सारस न्यूज़, किशनगंज।
आज राजनीति को जननीति में बदलने की आवश्यकता है। इसके लिए नेताओं को जननेता बनने की तैयारी पहले से ही करनी चाहिए। जनता के बीच रहकर उनके लिए काम करना, उनकी समस्याओं का समाधान करना, उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना और जननीति का गहन अनुभव प्राप्त करना ही राजनीति में प्रवेश का सही तरीका है। राजनीति को छलावे का पर्याय नहीं बनने देना चाहिए। इसे इसके मूल्यों पर अडिग रहने दीजिए और इसे देश व समाज के हित में बनाए रखने की कोशिश कीजिए। राजनीति केवल भ्रष्टाचार का अड्डा नहीं बननी चाहिए; यह देश को दिशा देने में अहम भूमिका निभाती है।
दुर्भाग्यवश, आज राजनीति दिशाहीन हो चुकी है, और कुछ लोग इसे प्रदूषित कर रहे हैं। जो लोग किसी विशेष व्यक्ति या समूह द्वारा राजनीति में धकेले गए हैं, उन्हें इसकी असली उपयोगिता और इसके मूल्यों को समझकर अपना योगदान जननेता के रूप में देना चाहिए। किसी संवैधानिक पद पर एक श्रेष्ठ जननेता के रूप में प्रतिष्ठित होकर ही उम्मीदवारी का दावा करना चाहिए।
मुझे मालूम है कि मेरी ये आदर्शवादी बातें हजम होना मुश्किल हैं, लेकिन सभी यह स्वीकार करते हैं कि आज देश की राजनीति वाकई विकट मोड़ पर है। जनता में मौजूद अच्छे लोग, जो कभी राजनीति में आना चाहते थे, आज नकारात्मक दृष्टिकोण और अवसाद से ग्रस्त हो चुके हैं। इसका कारण वे लोग हैं, जिनकी वजह से राजनीति पर अपराध, दबंगई, पूंजीवाद, भ्रष्टाचार, दोगलापन और अयोग्यता का साया पड़ा है। इसके कारण समाज, देश, और नागरिकों को भारी नुकसान हो रहा है।
आज देश को स्वच्छ राजनीति की आवश्यकता है, और इसे पूरा करने का कार्य युवाओं को ही करना होगा। युवाओं को पुराने ढर्रे से हटकर, वर्तमान राजनीति को सही दिशा देने के प्रयास में आगे आना होगा।