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मिशन परिवार विकास: छोटा परिवार- बड़ा सपना, परिवार नियोजन अपनाएँ, सुखी और स्वस्थ भविष्य बनाएँ।

राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।

बिहार सरकार ने बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण और हर परिवार को सुखी एवं समृद्ध बनाने के उद्देश्य से “मिशन परिवार विकास” अभियान की शुरुआत की है। यह विशेष जागरूकता अभियान 10 मार्च से 29 मार्च 2025 तक पूरे राज्य में चलाया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के नेतृत्व में इस पहल का उद्देश्य परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक करना, गर्भनिरोधक साधनों की जानकारी देना और जनसंख्या स्थिरीकरण के माध्यम से समाज को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाना है। अभियान के तहत गाँवों और शहरों में निःशुल्क परामर्श शिविर, गर्भनिरोधक साधनों का वितरण और जागरूकता रैलियाँ आयोजित की जा रही हैं। स्वास्थ्य कर्मी, आशा कार्यकर्ता और स्वयंसेवी संगठनों की सहभागिता से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर योग्य दंपत्ति तक परिवार नियोजन की सुविधाएँ पहुँचें।

“परिवार नियोजन अपनाएँ, बिहार का भविष्य संवारें”

जिला पदाधिकारी विशाल राज ने कहा कि यह अभियान केवल एक स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन है। “परिवार नियोजन अपनाकर हम अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर दे सकते हैं। ‘मिशन परिवार विकास’ बिहार में जनसंख्या स्थिरीकरण के साथ-साथ गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित होगा।” सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने बताया कि इस अभियान को जन-जन तक पहुँचाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम, आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर संपर्क और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से प्रचार किया जा रहा है।

अभियान के मुख्य बिंदु:

  • सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भनिरोधक साधनों (IUD, गर्भनिरोधक गोलियाँ, इंजेक्शन) और नसबंदी की सुविधा।
  • स्कूलों, कॉलेजों और गाँवों में नुक्कड़ नाटक, सेमिनार और पोस्टर अभियान।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में निःशुल्क परामर्श और सेवाओं की उपलब्धता।
  • सामुदायिक सहभागिता: आशा कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य कर्मियों और पीएसआई, सिफार जैसी स्वयंसेवी संगठनों की सक्रिय भागीदारी से जागरूकता बढ़ाई जा रही है।

परिवार नियोजन के लाभ:

बेहतर भविष्य: छोटा परिवार अपनाकर बच्चों को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर दें।
मातृ-शिशु स्वास्थ्य: दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर रखें, ताकि माँ और बच्चा स्वस्थ रहें।
गर्भनिरोधक साधन: IUD, गर्भनिरोधक गोलियाँ, इंजेक्शन और कंडोम का सुरक्षित उपयोग करें।
स्थायी समाधान: नसबंदी एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है, जिसकी जानकारी निकटतम स्वास्थ्य केंद्र से ली जा सकती है।
जागरूकता: स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर निःशुल्क परामर्श और सेवाओं का लाभ उठाएँ।

परिवार नियोजन से बदली राधा देवी की जिंदगी

किशनगंज जिले की 32 वर्षीय राधा देवी ने बताया कि तीन बच्चों के पालन-पोषण में उन्हें भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। आशा दीदी ने मुझे परिवार नियोजन के बारे में बताया और IUD लगवाने की सलाह दी। “अब मैं निश्चिंत हूँ और अपने बच्चों की परवरिश पर पूरा ध्यान दे पा रही हूँ।” राधा देवी की तरह ही यह अभियान कई परिवारों के लिए नई आशा और खुशहाल जीवन का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

बिहार सरकार का संकल्प – “हर परिवार, सुखी परिवार”

सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने अपने पत्र में कहा कि “मिशन परिवार विकास” बिहार के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। “परिवार नियोजन से न केवल जनसंख्या नियंत्रण होगा, बल्कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी और महिलाओं को सशक्त बनने का अवसर मिलेगा।” बिहार सरकार का यह अभियान राज्य के नागरिकों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने, छोटे परिवार की अवधारणा को बढ़ावा देने और एक सुखी व समृद्ध समाज की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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