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एनक्वास कार्यक्रम के तहत सदर अस्पताल में दो दिवसीय रैपिड असेसमेंट: गुणवत्ता सुधार की दिशा में बड़ा कदम।

राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।

स्वास्थ्यकर्मियों और प्रबंधन की भूमिका अहम

स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड्स (एनक्वास) कार्यक्रम के तहत जिले के सदर अस्पताल में दो दिवसीय रैपिड असेसमेंट किया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि इस मूल्यांकन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाली सेवाएं उच्च गुणवत्ता की हों और राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हों। यह असेसमेंट राज्य स्तरीय एसेसर की टीम द्वारा मंगलवार और बुधवार को किया जाएगा, जिसमें अस्पताल के सभी प्रमुख विभागों का निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एनक्वास कार्यक्रम देश के अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

एनक्वास कार्यक्रम का महत्व:

सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने बताया कि एनक्वास (National Quality Assurance Standards) कार्यक्रम की शुरुआत स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य देश के सभी सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को मापना और सुधारना है। यह कार्यक्रम सुनिश्चित करता है कि अस्पतालों में दी जा रही सेवाएं सुरक्षित, प्रभावी और मरीज-केंद्रित हों। एनक्वास के तहत अस्पतालों की विभिन्न मानकों पर जांच की जाती है, जिसमें मरीजों की सुरक्षा, साफ-सफाई, चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता, और चिकित्सीय प्रक्रियाओं की गुणवत्ता शामिल है। अगर अस्पताल की सेवाएं इन मानकों के अनुरूप होती हैं, तो मरीज आत्मविश्वास से उनका उपयोग कर सकते हैं और अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक होकर समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार, एनक्वास कार्यक्रम न केवल अस्पतालों में सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने में मददगार है, बल्कि यह लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।

रैपिड असेसमेंट की प्रक्रिया:

सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने बताया कि इस दो दिवसीय रैपिड असेसमेंट के दौरान एसेसर की टीम, जिसमें डॉ. आशीष कुमार यादव और डॉ. अनिल कुमार शर्मा शामिल हैं, अस्पताल के विभिन्न विभागों का गहन निरीक्षण करेगी। इसमें इमरजेंसी सेवाएं, ऑपरेशन थिएटर, प्रसूति विभाग, ओपीडी (आउटडोर पेशेंट डिपार्टमेंट), वार्ड, लैबोरेटरी, फार्मेसी, और आईसीयू जैसी सुविधाएं शामिल हैं। एसेसर टीम यह देखेगी कि मरीजों को किस प्रकार की सेवाएं दी जा रही हैं, डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों का व्यवहार कैसा है, अस्पताल में स्वच्छता के नियमों का पालन हो रहा है या नहीं, और क्या इलाज के दौरान सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जा रहा है। इसके अलावा, मरीजों से प्राप्त फीडबैक भी असेसमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

स्वास्थ्यकर्मियों और प्रबंधन की भूमिका:

डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्यकर्मियों का इस कार्यक्रम में अत्यधिक महत्वपूर्ण योगदान होता है। एनक्वास असेसमेंट के माध्यम से अस्पताल के कर्मचारी और प्रबंधन को अपनी कार्यशैली और सेवाओं का मूल्यांकन करने का अवसर मिलता है। यह न केवल उन्हें अपने संस्थान में मौजूद खामियों को पहचानने में मदद करता है, बल्कि उन्हें यह भी प्रेरित करता है कि वे अपने मरीजों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करें। अस्पताल प्रबंधन द्वारा लागू किए गए सुधार सीधे तौर पर मरीजों की संतुष्टि और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर असर डालते हैं।

अस्पतालों में सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार:

डीसीक्युए सुमन सिन्हा ने बताया कि एनक्वास असेसमेंट के बाद अस्पतालों को उनकी कमजोरियों और सुधार के क्षेत्रों की विस्तृत रिपोर्ट दी जाती है। इसके आधार पर अस्पताल प्रबंधन को सुधारात्मक कदम उठाने का अवसर मिलता है। इसके परिणामस्वरूप, अस्पतालों की सेवाओं में निरंतर सुधार होता है और मरीजों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त होती हैं। एनक्वास का उद्देश्य यह है कि हर मरीज को सुरक्षित, सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्राप्त हों, जिससे वह जल्दी ठीक हो सके और स्वास्थ्य सेवाओं पर उसका विश्वास बना रहे।

एनक्वास असेसमेंट जैसी पहल यह सुनिश्चित करती है कि अस्पतालों की गुणवत्ता को नियमित रूप से परखा जाए और उसे जनता के सामने पारदर्शी ढंग से प्रस्तुत किया जाए। इससे मरीजों का अस्पताल पर भरोसा बढ़ता है और वे सही समय पर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा पाते हैं।

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