अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस (25 नवंबर से 10 दिसंबर) के अवसर पर कोचाधामन प्रखंड बाल विकास परियोजना कार्यालय (ICDS) में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं के प्रति होने वाली लैंगिक हिंसा, दहेज प्रथा, बाल विवाह आदि सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाना और समाज में समानता को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम के तहत प्रखंड परिसर से एक जागरूकता रैली निकाली गई, जिसे प्रखंड विकास पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (कोचाधामन), और जिला परियोजना प्रबंधक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
रैली में लैंगिक हिंसा, दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ नारे लगाते हुए लोगों को इन सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया। रैली प्रखंड परिसर से निकलकर मुख्य मार्ग तक गई।
रैली के दौरान महिलाओं और आंगनवाड़ी सेविकाओं को निम्नलिखित विषयों पर जानकारी दी गई:
महिला हिंसा उन्मूलन के लिए उपलब्ध सेवाएं
181 महिला हेल्पलाइन: आपात स्थिति में मदद।
वन स्टॉप सेंटर: हिंसा पीड़ित महिलाओं के लिए विशेष सहायता।
POSH: कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से सुरक्षा।
बाल विवाह और भ्रूण हत्या की रोकथाम
बाल विवाह रोकथाम अधिनियम: कानूनी प्रावधान और दंड।
PCPNDT अधिनियम: भ्रूण हत्या पर रोक और जुर्माने की जानकारी।
महिला एवं बाल विकास निगम की योजनाएं
महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके स्वास्थ्य, शिक्षा, और सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं का विवरण।
इस कार्यक्रम में जिला परियोजना प्रबंधक, जिला मिशन समन्वयक (डिस्ट्रिक्ट हब), लैंगिक विशेषज्ञ, वित्तीय साक्षरता विशेषज्ञ, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका, आंगनवाड़ी सेविकाएं, और प्रखंड के अन्य कर्मी शामिल हुए।
नयी चेतना अभियान 3.0 के तहत आयोजित यह जागरूकता कार्यक्रम महिलाओं के सशक्तिकरण और समाज को जेंडर आधारित हिंसा मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह आयोजन लोगों को समानता और न्याय की दिशा में प्रेरित करने का संदेश देता है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस (25 नवंबर से 10 दिसंबर) के अवसर पर कोचाधामन प्रखंड बाल विकास परियोजना कार्यालय (ICDS) में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं के प्रति होने वाली लैंगिक हिंसा, दहेज प्रथा, बाल विवाह आदि सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाना और समाज में समानता को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम के तहत प्रखंड परिसर से एक जागरूकता रैली निकाली गई, जिसे प्रखंड विकास पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (कोचाधामन), और जिला परियोजना प्रबंधक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
रैली में लैंगिक हिंसा, दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ नारे लगाते हुए लोगों को इन सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया। रैली प्रखंड परिसर से निकलकर मुख्य मार्ग तक गई।
रैली के दौरान महिलाओं और आंगनवाड़ी सेविकाओं को निम्नलिखित विषयों पर जानकारी दी गई:
महिला हिंसा उन्मूलन के लिए उपलब्ध सेवाएं
181 महिला हेल्पलाइन: आपात स्थिति में मदद।
वन स्टॉप सेंटर: हिंसा पीड़ित महिलाओं के लिए विशेष सहायता।
POSH: कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से सुरक्षा।
बाल विवाह और भ्रूण हत्या की रोकथाम
बाल विवाह रोकथाम अधिनियम: कानूनी प्रावधान और दंड।
PCPNDT अधिनियम: भ्रूण हत्या पर रोक और जुर्माने की जानकारी।
महिला एवं बाल विकास निगम की योजनाएं
महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके स्वास्थ्य, शिक्षा, और सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं का विवरण।
इस कार्यक्रम में जिला परियोजना प्रबंधक, जिला मिशन समन्वयक (डिस्ट्रिक्ट हब), लैंगिक विशेषज्ञ, वित्तीय साक्षरता विशेषज्ञ, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका, आंगनवाड़ी सेविकाएं, और प्रखंड के अन्य कर्मी शामिल हुए।
नयी चेतना अभियान 3.0 के तहत आयोजित यह जागरूकता कार्यक्रम महिलाओं के सशक्तिकरण और समाज को जेंडर आधारित हिंसा मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह आयोजन लोगों को समानता और न्याय की दिशा में प्रेरित करने का संदेश देता है।
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