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सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
- तिथि: द्वितीया (शुक्ल पक्ष)
- वार: शनिवार
- माह: चैत्र मास (हिन्दू पंचांग के अनुसार)
- विक्रम संवत: 2082
- शक संवत: 1946
सूर्योदय और सूर्यास्त:
- सूर्योदय: 06:20 AM
- सूर्यास्त: 06:45 PM
चन्द्रमा की स्थिति:
- चन्द्रमा: मेष राशि में
- चन्द्रोदय: 07:45 AM
- चन्द्रास्त: 08:10 PM
नक्षत्र:
- अश्विनी नक्षत्र: 05:35 PM तक, इसके बाद भरणी नक्षत्र आरंभ होगा।
योग:
- धृति योग: 01:25 PM तक, इसके बाद शूल योग प्रारंभ होगा।
करण:
- बव करण: 01:50 PM तक, इसके बाद बालव करण रहेगा।
शुभ मुहूर्त:
- अभिजीत मुहूर्त: 11:55 AM से 12:45 PM तक
- अमृत काल: 04:10 PM से 05:40 PM तक
- गोधूलि मुहूर्त: 06:30 PM से 06:55 PM तक
अशुभ मुहूर्त:
- राहुकाल: 09:15 AM से 10:45 AM तक
- यमगण्ड काल: 01:45 PM से 03:15 PM तक
- गुलिक काल: 06:30 AM से 08:00 AM तक
- दुर्मुहूर्त: 06:20 AM से 07:10 AM तक, और 10:55 AM से 11:45 AM तक
दिशाशूल: आज पूर्व दिशा की यात्रा टालें। यदि यात्रा अनिवार्य हो, तो दही खाकर घर से निकलें।
व्रत और पर्व:
- चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन
पारायण और पूजा:
- देवी दुर्गा के द्वितीय स्वरूप “ब्रह्मचारिणी” की पूजा का विशेष महत्व है।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
- तिथि: द्वितीया (शुक्ल पक्ष)
- वार: शनिवार
- माह: चैत्र मास (हिन्दू पंचांग के अनुसार)
- विक्रम संवत: 2082
- शक संवत: 1946
सूर्योदय और सूर्यास्त:
- सूर्योदय: 06:20 AM
- सूर्यास्त: 06:45 PM
चन्द्रमा की स्थिति:
- चन्द्रमा: मेष राशि में
- चन्द्रोदय: 07:45 AM
- चन्द्रास्त: 08:10 PM
नक्षत्र:
- अश्विनी नक्षत्र: 05:35 PM तक, इसके बाद भरणी नक्षत्र आरंभ होगा।
योग:
- धृति योग: 01:25 PM तक, इसके बाद शूल योग प्रारंभ होगा।
करण:
- बव करण: 01:50 PM तक, इसके बाद बालव करण रहेगा।
शुभ मुहूर्त:
- अभिजीत मुहूर्त: 11:55 AM से 12:45 PM तक
- अमृत काल: 04:10 PM से 05:40 PM तक
- गोधूलि मुहूर्त: 06:30 PM से 06:55 PM तक
अशुभ मुहूर्त:
- राहुकाल: 09:15 AM से 10:45 AM तक
- यमगण्ड काल: 01:45 PM से 03:15 PM तक
- गुलिक काल: 06:30 AM से 08:00 AM तक
- दुर्मुहूर्त: 06:20 AM से 07:10 AM तक, और 10:55 AM से 11:45 AM तक
दिशाशूल: आज पूर्व दिशा की यात्रा टालें। यदि यात्रा अनिवार्य हो, तो दही खाकर घर से निकलें।
व्रत और पर्व:
- चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन
पारायण और पूजा:
- देवी दुर्गा के द्वितीय स्वरूप “ब्रह्मचारिणी” की पूजा का विशेष महत्व है।
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