सोमवार को छैतल पंचायत के भोलाभिट्टा गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर यातायात अवरुद्ध कर दिया। लगभग आधे घंटे तक जाम लगा रहा। गुस्साए ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि किसी ने उनके मुख्य रास्ते के बीचोंबीच जेसीबी मशीन से गड्ढा खुदवाकर आवागमन बाधित कर दिया, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि यह रास्ता वर्षों पुराना है और इसे मनरेगा योजना के तहत कई बार मिट्टीकरण करके बेहतर बनाया गया है। यह रास्ता करीब सौ वर्षों से उपयोग में है। आरोप लगाया गया कि गांव के ही जहांगीर आलम और उनके सहयोगियों ने निजी जमीन का दावा करते हुए रास्ते के बीच गड्ढा खुदवा दिया, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में कठिनाई हो रही है।
आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क पर जाम लगाकर विरोध दर्ज कराया। घटना की सूचना मिलने पर ठाकुरगंज थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाकर शांत करने का प्रयास किया। कुछ देर बाद अंचल अधिकारी (सीओ) सुचिता कुमार भी मौके पर पहुंचीं।
अंचल अधिकारी ने दोनों पक्षों को बातचीत के लिए बुलाया और मामले को सुलझाने का प्रयास किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकारी अमीन से जमीन की मापी कराई जाएगी और रास्ते की स्थिति स्पष्ट की जाएगी। बातचीत के बाद दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी और मामला शांत हुआ।
अंचल अधिकारी ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि उनके रास्ते की समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़ टीम।
सोमवार को छैतल पंचायत के भोलाभिट्टा गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर यातायात अवरुद्ध कर दिया। लगभग आधे घंटे तक जाम लगा रहा। गुस्साए ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि किसी ने उनके मुख्य रास्ते के बीचोंबीच जेसीबी मशीन से गड्ढा खुदवाकर आवागमन बाधित कर दिया, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि यह रास्ता वर्षों पुराना है और इसे मनरेगा योजना के तहत कई बार मिट्टीकरण करके बेहतर बनाया गया है। यह रास्ता करीब सौ वर्षों से उपयोग में है। आरोप लगाया गया कि गांव के ही जहांगीर आलम और उनके सहयोगियों ने निजी जमीन का दावा करते हुए रास्ते के बीच गड्ढा खुदवा दिया, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में कठिनाई हो रही है।
आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क पर जाम लगाकर विरोध दर्ज कराया। घटना की सूचना मिलने पर ठाकुरगंज थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाकर शांत करने का प्रयास किया। कुछ देर बाद अंचल अधिकारी (सीओ) सुचिता कुमार भी मौके पर पहुंचीं।
अंचल अधिकारी ने दोनों पक्षों को बातचीत के लिए बुलाया और मामले को सुलझाने का प्रयास किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकारी अमीन से जमीन की मापी कराई जाएगी और रास्ते की स्थिति स्पष्ट की जाएगी। बातचीत के बाद दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी और मामला शांत हुआ।
अंचल अधिकारी ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि उनके रास्ते की समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
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