
दो तस्करों के खिलाफ सीमावासियों ने एसएसबी
महानिरीक्षक समेत गृह मंत्री को दिया लिखित शिकायत
एसएसबी कर्मियों के मिलीभगत से रोजाना करते हैं लाखों की तस्करी, अंकुश लगाने की मांग
सारस न्यूज, सिलीगुड़ी: भारत- नेपाल सीमा गलगलिया भातगांव के ट्रांजिट रूट पर दो कुख्यात तस्करों के विरुद्ध सीमावासियों ने महानिरीक्षक सीमांत मुख्यालय, एसएसबी सिलीगुड़ी को लिखित शिकायत दी है। वहीं इस शिकायत की कॉपी गृहमंत्री, भारत सरकार, नई दिल्ली आयुक्त, सीमा शुल्क विभाग, पटना एवं सेनानायक, एसएसबी 41वीं बटालियन रानीडांगा मुख्यालय को देकर दोनों तस्करों पर अंकुश लगाने की मांग की है।

सीमावासियों द्वारा उक्त तस्करों के विरुद्ध दिए गए शिकायत में कहा गया है कि एसएसबी 41वीं बटालियन अंतर्गत भातगांव समवाय के भारत- नेपाल ट्रांजिट रूट पर दो फफ़िया किस्म के तस्कर विजय महतो पिता- राम उदगार महतो ग्राम- डांगुजोत, पो०- भजनपुर, थाना- खोरीबाड़ी, जिला- दार्जिलिंग एवं मो० रैसुल पिता- अज्ञात साकिन- ईदगाह टोला थाना- गलगलिया जिला- किशनगंज काफी सक्रिय हैं। और ये दोनों तस्कर कस्टम चेकपोस्ट के कर्मियों एवं भातगांव समवाय के एसएसबी बीट कर्मियों के मिलीभगत से प्रत्येक रोज लाखों रुपये का अवैध सामानों की तस्करी करते हैं। पूरे दिन बिट होकर दर्जनों बार विजय महतो व मो० रैसुल तथा इनके सहयोगी बाइक, ठेला एवं ई- रिक्शा के माध्यम से बिना किसी रोक टोक दिन के उजाले में अवैध सामानों की भारत से नेपाल में तस्करी को अंजाम देते हैं। और ये सारी गतिविधि कस्टम व एसएसबी बिट में लगी सीसीटीवी में कैद होती है जो जाँच होने पर साबित हो जाएगा। वहीं इनके गलत गतिविधि को लेकर किसी आम नागरिक के विरोध करने पर खुले शब्दों में कहते हैं कि कस्टम एसएसबी के पीछे हम खर्च करते हैं और हर चीज मुहैया कराते हैं, इसलिए हमें तस्करी का सामान नेपाल ले जाना पड़ता है। सीमावासियों ने आरोप लगाया है कि ये दोनों तस्कर हर रोज एसएसबी बिट पर अड्डा जमाये रहते हैं। और रात को एसएसबी जवानों के साथ शराब का पार्टी करते हैं। यही नहीं गरीब असहाय महिलाएं जो माथे और साइकिल पर भारत से कुछ जरूरत के सामानों को लेकर नेपाल में घूमकर बेच अपना गुजारा करती है उन्हें तथा नेपाली नागरिकों के वाहनों से उक्त लोग कस्टम व एसएसबी के नाम पर रंगदारी वसूलते हैं। लोगों का कहना है कि उक्त दोनों लोग मादक पदार्थ से लेकर मानव तस्करी में भी संलिप्त हैं और सीमा पर तैनात एजेंसियों के लोगों के साथ इनका उठना बैठना देख ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में ये लोग और इस संरक्षण के बल पर अन्य किसी राष्ट्र विरोधी कार्य को अंजाम दे सकते हैं। सीमावासियों ने इन दोनों पर अंकुश लगाने की मांग की है।