आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका पर जोर, स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने की दिशा में कदम
किशनगंज जिले में गैर संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम और स्क्रीनिंग की प्रगति की समीक्षा के लिए ठाकुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने की, और इसमें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार, एएनएम, आशा कार्यकर्ता, तथा अस्पताल प्रशासन के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में आशा कार्यकर्ताओं के कार्यक्षेत्र में उनके योगदान और गैर संचारी रोगों की रोकथाम के लिए आवश्यक सुधारात्मक कदमों पर चर्चा की गई।
गैर संचारी रोग: गंभीर चुनौती और रोकथाम की आवश्यकता
गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, लकवा और कैंसर जैसे रोग न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य बल्कि समाज के लिए गंभीर चुनौती बन चुके हैं। इन रोगों का मुख्य कारण अस्वास्थ्यकर खानपान, शारीरिक गतिविधियों की कमी और जीवनशैली से जुड़ी आदतें हैं। उन्होंने कहा, “इन रोगों की रोकथाम और समय पर इलाज सुनिश्चित करने में आशा कार्यकर्ताओं का योगदान बेहद अहम है। वे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।”
आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका और जिम्मेदारियां
बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि आशा कार्यकर्ताओं को 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग करने का कार्य सौंपा जाएगा। वे परिवारों का फैमिली फोल्डर और सी-बैक फॉर्म भरकर स्वास्थ्य केंद्रों तक मरीजों की जानकारी पहुंचाएंगी। डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा, “आशा कार्यकर्ता बीमारी के लक्षणों को पहचानकर गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाने में मदद करेंगी। उनका यह प्रयास न केवल मरीजों के इलाज में मदद करेगा बल्कि उन्हें गंभीर स्थिति में जाने से भी रोकेगा।”
एनसीडी स्क्रीनिंग और रिपोर्टिंग प्रक्रिया
बैठक में बताया गया कि एनसीडी एप्लीकेशन के माध्यम से आशा कार्यकर्ताओं द्वारा एकत्रित आंकड़ों की रिपोर्टिंग की जाएगी। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत एएनएम इन आंकड़ों को पोर्टल पर अपलोड करेंगी, जिससे स्क्रीनिंग और इलाज प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित होगी।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “गैर संचारी रोगों से बचाव के लिए जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है। इन रोगों को रोका जा सकता है यदि खानपान और जीवनशैली में सुधार किया जाए। आशा कार्यकर्ता इस जागरूकता को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगी।”
समीक्षा बैठक में महत्वपूर्ण निर्देश
बैठक में आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम को उनके कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। प्रत्येक क्षेत्र के लिए मजबूत माइक्रो प्लान तैयार करने और समय पर डाटा एंट्री सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। यह भी तय किया गया कि गंभीर रोगों के मरीजों को समय पर इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया जाए और उनके इलाज में कोई बाधा न आए।
गैर संचारी रोगों की पहचान और रोकथाम: अहम कदम
बैठक में बताया गया कि गैर संचारी रोगों के अंतर्गत मुख्यतः मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर और बच्चेदानी के मुंह का कैंसर शामिल हैं। इन रोगों की पहचान के लिए सामान्य लक्षणों और स्क्रीनिंग प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को समय पर अस्पताल में भर्ती कर इलाज उपलब्ध कराना प्राथमिकता होगी।
आशा कार्यकर्ताओं की मेहनत से उम्मीदें
गैर संचारी रोगों की रोकथाम और जागरूकता अभियान में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। उनके समर्पण और प्रयासों से जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने और गैर संचारी रोगों के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी। समीक्षा बैठक के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद है कि एनपीसीडीसीएस के तहत जिले में गैर संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण में उल्लेखनीय प्रगति होगी।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका पर जोर, स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने की दिशा में कदम
किशनगंज जिले में गैर संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम और स्क्रीनिंग की प्रगति की समीक्षा के लिए ठाकुरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने की, और इसमें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार, एएनएम, आशा कार्यकर्ता, तथा अस्पताल प्रशासन के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में आशा कार्यकर्ताओं के कार्यक्षेत्र में उनके योगदान और गैर संचारी रोगों की रोकथाम के लिए आवश्यक सुधारात्मक कदमों पर चर्चा की गई।
गैर संचारी रोग: गंभीर चुनौती और रोकथाम की आवश्यकता
गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, लकवा और कैंसर जैसे रोग न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य बल्कि समाज के लिए गंभीर चुनौती बन चुके हैं। इन रोगों का मुख्य कारण अस्वास्थ्यकर खानपान, शारीरिक गतिविधियों की कमी और जीवनशैली से जुड़ी आदतें हैं। उन्होंने कहा, “इन रोगों की रोकथाम और समय पर इलाज सुनिश्चित करने में आशा कार्यकर्ताओं का योगदान बेहद अहम है। वे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।”
आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका और जिम्मेदारियां
बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि आशा कार्यकर्ताओं को 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग करने का कार्य सौंपा जाएगा। वे परिवारों का फैमिली फोल्डर और सी-बैक फॉर्म भरकर स्वास्थ्य केंद्रों तक मरीजों की जानकारी पहुंचाएंगी। डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा, “आशा कार्यकर्ता बीमारी के लक्षणों को पहचानकर गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाने में मदद करेंगी। उनका यह प्रयास न केवल मरीजों के इलाज में मदद करेगा बल्कि उन्हें गंभीर स्थिति में जाने से भी रोकेगा।”
एनसीडी स्क्रीनिंग और रिपोर्टिंग प्रक्रिया
बैठक में बताया गया कि एनसीडी एप्लीकेशन के माध्यम से आशा कार्यकर्ताओं द्वारा एकत्रित आंकड़ों की रिपोर्टिंग की जाएगी। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत एएनएम इन आंकड़ों को पोर्टल पर अपलोड करेंगी, जिससे स्क्रीनिंग और इलाज प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित होगी।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “गैर संचारी रोगों से बचाव के लिए जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है। इन रोगों को रोका जा सकता है यदि खानपान और जीवनशैली में सुधार किया जाए। आशा कार्यकर्ता इस जागरूकता को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगी।”
समीक्षा बैठक में महत्वपूर्ण निर्देश
बैठक में आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम को उनके कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। प्रत्येक क्षेत्र के लिए मजबूत माइक्रो प्लान तैयार करने और समय पर डाटा एंट्री सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। यह भी तय किया गया कि गंभीर रोगों के मरीजों को समय पर इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाया जाए और उनके इलाज में कोई बाधा न आए।
गैर संचारी रोगों की पहचान और रोकथाम: अहम कदम
बैठक में बताया गया कि गैर संचारी रोगों के अंतर्गत मुख्यतः मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर और बच्चेदानी के मुंह का कैंसर शामिल हैं। इन रोगों की पहचान के लिए सामान्य लक्षणों और स्क्रीनिंग प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को समय पर अस्पताल में भर्ती कर इलाज उपलब्ध कराना प्राथमिकता होगी।
आशा कार्यकर्ताओं की मेहनत से उम्मीदें
गैर संचारी रोगों की रोकथाम और जागरूकता अभियान में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। उनके समर्पण और प्रयासों से जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने और गैर संचारी रोगों के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी। समीक्षा बैठक के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद है कि एनपीसीडीसीएस के तहत जिले में गैर संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण में उल्लेखनीय प्रगति होगी।
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