बकरी चोरी के विवाद को लेकर हुए झगड़े में दोनों पक्षों के छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, भरगामा में भर्ती कराया गया।
घटना बीरनगर पूरब पंचायत के वार्ड संख्या 14 की है, जहां तीन दिन पहले बकरी चोरी का आरोप दूसरे पक्ष पर लगाया गया था। वार्ड सदस्य मो. शकील ने बताया कि सोमवार को अपराह्न करीब 2 बजे जब वे बकरी मांगने मो. रहमत के दरवाजे पर गए, तो दोनों पक्षों के बीच कहासुनी शुरू हो गई, जो देखते ही देखते खूनी संघर्ष में बदल गई।
मो. रहमान, मो. नजीर, मो. राजा, मो. सैफ अली, हमजा अली, मो. गुल्फराज, मो. सरफराज, मो. नजर, मो. जमशेद और मो. अल्ताफ ने लाठी, डंडा, फरसा और लोहे की रॉड से हमला कर दिया। इस दौरान मो. शकील के सिर पर फरसे से जोरदार वार किया गया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल होकर अचेत हो गए। बचाने पहुंचे मो. रहमत (पुत्र मो. शकील), मो. ताहिर (पुत्र मो. लतीफ) और अजराना खातून (पत्नी मो. चांद) को भी फरसे और लोहे की रॉड से मारकर घायल कर दिया गया।
धक्का-मुक्की के दौरान दूसरे पक्ष के दो लोग भी घायल हो गए। शोर सुनकर स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे और भरगामा पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर आभा ने प्राथमिक उपचार किया। गंभीर रूप से घायल मो. शकील, मो. तासीर और बीबी अजराना को सीटी स्कैन के लिए अररिया सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया।
घटना को लेकर मो. शकील के पुत्र मो. सम्मद ने बताया कि तीन लोगों की हालत बेहद चिंताजनक है। अररिया में इलाज के बाद मंगलवार को थाना में आवेदन दिया जाएगा।
इस मामले पर भरगामा थानाध्यक्ष राकेश कुमार ने कहा कि घटना की जानकारी मिली है, लेकिन अब तक पीड़ित पक्ष द्वारा आवेदन नहीं दिया गया है। आवेदन प्राप्त होने के बाद घटनास्थल पर जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
सारस न्यूज़, अररिया।
बकरी चोरी के विवाद को लेकर हुए झगड़े में दोनों पक्षों के छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, भरगामा में भर्ती कराया गया।
घटना बीरनगर पूरब पंचायत के वार्ड संख्या 14 की है, जहां तीन दिन पहले बकरी चोरी का आरोप दूसरे पक्ष पर लगाया गया था। वार्ड सदस्य मो. शकील ने बताया कि सोमवार को अपराह्न करीब 2 बजे जब वे बकरी मांगने मो. रहमत के दरवाजे पर गए, तो दोनों पक्षों के बीच कहासुनी शुरू हो गई, जो देखते ही देखते खूनी संघर्ष में बदल गई।
मो. रहमान, मो. नजीर, मो. राजा, मो. सैफ अली, हमजा अली, मो. गुल्फराज, मो. सरफराज, मो. नजर, मो. जमशेद और मो. अल्ताफ ने लाठी, डंडा, फरसा और लोहे की रॉड से हमला कर दिया। इस दौरान मो. शकील के सिर पर फरसे से जोरदार वार किया गया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल होकर अचेत हो गए। बचाने पहुंचे मो. रहमत (पुत्र मो. शकील), मो. ताहिर (पुत्र मो. लतीफ) और अजराना खातून (पत्नी मो. चांद) को भी फरसे और लोहे की रॉड से मारकर घायल कर दिया गया।
धक्का-मुक्की के दौरान दूसरे पक्ष के दो लोग भी घायल हो गए। शोर सुनकर स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे और भरगामा पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर आभा ने प्राथमिक उपचार किया। गंभीर रूप से घायल मो. शकील, मो. तासीर और बीबी अजराना को सीटी स्कैन के लिए अररिया सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया।
घटना को लेकर मो. शकील के पुत्र मो. सम्मद ने बताया कि तीन लोगों की हालत बेहद चिंताजनक है। अररिया में इलाज के बाद मंगलवार को थाना में आवेदन दिया जाएगा।
इस मामले पर भरगामा थानाध्यक्ष राकेश कुमार ने कहा कि घटना की जानकारी मिली है, लेकिन अब तक पीड़ित पक्ष द्वारा आवेदन नहीं दिया गया है। आवेदन प्राप्त होने के बाद घटनास्थल पर जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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