शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़ टीम।
ठाकुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीते गुरुवार, 10 अक्टूबर को एक अजीब घटना घटी। एक महिला अपने नाम की पर्ची कटवाकर बकरी के लिए दवाई लेने पर अड़ी रही। दोपहर के समय अपनी ड्यूटी पर तैनात एएनएम के बार-बार समझाने के बावजूद, महिला मवेशी (बकरी) के लिए दवाई की मांग करती रही। एएनएम ने उसे बताया कि इस अस्पताल में केवल इंसानों का इलाज होता है, मवेशियों का नहीं। मवेशियों के इलाज के लिए अलग पशु चिकित्सालय है, जहां से दवाई प्राप्त की जा सकती है।
महिला सुरजापुरी भाषा बोल रही थी, जिस कारण उसे समझने में कुछ समय लगा, लेकिन अंततः वह बात समझ गई और वहां से चली गई। यह घटना इस बात को उजागर करती है कि ठाकुरगंज प्रखंड क्षेत्र में पशु चिकित्सालयों से संबंधित जानकारी आम जनता तक नहीं पहुंच रही है। अगर ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सालय और उनकी सेवाओं की जानकारी सही तरीके से दी जाती, तो शायद महिला इंसानों के अस्पताल में मवेशी का इलाज कराने नहीं आती। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि ठाकुरगंज के पशु चिकित्सालयों में जागरूकता की भारी कमी है और वे सही तरीके से संचालित नहीं हो रहे हैं।