बंगाल से बिहार में ओवरलोड ट्रकों और डंपरों की अवैध एंट्री एनएच-327 ई के लिए एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिसमें बंगाल के चक्करमारी चेक पोस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका है। सूत्रों के अनुसार, एंट्री माफिया और सफेदपोश लोग मिलकर इस अवैध काम को अंजाम दे रहे हैं, जिससे एनएच-327 ई और एनएच-27 जैसी हाईवे सड़कों को नुकसान हो रहा है।
गिट्टी, बालू, और कोयले की भारी मात्रा में खपत और ईंट भट्ठों के बढ़ते उपयोग के कारण इस अवैध कारोबार को और बढ़ावा मिला है। सूत्र बताते हैं कि जिले भर में एंट्री का यह खेल किस प्रकार से हो रहा है, यह सबको पता है। ठाकुरगंज-बहादुरगंज रूट और डे मार्केट-पौआखाली रूट इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। कई नामचीन समूह इन ओवरलोड वाहनों की एंट्री का काम संभाल रहे हैं। बालू, गिट्टी, कोयला समेत कई ओवरलोड वाहनों को रेकी करके माफिया गलगलिया से लेकर अररिया तक पहुंचा रहे हैं।
गौरतलब है कि किशनगंज के पूर्व जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने अवैध बालू, गिट्टी और कोयला ट्रकों की जांच के लिए कड़े कदम उठाए थे, लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद यह कार्रवाई धीमी पड़ गई, और अब ओवरलोड वाहन फिर से जिले में सक्रिय हो गए हैं। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत वाहनों के लिए तय सीमा से अधिक वजन के साथ परिवहन करना अवैध है, और इसके लिए कड़े जुर्माने का प्रावधान है।
इस स्थिति में स्थानीय प्रशासन और कानून प्रवर्तन को सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि परिवहन नियमों और सड़कों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और इस अवैध कारोबार पर रोक लगाई जा सके।
सारस न्यूज़, किशनगंज।
बंगाल से बिहार में ओवरलोड ट्रकों और डंपरों की अवैध एंट्री एनएच-327 ई के लिए एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिसमें बंगाल के चक्करमारी चेक पोस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका है। सूत्रों के अनुसार, एंट्री माफिया और सफेदपोश लोग मिलकर इस अवैध काम को अंजाम दे रहे हैं, जिससे एनएच-327 ई और एनएच-27 जैसी हाईवे सड़कों को नुकसान हो रहा है।
गिट्टी, बालू, और कोयले की भारी मात्रा में खपत और ईंट भट्ठों के बढ़ते उपयोग के कारण इस अवैध कारोबार को और बढ़ावा मिला है। सूत्र बताते हैं कि जिले भर में एंट्री का यह खेल किस प्रकार से हो रहा है, यह सबको पता है। ठाकुरगंज-बहादुरगंज रूट और डे मार्केट-पौआखाली रूट इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। कई नामचीन समूह इन ओवरलोड वाहनों की एंट्री का काम संभाल रहे हैं। बालू, गिट्टी, कोयला समेत कई ओवरलोड वाहनों को रेकी करके माफिया गलगलिया से लेकर अररिया तक पहुंचा रहे हैं।
गौरतलब है कि किशनगंज के पूर्व जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने अवैध बालू, गिट्टी और कोयला ट्रकों की जांच के लिए कड़े कदम उठाए थे, लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद यह कार्रवाई धीमी पड़ गई, और अब ओवरलोड वाहन फिर से जिले में सक्रिय हो गए हैं। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत वाहनों के लिए तय सीमा से अधिक वजन के साथ परिवहन करना अवैध है, और इसके लिए कड़े जुर्माने का प्रावधान है।
इस स्थिति में स्थानीय प्रशासन और कानून प्रवर्तन को सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि परिवहन नियमों और सड़कों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और इस अवैध कारोबार पर रोक लगाई जा सके।
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