एक स्वस्थ मां ही एक स्वस्थ शिशु का पोषण कर सकती है।
गर्भधारण और प्रसव का समय किसी भी महिला के जीवन का बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील चरण होता है। इस दौरान मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए पोषण का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। सदर अस्पताल में कार्यरत महिला चिकित्सा पदाधिकारी, डॉ. शबनम यास्मीन ने बताया कि शिशु के जन्म के बाद मां का आहार न केवल उसके स्वयं के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि नवजात के पोषण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
डॉ. शबनम ने कहा, “स्तनपान कराने वाली माताओं को अपने आहार में प्रतिदिन 2100 कैलोरी लेनी चाहिए, जो सामान्य महिलाओं की तुलना में 400-500 कैलोरी अधिक है। यह अतिरिक्त कैलोरी नवजात शिशु को पर्याप्त पोषण प्रदान करने में सहायक होती है।”
डिलीवरी के बाद संतुलित आहार है जरूरी
डॉ. शबनम यास्मीन के अनुसार, प्रसव के बाद माताओं को संतुलित आहार लेना चाहिए। संतुलित आहार में एक तिहाई हरी साग-सब्जियां, एक तिहाई प्रोटीन और एक तिहाई कार्बोहाइड्रेट शामिल होना चाहिए। साथ ही विभिन्न रंगों की सब्जियां, फल, विटामिन, और खनिज तत्व भी आहार में शामिल किए जाने चाहिए।
नई माताओं के लिए फायदेमंद खाद्य पदार्थ:
ब्राउन राइस, मोटा अनाज, चपाती और साबुत अनाज।
अंडे, मछली और जैतून का तेल।
मेवे और मछली का तेल।
शाकाहारी माताओं के लिए सुझाव
डॉ. शबनम ने शाकाहारी माताओं को आहार में हरी साग-सब्जियां, मेवे और फल शामिल करने का सुझाव दिया। इसके अलावा, उन्होंने विटामिन बी12, विटामिन डी, ओमेगा-3 फैटी एसिड और कैल्शियम सप्लीमेंट लेने पर जोर दिया।
गैलेक्टागोग्स और दूध उत्पादन बढ़ाने वाले आहार
डॉ. शबनम ने बताया कि हरी पत्तेदार सब्जियां, मेथी, लहसुन और अजवाइन जैसे गैलेक्टागोग्स मां के दूध को अधिक पोषित बनाते हैं। इनका नियमित सेवन नवजात के विकास में सहायक होता है।
दुग्ध उत्पाद और हाइड्रेशन का महत्व
किशनगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की महिला चिकित्सक, डॉ. आशिया नूरी ने बताया कि माताओं को दूध, दही और घी जैसे दुग्ध उत्पादों का सेवन करना चाहिए। यह मां और शिशु दोनों को पर्याप्त कैल्शियम प्रदान करता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
उन्होंने कहा, “प्रसव के बाद महिलाओं को हाइड्रेशन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर में रक्त संचार सही रहता है और मां का स्वास्थ्य बेहतर होता है। महिलाओं को प्रतिदिन छह से आठ गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए।”
सही देखभाल से बेहतर सेहत
सिविल सर्जन, डॉ. राजेश कुमार ने माताओं के पोषण और देखभाल के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “संतुलित आहार और सही देखभाल से न केवल मां का स्वास्थ्य बेहतर रहता है, बल्कि नवजात भी स्वस्थ रहता है। विटामिन और कैल्शियम की कमी से बचने के लिए नियमित रूप से मल्टीविटामिन और सप्लीमेंट्स का सेवन करना चाहिए।”
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक, डॉ. अनवर हुसैन ने भी पोषण की महत्ता पर बल देते हुए कहा, “एक स्वस्थ मां ही एक स्वस्थ शिशु का पोषण कर सकती है। माताओं को अपने आहार में विविधता और संतुलन बनाए रखना चाहिए।”
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
एक स्वस्थ मां ही एक स्वस्थ शिशु का पोषण कर सकती है।
गर्भधारण और प्रसव का समय किसी भी महिला के जीवन का बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील चरण होता है। इस दौरान मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए पोषण का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। सदर अस्पताल में कार्यरत महिला चिकित्सा पदाधिकारी, डॉ. शबनम यास्मीन ने बताया कि शिशु के जन्म के बाद मां का आहार न केवल उसके स्वयं के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि नवजात के पोषण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
डॉ. शबनम ने कहा, “स्तनपान कराने वाली माताओं को अपने आहार में प्रतिदिन 2100 कैलोरी लेनी चाहिए, जो सामान्य महिलाओं की तुलना में 400-500 कैलोरी अधिक है। यह अतिरिक्त कैलोरी नवजात शिशु को पर्याप्त पोषण प्रदान करने में सहायक होती है।”
डिलीवरी के बाद संतुलित आहार है जरूरी
डॉ. शबनम यास्मीन के अनुसार, प्रसव के बाद माताओं को संतुलित आहार लेना चाहिए। संतुलित आहार में एक तिहाई हरी साग-सब्जियां, एक तिहाई प्रोटीन और एक तिहाई कार्बोहाइड्रेट शामिल होना चाहिए। साथ ही विभिन्न रंगों की सब्जियां, फल, विटामिन, और खनिज तत्व भी आहार में शामिल किए जाने चाहिए।
नई माताओं के लिए फायदेमंद खाद्य पदार्थ:
ब्राउन राइस, मोटा अनाज, चपाती और साबुत अनाज।
अंडे, मछली और जैतून का तेल।
मेवे और मछली का तेल।
शाकाहारी माताओं के लिए सुझाव
डॉ. शबनम ने शाकाहारी माताओं को आहार में हरी साग-सब्जियां, मेवे और फल शामिल करने का सुझाव दिया। इसके अलावा, उन्होंने विटामिन बी12, विटामिन डी, ओमेगा-3 फैटी एसिड और कैल्शियम सप्लीमेंट लेने पर जोर दिया।
गैलेक्टागोग्स और दूध उत्पादन बढ़ाने वाले आहार
डॉ. शबनम ने बताया कि हरी पत्तेदार सब्जियां, मेथी, लहसुन और अजवाइन जैसे गैलेक्टागोग्स मां के दूध को अधिक पोषित बनाते हैं। इनका नियमित सेवन नवजात के विकास में सहायक होता है।
दुग्ध उत्पाद और हाइड्रेशन का महत्व
किशनगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की महिला चिकित्सक, डॉ. आशिया नूरी ने बताया कि माताओं को दूध, दही और घी जैसे दुग्ध उत्पादों का सेवन करना चाहिए। यह मां और शिशु दोनों को पर्याप्त कैल्शियम प्रदान करता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
उन्होंने कहा, “प्रसव के बाद महिलाओं को हाइड्रेशन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर में रक्त संचार सही रहता है और मां का स्वास्थ्य बेहतर होता है। महिलाओं को प्रतिदिन छह से आठ गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए।”
सही देखभाल से बेहतर सेहत
सिविल सर्जन, डॉ. राजेश कुमार ने माताओं के पोषण और देखभाल के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “संतुलित आहार और सही देखभाल से न केवल मां का स्वास्थ्य बेहतर रहता है, बल्कि नवजात भी स्वस्थ रहता है। विटामिन और कैल्शियम की कमी से बचने के लिए नियमित रूप से मल्टीविटामिन और सप्लीमेंट्स का सेवन करना चाहिए।”
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक, डॉ. अनवर हुसैन ने भी पोषण की महत्ता पर बल देते हुए कहा, “एक स्वस्थ मां ही एक स्वस्थ शिशु का पोषण कर सकती है। माताओं को अपने आहार में विविधता और संतुलन बनाए रखना चाहिए।”
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