नक्सलबाड़ी:खोरीबाड़ी बीडीओ दीप्ति साव को भू-माफियाओं द्वारा धमकाने का मामला सामने आया है, लेकिन 48 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है। यह मामला उस समय का है जब खोरीबाड़ी थाना क्षेत्र के जीवनसिंह मौजा के भुलकाजोत क्षेत्र में आवास निर्माण के लिए सरकारी जमीन चिन्हित करने गए थे। इस दौरान भू-माफियाओं और बीडीओ दीप्ति साव एवं भू-राजस्व विभाग के अधिकारियों के बीच तू-तू, मैं-मैं हो गई थी। इस मामले में भू-माफियाओं ने बीडीओ दीप्ति साव को धमकी दी, जिससे प्रशासन में हलचल मच गई।
घटना का विवरण बताया जा रहा है कि इस विवाद के दौरान 46 बंगाली आवास लाभार्थियों का नाम प्रथम सूची में आया था। इन्हें आवास निर्माण के लिए सरकारी जमीन पर चिन्हित किया गया था। भू-राजस्व विभाग के अधिकारी बताते हैं कि खोरीबाड़ी क्षेत्र में 80 से अधिक लाभार्थी पहले पीडबल्यूडी और रेलवे की जमीन पर रह रहे थे, जिससे उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया था। इसके बाद प्रशासन ने इन लाभार्थियों को सरकारी जमीन पर बसाने का निर्णय लिया और इसके तहत ही बीडीओ दीप्ति साव भुलकाजोत क्षेत्र में गए थे। इसी दौरान भू-माफियाओं से उनका सामना हुआ और माफियाओं ने उन्हें धमकियां दीं।
धमकी देने वाले भू-माफिया बीडीओ दीप्ति साव ने बताया कि दो भू-माफिया कमल राय और कार्तिक राय ने उन्हें धमकी दी। इन माफियाओं के खिलाफ उन्होंने सरकारी काम में बाधा डालने और सरकारी जमीन पर कब्जा करने के आरोप में लिखित शिकायत दी है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और पुलिस को गिरफ्तारी करनी चाहिए।
भू-माफियाओं का कब्जा भू-राजस्व विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस क्षेत्र में 11 बीघा सरकारी जमीन है, जिसमें से लगभग 6 बीघा जमीन पर भू-माफिया ने कब्जा कर लिया है। इसके कारण इन लाभार्थियों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया था। प्रशासन ने अब इन माफियाओं से सरकारी जमीन क्लियर करने और लाभार्थियों को आवास प्रदान करने का निर्णय लिया है, लेकिन माफिया इस काम में बाधा डाल रहे हैं।
पुलिस का जवाब इस मामले पर ग्रामीण एसडीपीओ नेहा जैन ने कहा कि केस दर्ज कर लिया गया है, और पुलिस आगे की जांच कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपितों के खिलाफ नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, 48 घंटे बीत जाने के बावजूद पुलिस की कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है।
स्थानीय प्रतिक्रिया स्थानीय लोग इस पूरे मामले को लेकर चिंतित हैं और भू-माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन द्वारा अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो भू-माफिया इस इलाके में और भी सक्रिय हो सकते हैं, जिससे आवास योजनाओं का फायदा वंचित लाभार्थियों को नहीं मिल पाएगा।
निष्कर्ष यह मामला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है, जहां भू-माफिया न केवल सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं, बल्कि सरकारी कार्यों में भी बाधा डालने का काम कर रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में सख्त कदम उठाकर भू-माफिया को सबक सिखाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
प्रतिनिधि, सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
नक्सलबाड़ी:खोरीबाड़ी बीडीओ दीप्ति साव को भू-माफियाओं द्वारा धमकाने का मामला सामने आया है, लेकिन 48 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है। यह मामला उस समय का है जब खोरीबाड़ी थाना क्षेत्र के जीवनसिंह मौजा के भुलकाजोत क्षेत्र में आवास निर्माण के लिए सरकारी जमीन चिन्हित करने गए थे। इस दौरान भू-माफियाओं और बीडीओ दीप्ति साव एवं भू-राजस्व विभाग के अधिकारियों के बीच तू-तू, मैं-मैं हो गई थी। इस मामले में भू-माफियाओं ने बीडीओ दीप्ति साव को धमकी दी, जिससे प्रशासन में हलचल मच गई।
घटना का विवरण बताया जा रहा है कि इस विवाद के दौरान 46 बंगाली आवास लाभार्थियों का नाम प्रथम सूची में आया था। इन्हें आवास निर्माण के लिए सरकारी जमीन पर चिन्हित किया गया था। भू-राजस्व विभाग के अधिकारी बताते हैं कि खोरीबाड़ी क्षेत्र में 80 से अधिक लाभार्थी पहले पीडबल्यूडी और रेलवे की जमीन पर रह रहे थे, जिससे उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया था। इसके बाद प्रशासन ने इन लाभार्थियों को सरकारी जमीन पर बसाने का निर्णय लिया और इसके तहत ही बीडीओ दीप्ति साव भुलकाजोत क्षेत्र में गए थे। इसी दौरान भू-माफियाओं से उनका सामना हुआ और माफियाओं ने उन्हें धमकियां दीं।
धमकी देने वाले भू-माफिया बीडीओ दीप्ति साव ने बताया कि दो भू-माफिया कमल राय और कार्तिक राय ने उन्हें धमकी दी। इन माफियाओं के खिलाफ उन्होंने सरकारी काम में बाधा डालने और सरकारी जमीन पर कब्जा करने के आरोप में लिखित शिकायत दी है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और पुलिस को गिरफ्तारी करनी चाहिए।
भू-माफियाओं का कब्जा भू-राजस्व विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस क्षेत्र में 11 बीघा सरकारी जमीन है, जिसमें से लगभग 6 बीघा जमीन पर भू-माफिया ने कब्जा कर लिया है। इसके कारण इन लाभार्थियों को आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया था। प्रशासन ने अब इन माफियाओं से सरकारी जमीन क्लियर करने और लाभार्थियों को आवास प्रदान करने का निर्णय लिया है, लेकिन माफिया इस काम में बाधा डाल रहे हैं।
पुलिस का जवाब इस मामले पर ग्रामीण एसडीपीओ नेहा जैन ने कहा कि केस दर्ज कर लिया गया है, और पुलिस आगे की जांच कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपितों के खिलाफ नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, 48 घंटे बीत जाने के बावजूद पुलिस की कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है।
स्थानीय प्रतिक्रिया स्थानीय लोग इस पूरे मामले को लेकर चिंतित हैं और भू-माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन द्वारा अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो भू-माफिया इस इलाके में और भी सक्रिय हो सकते हैं, जिससे आवास योजनाओं का फायदा वंचित लाभार्थियों को नहीं मिल पाएगा।
निष्कर्ष यह मामला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है, जहां भू-माफिया न केवल सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं, बल्कि सरकारी कार्यों में भी बाधा डालने का काम कर रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में सख्त कदम उठाकर भू-माफिया को सबक सिखाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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