स्थानीय संस्था पंडित रामदेनी तिवारी द्विजदेनी क्लब द्वारा प्लस टू द्विजदेनी स्मारक उच्च विद्यालय परिसर में एक समारोह आयोजित कर फारबिसगंज निवासी संजीव रंजन का सीआरपीएफ के डीआईजी बनने पर भव्य स्वागत और अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष, लेखक और बाल साहित्यकार हेमंत यादव ने की, जबकि संचालन बिनोद कुमार तिवारी ने किया। इस अवसर पर संस्था से जुड़े साहित्यकारों, कवियों और गणमान्य लोगों ने संजीव रंजन को बुके भेंटकर और माला पहनाकर उनका भव्य स्वागत किया।
कार्यक्रम में अपने बारे में बोलते हुए डीआईजी संजीव रंजन ने बताया कि वे फारबिसगंज के प्रोफेसर कॉलोनी के निवासी हैं। उनके पिता देवेंद्र कुमार दास, सेवानिवृत्त पोस्टमास्टर, का जन्म हरिपुर गांव में हुआ था। संजीव रंजन का जन्म 16 जनवरी 1969 को हरिपुर में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा स्थानीय ली अकादमी से और कॉलेज की पढ़ाई फारबिसगंज कॉलेज से पूरी की। 1994 में वे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर नियुक्त हुए।
सभा के अध्यक्ष हेमंत यादव ने बताया कि संजीव रंजन की साहित्य लेखन में गहरी रुचि है। उनके लेख राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। उन्होंने पूर्वोत्तर के सातों राज्यों की संस्कृति पर एक पुस्तक लिखी है। इसके अलावा, प्रकृति, पर्वतारोहण और लोक समाज जैसे विषयों पर भी उनकी रचनाएं प्रसिद्ध हैं।
संजीव रंजन को गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा हिंदी भाषा के अधिकतम उपयोग के लिए राजभाषा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने राष्ट्रीय सिविल डिफेंस कॉलेज, नागपुर से आपदा बचाव का प्रशिक्षण प्राप्त किया और आपदा प्रबंधन पर एक पुस्तक लिखी, जो केंद्रीय पुलिस बल में आज भी उपयोग हो रही है।
हेमंत यादव ने बताया कि संजीव रंजन एक कुशल पर्वतारोही भी हैं और वर्तमान में वे मध्य प्रदेश सेक्टर, भोपाल में डीआईजी के पद पर कार्यरत हैं। इस अवसर पर प्रमुख रूप से शिवनारायण चौधरी, हरिशंकर झा, अरविंद ठाकुर, सुनील दास, रामजी मिश्र, सुरेंद्र प्रसाद मंडल, अमिताभ पांडेय, प्रमोद कुमार झा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
सारस न्यूज़, अररिया।
स्थानीय संस्था पंडित रामदेनी तिवारी द्विजदेनी क्लब द्वारा प्लस टू द्विजदेनी स्मारक उच्च विद्यालय परिसर में एक समारोह आयोजित कर फारबिसगंज निवासी संजीव रंजन का सीआरपीएफ के डीआईजी बनने पर भव्य स्वागत और अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष, लेखक और बाल साहित्यकार हेमंत यादव ने की, जबकि संचालन बिनोद कुमार तिवारी ने किया। इस अवसर पर संस्था से जुड़े साहित्यकारों, कवियों और गणमान्य लोगों ने संजीव रंजन को बुके भेंटकर और माला पहनाकर उनका भव्य स्वागत किया।
कार्यक्रम में अपने बारे में बोलते हुए डीआईजी संजीव रंजन ने बताया कि वे फारबिसगंज के प्रोफेसर कॉलोनी के निवासी हैं। उनके पिता देवेंद्र कुमार दास, सेवानिवृत्त पोस्टमास्टर, का जन्म हरिपुर गांव में हुआ था। संजीव रंजन का जन्म 16 जनवरी 1969 को हरिपुर में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा स्थानीय ली अकादमी से और कॉलेज की पढ़ाई फारबिसगंज कॉलेज से पूरी की। 1994 में वे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर नियुक्त हुए।
सभा के अध्यक्ष हेमंत यादव ने बताया कि संजीव रंजन की साहित्य लेखन में गहरी रुचि है। उनके लेख राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। उन्होंने पूर्वोत्तर के सातों राज्यों की संस्कृति पर एक पुस्तक लिखी है। इसके अलावा, प्रकृति, पर्वतारोहण और लोक समाज जैसे विषयों पर भी उनकी रचनाएं प्रसिद्ध हैं।
संजीव रंजन को गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा हिंदी भाषा के अधिकतम उपयोग के लिए राजभाषा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने राष्ट्रीय सिविल डिफेंस कॉलेज, नागपुर से आपदा बचाव का प्रशिक्षण प्राप्त किया और आपदा प्रबंधन पर एक पुस्तक लिखी, जो केंद्रीय पुलिस बल में आज भी उपयोग हो रही है।
हेमंत यादव ने बताया कि संजीव रंजन एक कुशल पर्वतारोही भी हैं और वर्तमान में वे मध्य प्रदेश सेक्टर, भोपाल में डीआईजी के पद पर कार्यरत हैं। इस अवसर पर प्रमुख रूप से शिवनारायण चौधरी, हरिशंकर झा, अरविंद ठाकुर, सुनील दास, रामजी मिश्र, सुरेंद्र प्रसाद मंडल, अमिताभ पांडेय, प्रमोद कुमार झा सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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