नगर थाना क्षेत्र के शिवपुरी वार्ड संख्या 09 स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय रहिका टोला में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। मध्यान्ह भोजन के बाद विद्यालय परिसर में खेल रही दो छात्राओं पर सूखे पेड़ की एक विशाल टहनी अचानक टूटकर गिर गई। इस घटना में दोनों छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो गईं।
विद्यालय में मौजूद शिक्षकों और अन्य छात्र-छात्राओं की सहायता से घायलों को तुरंत सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान कक्षा 3 में पढ़ने वाली विद्या कुमारी की मौत हो गई। दूसरी घायल छात्रा का इलाज जारी है।
हादसे के बाद स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
दुखद घटना के बाद मृतक छात्रा के परिजनों और आक्रोशित अभिभावकों ने विद्यालय के सामने स्थित एनएच-327ई को करीब एक घंटे तक जाम कर दिया। प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों का कहना था कि विद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण यह बड़ा हादसा हुआ है। उनका आरोप था कि यदि स्कूल परिसर में सूखा पेड़ मौजूद था, तो उसे पहले ही हटवा देना चाहिए था।
घटना के बाद से विद्यालय के छात्र-छात्राओं में भय का माहौल बना हुआ है। सड़क जाम की सूचना मिलते ही सदर प्रखंड के सीओ अजय कुमार, नगर थाना प्रभारी कुमार ऋषिराज, डायल-112 के प्रभारी सुरेंद्र कुमार, टाइगर मोबाइल के जवान सुधीर कुमार शर्मा, चंदन कुमार सहित अन्य पुलिस बल मौके पर पहुंचे और अभिभावकों को समझा-बुझाकर शांत कराया।
सड़क जाम के कारण एनएच-327ई पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिसे प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद करीब एक घंटे बाद बहाल किया जा सका।
शिक्षिका का दावा: पेड़ कटवाने के लिए कई बार दी गई थी सूचना
विद्यालय की शिक्षिका रागिनी कुमारी ने बताया कि विद्यालय परिसर में यह सूखा पेड़ लंबे समय से खड़ा था। इसे कटवाने के लिए कई बार संबंधित विभाग को सूचना दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनकी मानें तो अगर समय रहते पेड़ को हटा दिया जाता, तो यह घटना टाली जा सकती थी।
शिक्षा विभाग का बयान: “यह प्राकृतिक आपदा है, मुआवजा नहीं मिलेगा”
इस हादसे पर प्रतिक्रिया देते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने इसे प्राकृतिक आपदा करार दिया। उन्होंने कहा, “कहीं भी छत गिरने या पेड़ गिरने जैसी घटनाओं पर किसी का नियंत्रण नहीं होता। पेड़ कटवाने का अधिकार शिक्षा विभाग के पास नहीं है, यह वन विभाग के अंतर्गत आता है। हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते, और न ही शिक्षा विभाग से मृत बच्ची के परिवार को मुआवजा दिया जाएगा।”
स्थानीय लोगों और अभिभावकों में रोष
विद्यालय के बाहर मौजूद स्थानीय लोगों और बच्चों के परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। अगर परिसर में कोई संभावित खतरा था, तो उसे पहले ही दूर किया जाना चाहिए था।
मामले की निष्पक्ष जांच और उचित मुआवजे की मांग
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की है। प्रशासन की ओर से अब तक इस संबंध में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन लोगों का आक्रोश अभी भी बना हुआ है।
प्रतिनिधि, सारस न्यूज़, अररिया।
नगर थाना क्षेत्र के शिवपुरी वार्ड संख्या 09 स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय रहिका टोला में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। मध्यान्ह भोजन के बाद विद्यालय परिसर में खेल रही दो छात्राओं पर सूखे पेड़ की एक विशाल टहनी अचानक टूटकर गिर गई। इस घटना में दोनों छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो गईं।
विद्यालय में मौजूद शिक्षकों और अन्य छात्र-छात्राओं की सहायता से घायलों को तुरंत सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान कक्षा 3 में पढ़ने वाली विद्या कुमारी की मौत हो गई। दूसरी घायल छात्रा का इलाज जारी है।
हादसे के बाद स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
दुखद घटना के बाद मृतक छात्रा के परिजनों और आक्रोशित अभिभावकों ने विद्यालय के सामने स्थित एनएच-327ई को करीब एक घंटे तक जाम कर दिया। प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों का कहना था कि विद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण यह बड़ा हादसा हुआ है। उनका आरोप था कि यदि स्कूल परिसर में सूखा पेड़ मौजूद था, तो उसे पहले ही हटवा देना चाहिए था।
घटना के बाद से विद्यालय के छात्र-छात्राओं में भय का माहौल बना हुआ है। सड़क जाम की सूचना मिलते ही सदर प्रखंड के सीओ अजय कुमार, नगर थाना प्रभारी कुमार ऋषिराज, डायल-112 के प्रभारी सुरेंद्र कुमार, टाइगर मोबाइल के जवान सुधीर कुमार शर्मा, चंदन कुमार सहित अन्य पुलिस बल मौके पर पहुंचे और अभिभावकों को समझा-बुझाकर शांत कराया।
सड़क जाम के कारण एनएच-327ई पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिसे प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद करीब एक घंटे बाद बहाल किया जा सका।
शिक्षिका का दावा: पेड़ कटवाने के लिए कई बार दी गई थी सूचना
विद्यालय की शिक्षिका रागिनी कुमारी ने बताया कि विद्यालय परिसर में यह सूखा पेड़ लंबे समय से खड़ा था। इसे कटवाने के लिए कई बार संबंधित विभाग को सूचना दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनकी मानें तो अगर समय रहते पेड़ को हटा दिया जाता, तो यह घटना टाली जा सकती थी।
शिक्षा विभाग का बयान: “यह प्राकृतिक आपदा है, मुआवजा नहीं मिलेगा”
इस हादसे पर प्रतिक्रिया देते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने इसे प्राकृतिक आपदा करार दिया। उन्होंने कहा, “कहीं भी छत गिरने या पेड़ गिरने जैसी घटनाओं पर किसी का नियंत्रण नहीं होता। पेड़ कटवाने का अधिकार शिक्षा विभाग के पास नहीं है, यह वन विभाग के अंतर्गत आता है। हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते, और न ही शिक्षा विभाग से मृत बच्ची के परिवार को मुआवजा दिया जाएगा।”
स्थानीय लोगों और अभिभावकों में रोष
विद्यालय के बाहर मौजूद स्थानीय लोगों और बच्चों के परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। अगर परिसर में कोई संभावित खतरा था, तो उसे पहले ही दूर किया जाना चाहिए था।
मामले की निष्पक्ष जांच और उचित मुआवजे की मांग
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की है। प्रशासन की ओर से अब तक इस संबंध में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन लोगों का आक्रोश अभी भी बना हुआ है।