रूपा ने अंग्रेजी साहित्य जैसे चुनौतीपूर्ण विषय में यूजीसी-नेट परीक्षा उत्तीर्ण की है, जो सहायक प्रोफेसर बनने के लिए आवश्यक योग्यता है। इस सफलता के बाद, वह देशभर में अपने विषय में सहायक प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन करने के योग्य हो गई हैं।
पलासी गांव की बेटी रूपा ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के बल पर अंग्रेजी साहित्य में यूजीसी-नेट (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रूपा की इस सफलता ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे जिले में गर्व और उत्साह की लहर पैदा कर दी है।
रूपा के चाचा, सेवानिवृत्त प्रो. जनार्दन चौधरी ने बताया कि रूपा शुरू से ही परिश्रमी और मेधावी रही हैं। उन्होंने विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए इस सफलता को प्राप्त किया, जो ग्रामीण क्षेत्र की अन्य बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यूजीसी-नेट एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय परीक्षा है, जो भारत में शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में असीमित अवसरों के द्वार खोलती है। यह परीक्षा अपनी कठिनता और कठोर मानकों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें अधिकांश विषयों की सफलता दर केवल 6-7% के बीच होती है।
रूपा ने इस सफलता के साथ राष्ट्रीय स्तर पर प्रोफेसर बनने की योग्यता हासिल कर ली है। रूपा ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपनी स्वर्गीय मां मीणा देवी, पिता मधुसूदन चौधरी और पति, बैंक अधिकारी प्रमोद कुमार झा (उर्फ भोला) को दिया है। साथ ही, उन्होंने अपने परिवार, शिक्षकों और मित्रों के अटूट समर्थन की सराहना की, जिन्होंने हर कदम पर उन्हें प्रेरित किया और उनकी तैयारी में मदद की।
रूपा की इस उल्लेखनीय सफलता पर उनके परिवार के सदस्य, जैसे कि चाचा प्रो. जनार्दन चौधरी, बड़े भाई संतोष कुमार झा, सेवानिवृत्त प्राचार्य सूर्यकांत झा, नाना सेवानिवृत्त शिक्षक पशुपतिनाथ मिश्र, प्रो. वासुदेव झा, ससुर गौरीकांत झा, सास सरिता देवी, आमोद ठाकुर, कुंदन ठाकुर, भाई अमोद झा, सुधांशु शेखर चौधरी सहित गांव के अन्य लोगों ने गर्व और खुशी व्यक्त की है।
सारस न्यूज़, अररिया।
रूपा ने अंग्रेजी साहित्य जैसे चुनौतीपूर्ण विषय में यूजीसी-नेट परीक्षा उत्तीर्ण की है, जो सहायक प्रोफेसर बनने के लिए आवश्यक योग्यता है। इस सफलता के बाद, वह देशभर में अपने विषय में सहायक प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन करने के योग्य हो गई हैं।
पलासी गांव की बेटी रूपा ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के बल पर अंग्रेजी साहित्य में यूजीसी-नेट (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रूपा की इस सफलता ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे जिले में गर्व और उत्साह की लहर पैदा कर दी है।
रूपा के चाचा, सेवानिवृत्त प्रो. जनार्दन चौधरी ने बताया कि रूपा शुरू से ही परिश्रमी और मेधावी रही हैं। उन्होंने विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए इस सफलता को प्राप्त किया, जो ग्रामीण क्षेत्र की अन्य बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यूजीसी-नेट एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय परीक्षा है, जो भारत में शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में असीमित अवसरों के द्वार खोलती है। यह परीक्षा अपनी कठिनता और कठोर मानकों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें अधिकांश विषयों की सफलता दर केवल 6-7% के बीच होती है।
रूपा ने इस सफलता के साथ राष्ट्रीय स्तर पर प्रोफेसर बनने की योग्यता हासिल कर ली है। रूपा ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपनी स्वर्गीय मां मीणा देवी, पिता मधुसूदन चौधरी और पति, बैंक अधिकारी प्रमोद कुमार झा (उर्फ भोला) को दिया है। साथ ही, उन्होंने अपने परिवार, शिक्षकों और मित्रों के अटूट समर्थन की सराहना की, जिन्होंने हर कदम पर उन्हें प्रेरित किया और उनकी तैयारी में मदद की।
रूपा की इस उल्लेखनीय सफलता पर उनके परिवार के सदस्य, जैसे कि चाचा प्रो. जनार्दन चौधरी, बड़े भाई संतोष कुमार झा, सेवानिवृत्त प्राचार्य सूर्यकांत झा, नाना सेवानिवृत्त शिक्षक पशुपतिनाथ मिश्र, प्रो. वासुदेव झा, ससुर गौरीकांत झा, सास सरिता देवी, आमोद ठाकुर, कुंदन ठाकुर, भाई अमोद झा, सुधांशु शेखर चौधरी सहित गांव के अन्य लोगों ने गर्व और खुशी व्यक्त की है।
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