रेणु कुंज में माल्यार्पण से हुआ महोत्सव का शुभारंभ
अररिया जिले में रेणु महोत्सव 2025 का भव्य आयोजन किया गया, जिसकी शुरुआत जिला पदाधिकारी श्री अनिल कुमार सहित जिले के वरिष्ठ अधिकारियों एवं सम्मानित साहित्यकारों द्वारा रेणु कुंज में स्थित फणीश्वरनाथ रेणु जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से की गई। इसके पश्चात, मुख्य समारोह स्थल टाउन हॉल, अररिया में दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी समेत जिले के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
स्मारिका “चिठिया हो तो हर कोई बांचे” का लोकार्पण
महोत्सव के दौरान स्मारिका “चिठिया हो तो हर कोई बांचे” का भव्य लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर जिला पदाधिकारी श्री अनिल कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री अंजनी कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी श्री अनिकेत कुमार, अपर समाहर्ता श्री राज मोहन झा, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी श्री वसीम अहमद, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्रीमती सोनी कुमारी, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी श्री सान्याल कुमार सहित जिले के प्रख्यात साहित्यकारों ने संयुक्त रूप से इसे जारी किया।
जिला पदाधिकारी श्री अनिल कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि फणीश्वरनाथ रेणु की भूमि से जुड़े होने के नाते अररिया जिले के नागरिकों को हिन्दी साहित्य में सृजनात्मक लेखन को प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से रेणु जी की आंचलिक लेखन शैली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आंचलिकता भाषा और साहित्य को समृद्ध करती है तथा स्थानीय पहचान को सशक्त बनाती है।
साहित्यिक परिचर्चा: रेणु जी के साहित्यिक योगदान पर विस्तृत चर्चा
महोत्सव के दौरान साहित्यिक परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें फणीश्वरनाथ रेणु के व्यक्तित्व, लेखन शैली, सामाजिक योगदान और साहित्य में उनके योगदान पर विस्तृत चर्चा हुई। इस परिचर्चा में भाग लेने वाले प्रमुख साहित्यकारों में श्री भोला पंडित प्रणई, श्री मांगन मिश्र मार्तंड, श्री रफी हैदर अंजुम, श्री सुशील कुमार श्रीवास्तव, श्री अशोक आलोक, डॉ. फ़रहत आरा बेगम, श्री हेमंत यादव, श्री नूतन आलोक, श्री सदानंद सुमन, श्री रहबान अली राकेश, श्री दीन रजा अख्तर, श्री ठाकुर शंकर कुमार, श्री हरिश्चंद्र सिंह, श्री आलोक कुमार मल्लिक, श्री अजय अकेला आदि शामिल थे।
नाट्य मंचन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां बनीं आकर्षण का केंद्र
रेणु महोत्सव के दौरान विभिन्न नाट्य मंचनों और संगीत प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
धीरज पांडेय एवं उनके समूह द्वारा “पंचलाइट” नाटक का जीवंत मंचन किया गया, जिसने रेणु जी की ग्रामीण जीवनशैली की झलक प्रस्तुत की।
उच्च माध्यमिक विद्यालय चंडीपुर पलासी के छात्रों द्वारा संवादिया नाटक का प्रभावी प्रदर्शन किया गया।
श्री अमर आनंद एवं प्रिया राज ने रेणु की अमर कहानी “तीसरी कसम” पर आधारित फिल्म के गीतों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया।
पुस्तक मेला: साहित्य प्रेमियों के लिए अनूठा अवसर
कार्यक्रम के दौरान विशाल पुस्तक मेले का भी आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमियों ने भाग लिया। इस पुस्तक मेले में रेणु जी के साहित्य, हिंदी साहित्य की अन्य महत्वपूर्ण कृतियों, लोक साहित्य और समकालीन लेखकों की रचनाओं को प्रदर्शित किया गया।
संपादन मंडल और कार्यक्रम संचालन
इस अवसर पर संपादक मंडल के सदस्य के रूप में सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग श्री नीतेश कुमार पाठक, श्री बासुकीनाथ झा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री नर सिंह नाथ मंडल एवं श्री मुशीर आलम ने संयुक्त रूप से किया।
रेणु महोत्सव 2025: साहित्य, संस्कृति और विरासत को सहेजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल
रेणु महोत्सव 2025 न केवल हिन्दी साहित्य और फणीश्वरनाथ रेणु की विरासत को सम्मान देने का अवसर था, बल्कि इसने स्थानीय साहित्यकारों, कलाकारों और साहित्य प्रेमियों को एक साझा मंच भी प्रदान किया। यह महोत्सव अररिया जिले के लिए साहित्यिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
📖✨🎭 साहित्य, संस्कृति और आंचलिकता के इस महापर्व ने रेणु जी की स्मृतियों को जीवंत कर दिया और साहित्य प्रेमियों के दिलों में नई ऊर्जा का संचार किया। 🎨📚🎶
प्रतिनिधि, सारस न्यूज़, अररिया।
रेणु कुंज में माल्यार्पण से हुआ महोत्सव का शुभारंभ
अररिया जिले में रेणु महोत्सव 2025 का भव्य आयोजन किया गया, जिसकी शुरुआत जिला पदाधिकारी श्री अनिल कुमार सहित जिले के वरिष्ठ अधिकारियों एवं सम्मानित साहित्यकारों द्वारा रेणु कुंज में स्थित फणीश्वरनाथ रेणु जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से की गई। इसके पश्चात, मुख्य समारोह स्थल टाउन हॉल, अररिया में दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी समेत जिले के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
स्मारिका “चिठिया हो तो हर कोई बांचे” का लोकार्पण
महोत्सव के दौरान स्मारिका “चिठिया हो तो हर कोई बांचे” का भव्य लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर जिला पदाधिकारी श्री अनिल कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री अंजनी कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी श्री अनिकेत कुमार, अपर समाहर्ता श्री राज मोहन झा, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी श्री वसीम अहमद, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्रीमती सोनी कुमारी, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी श्री सान्याल कुमार सहित जिले के प्रख्यात साहित्यकारों ने संयुक्त रूप से इसे जारी किया।
जिला पदाधिकारी श्री अनिल कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि फणीश्वरनाथ रेणु की भूमि से जुड़े होने के नाते अररिया जिले के नागरिकों को हिन्दी साहित्य में सृजनात्मक लेखन को प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से रेणु जी की आंचलिक लेखन शैली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आंचलिकता भाषा और साहित्य को समृद्ध करती है तथा स्थानीय पहचान को सशक्त बनाती है।
साहित्यिक परिचर्चा: रेणु जी के साहित्यिक योगदान पर विस्तृत चर्चा
महोत्सव के दौरान साहित्यिक परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें फणीश्वरनाथ रेणु के व्यक्तित्व, लेखन शैली, सामाजिक योगदान और साहित्य में उनके योगदान पर विस्तृत चर्चा हुई। इस परिचर्चा में भाग लेने वाले प्रमुख साहित्यकारों में श्री भोला पंडित प्रणई, श्री मांगन मिश्र मार्तंड, श्री रफी हैदर अंजुम, श्री सुशील कुमार श्रीवास्तव, श्री अशोक आलोक, डॉ. फ़रहत आरा बेगम, श्री हेमंत यादव, श्री नूतन आलोक, श्री सदानंद सुमन, श्री रहबान अली राकेश, श्री दीन रजा अख्तर, श्री ठाकुर शंकर कुमार, श्री हरिश्चंद्र सिंह, श्री आलोक कुमार मल्लिक, श्री अजय अकेला आदि शामिल थे।
नाट्य मंचन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां बनीं आकर्षण का केंद्र
रेणु महोत्सव के दौरान विभिन्न नाट्य मंचनों और संगीत प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
धीरज पांडेय एवं उनके समूह द्वारा “पंचलाइट” नाटक का जीवंत मंचन किया गया, जिसने रेणु जी की ग्रामीण जीवनशैली की झलक प्रस्तुत की।
उच्च माध्यमिक विद्यालय चंडीपुर पलासी के छात्रों द्वारा संवादिया नाटक का प्रभावी प्रदर्शन किया गया।
श्री अमर आनंद एवं प्रिया राज ने रेणु की अमर कहानी “तीसरी कसम” पर आधारित फिल्म के गीतों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया।
पुस्तक मेला: साहित्य प्रेमियों के लिए अनूठा अवसर
कार्यक्रम के दौरान विशाल पुस्तक मेले का भी आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमियों ने भाग लिया। इस पुस्तक मेले में रेणु जी के साहित्य, हिंदी साहित्य की अन्य महत्वपूर्ण कृतियों, लोक साहित्य और समकालीन लेखकों की रचनाओं को प्रदर्शित किया गया।
संपादन मंडल और कार्यक्रम संचालन
इस अवसर पर संपादक मंडल के सदस्य के रूप में सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग श्री नीतेश कुमार पाठक, श्री बासुकीनाथ झा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री नर सिंह नाथ मंडल एवं श्री मुशीर आलम ने संयुक्त रूप से किया।
रेणु महोत्सव 2025: साहित्य, संस्कृति और विरासत को सहेजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल
रेणु महोत्सव 2025 न केवल हिन्दी साहित्य और फणीश्वरनाथ रेणु की विरासत को सम्मान देने का अवसर था, बल्कि इसने स्थानीय साहित्यकारों, कलाकारों और साहित्य प्रेमियों को एक साझा मंच भी प्रदान किया। यह महोत्सव अररिया जिले के लिए साहित्यिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
📖✨🎭 साहित्य, संस्कृति और आंचलिकता के इस महापर्व ने रेणु जी की स्मृतियों को जीवंत कर दिया और साहित्य प्रेमियों के दिलों में नई ऊर्जा का संचार किया। 🎨📚🎶