तरीके से हाथ धोते हैं, तो हम न केवल खुद को, बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी संक्रमण से बचा सकते हैं।” तो आइए, ग्लोबल हैंड वाशिंग डे पर यह संकल्प लें कि हाथ धोने की सही आदत को अपनाकर हम खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखेंगे।
स्वच्छता अपनाएं, स्वस्थ रहें!

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