समय पर लें चिकित्सीय परामर्श, न करें लापरवाही शुद्ध पेयजल और पौष्टिक आहार से बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता
सर्दियों की शुरुआत के साथ ही बच्चों और बुजुर्गों में बुखार, खासकर मियादी बुखार (टाइफाइड) के मामले बढ़ने की संभावना है। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि मियादी बुखार दूषित पानी और भोजन से फैलता है। साल्मोनेला टाइफी नामक जीवाणु इस बीमारी का प्रमुख कारण है। यह संक्रमण किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है। बुखार के लक्षण नजर आते ही तुरंत चिकित्सीय परामर्श लेना जरूरी है, ताकि बीमारी गंभीर न हो।
मियादी बुखार के लक्षणों को न करें नजरअंदाज
सिविल सर्जन ने बताया कि मियादी बुखार के लक्षण कोरोना संक्रमण जैसे हो सकते हैं। इनमें:
लगातार तेज बुखार (103-104 डिग्री)
कमजोरी
पेट और सिर दर्द
भूख में कमी
त्वचा पर गुलाबी धब्बे या चकत्ते शामिल हैं।
यदि बुखार एक सप्ताह से अधिक समय तक रहता है, तो यह गंभीर हो सकता है। लापरवाही बरतने पर मरीज को बेहोशी तक आ सकती है, जो विशेषकर बच्चों के लिए घातक हो सकता है।
बुखार के दौरान रखें सावधानियां
डॉ. कुमार ने बताया कि मियादी बुखार दूषित जल और भोजन से फैलता है। इससे बचने के लिए:
अपने आसपास सफाई बनाए रखें।
खाने-पीने की चीजों को ढक कर रखें।
बिना ढके या दूषित भोजन का सेवन न करें।
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें।
पानी के जमाव और गंदगी को रोकें।
शुद्ध पेयजल और पौष्टिक आहार का सेवन करें
शुद्ध पानी और संतुलित आहार शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार हैं। डॉ. कुमार ने सुझाव दिया कि:
भोजन में हरी सब्जियां, मौसमी फल, दूध, अंडा, मांस, और अंकुरित अनाज शामिल करें।
विटामिन-सी युक्त फलों जैसे संतरा और नींबू का सेवन करें।
पानी की कमी से बचने के लिए नारियल पानी और नींबू पानी जैसे प्राकृतिक पेय पिएं।
स्वच्छता और स्वास्थ्यवर्धक आदतें अपनाकर मियादी बुखार और अन्य संक्रमणों से बचा जा सकता है। समय पर सावधानी बरतें और स्वस्थ रहें।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
समय पर लें चिकित्सीय परामर्श, न करें लापरवाही शुद्ध पेयजल और पौष्टिक आहार से बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता
सर्दियों की शुरुआत के साथ ही बच्चों और बुजुर्गों में बुखार, खासकर मियादी बुखार (टाइफाइड) के मामले बढ़ने की संभावना है। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि मियादी बुखार दूषित पानी और भोजन से फैलता है। साल्मोनेला टाइफी नामक जीवाणु इस बीमारी का प्रमुख कारण है। यह संक्रमण किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है। बुखार के लक्षण नजर आते ही तुरंत चिकित्सीय परामर्श लेना जरूरी है, ताकि बीमारी गंभीर न हो।
मियादी बुखार के लक्षणों को न करें नजरअंदाज
सिविल सर्जन ने बताया कि मियादी बुखार के लक्षण कोरोना संक्रमण जैसे हो सकते हैं। इनमें:
लगातार तेज बुखार (103-104 डिग्री)
कमजोरी
पेट और सिर दर्द
भूख में कमी
त्वचा पर गुलाबी धब्बे या चकत्ते शामिल हैं।
यदि बुखार एक सप्ताह से अधिक समय तक रहता है, तो यह गंभीर हो सकता है। लापरवाही बरतने पर मरीज को बेहोशी तक आ सकती है, जो विशेषकर बच्चों के लिए घातक हो सकता है।
बुखार के दौरान रखें सावधानियां
डॉ. कुमार ने बताया कि मियादी बुखार दूषित जल और भोजन से फैलता है। इससे बचने के लिए:
अपने आसपास सफाई बनाए रखें।
खाने-पीने की चीजों को ढक कर रखें।
बिना ढके या दूषित भोजन का सेवन न करें।
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें।
पानी के जमाव और गंदगी को रोकें।
शुद्ध पेयजल और पौष्टिक आहार का सेवन करें
शुद्ध पानी और संतुलित आहार शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार हैं। डॉ. कुमार ने सुझाव दिया कि:
भोजन में हरी सब्जियां, मौसमी फल, दूध, अंडा, मांस, और अंकुरित अनाज शामिल करें।
विटामिन-सी युक्त फलों जैसे संतरा और नींबू का सेवन करें।
पानी की कमी से बचने के लिए नारियल पानी और नींबू पानी जैसे प्राकृतिक पेय पिएं।
स्वच्छता और स्वास्थ्यवर्धक आदतें अपनाकर मियादी बुखार और अन्य संक्रमणों से बचा जा सकता है। समय पर सावधानी बरतें और स्वस्थ रहें।
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