सुप्रीम कोर्ट द्वारा पश्चिम बंगाल में शिक्षकों और गैर-शिक्षकीय स्टाफ की नियुक्तियों को अवैध ठहराने के बाद, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को एक भावुक अपील की। कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित विशेष बैठक में उन्होंने कहा, “अगर किसी को मेरी शिक्षकों के साथ खड़े रहने पर आपत्ति है, तो मैं जेल जाने को भी तैयार हूं।”
सुप्रीम कोर्ट ने 25,753 नियुक्तियों को रद्द किया
3 अप्रैल को दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) द्वारा की गई 25,753 नियुक्तियों को ‘दागी’ बताते हुए अमान्य करार दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं थी, और इसमें बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई गईं।
शिक्षकों के प्रति संवेदना, सरकार की पूरी मदद का वादा
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जो लोग योग्य थे, लेकिन अब नौकरी से हाथ धो बैठे हैं, उन्हें राज्य सरकार कभी अकेला नहीं छोड़ेगी। ममता बोलीं, “मैं सुनिश्चित करूंगी कि कोई भी पात्र उम्मीदवार बेरोजगार न रहे। हम उनके लिए वैकल्पिक रास्ते खोजेंगे, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रहे।”
राजनीतिक आरोप और संघर्ष का संकेत
ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सीपीआई (एम) पर शिक्षा व्यवस्था को ‘बर्बाद करने की साजिश’ रचने का आरोप लगाया। “कुछ लोग गंदा खेल खेल रहे हैं। वे बंगाल की शिक्षा प्रणाली को खत्म करना चाहते हैं,” उन्होंने कहा।
भावनात्मक अपील ने जीता दिल
मुख्यमंत्री की यह अपील मंच पर मौजूद सैकड़ों शिक्षकों को भावुक कर गई। ममता की बातों ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि भले ही न्यायालय ने नियुक्तियों को अमान्य ठहराया हो, लेकिन उनकी सरकार इन शिक्षकों की लड़ाई में पूरी ताकत से साथ खड़ी है।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पश्चिम बंगाल में शिक्षकों और गैर-शिक्षकीय स्टाफ की नियुक्तियों को अवैध ठहराने के बाद, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को एक भावुक अपील की। कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित विशेष बैठक में उन्होंने कहा, “अगर किसी को मेरी शिक्षकों के साथ खड़े रहने पर आपत्ति है, तो मैं जेल जाने को भी तैयार हूं।”
सुप्रीम कोर्ट ने 25,753 नियुक्तियों को रद्द किया
3 अप्रैल को दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल स्कूल सेवा आयोग (SSC) द्वारा की गई 25,753 नियुक्तियों को ‘दागी’ बताते हुए अमान्य करार दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं थी, और इसमें बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई गईं।
शिक्षकों के प्रति संवेदना, सरकार की पूरी मदद का वादा
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जो लोग योग्य थे, लेकिन अब नौकरी से हाथ धो बैठे हैं, उन्हें राज्य सरकार कभी अकेला नहीं छोड़ेगी। ममता बोलीं, “मैं सुनिश्चित करूंगी कि कोई भी पात्र उम्मीदवार बेरोजगार न रहे। हम उनके लिए वैकल्पिक रास्ते खोजेंगे, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रहे।”
राजनीतिक आरोप और संघर्ष का संकेत
ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सीपीआई (एम) पर शिक्षा व्यवस्था को ‘बर्बाद करने की साजिश’ रचने का आरोप लगाया। “कुछ लोग गंदा खेल खेल रहे हैं। वे बंगाल की शिक्षा प्रणाली को खत्म करना चाहते हैं,” उन्होंने कहा।
भावनात्मक अपील ने जीता दिल
मुख्यमंत्री की यह अपील मंच पर मौजूद सैकड़ों शिक्षकों को भावुक कर गई। ममता की बातों ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि भले ही न्यायालय ने नियुक्तियों को अमान्य ठहराया हो, लेकिन उनकी सरकार इन शिक्षकों की लड़ाई में पूरी ताकत से साथ खड़ी है।
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