किशनगंज ने स्क्रीनिंग में मारी बाज़ी, पूरे राज्य में तीसरे स्थान पर — अब तक 2.73 लाख से अधिक लोगों की हुई जांच“उपलब्धि बड़ी, जिम्मेदारी उससे भी बड़ी” — डॉ. उर्मिला कुमारी
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर), मधुमेह (डायबिटीज), हृदय रोग, कैंसर और सांस की बीमारियां जैसी गैर-संचारी रोग (NCDs) आज भारत में मृत्यु और अपंगता के सबसे बड़े कारण बन चुकी हैं। इन बीमारियों की सबसे खतरनाक बात यह है कि ये अक्सर बिना किसी स्पष्ट लक्षण के शरीर में घर कर लेती हैं, और जब तक पहचान होती है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
किशनगंज जिले में चलाया जा रहा एनसीडी स्क्रीनिंग अभियान अब जन-आंदोलन का रूप ले चुका है। गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों को समय रहते पहचान लेना जीवन बचाने जैसा है। इसी सोच के साथ चलाए जा रहे विशेष अभियान में किशनगंज ने पूरे बिहार में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। अब तक 2,73,000 से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग पूरी हो चुकी है, जो जिले की मज़बूत स्वास्थ्य व्यवस्था, ज़मीनी स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत और जनभागीदारी का प्रमाण है।
उपलब्धि बड़ी, जिम्मेदारी उससे भी बड़ी:
डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि अब तक 2,73,815 लोगों की एनसीडी जांच पूरी की जा चुकी है। यह केवल आंकड़ों की उपलब्धि नहीं, बल्कि आशा, एएनएम, सीएचओ, बीपीएम और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की समर्पित मेहनत का परिणाम है, जो गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने कहा, “यह उपलब्धि जिले के लिए गर्व की बात है, लेकिन मंज़िल अब भी दूर है। हमारा लक्ष्य है कि हर 30 वर्ष से अधिक आयु का व्यक्ति इस स्क्रीनिंग से जुड़े। समय पर पहचान, इलाज और फॉलोअप से हम सैकड़ों ज़िंदगियां बचा सकते हैं।”
समीक्षा बैठक में तय हुए मुख्य बिंदु:
हाल ही में आयोजित समीक्षा बैठक में एनसीडीओ डॉ. उर्मिला कुमारी ने आगामी रणनीति साझा की:
हर पंचायत, हर गली, हर मोहल्ले तक स्क्रीनिंग पहुंचाना
घर-घर जाकर स्क्रीनिंग — आशा द्वारा चिन्हित परिवारों की सूची के अनुसार
प्रत्येक कर्मी का दैनिक कार्य मूल्यांकन — जवाबदेही सुनिश्चित करना
जागरूकता अभियान को प्राथमिकता — ताकि लोग स्वयं जांच के लिए आगे आएं
इलाज और फॉलोअप को सशक्त बनाना — सिर्फ पहचान नहीं, समाधान भी सुनिश्चित हो
स्वास्थ्य विभाग की अपील:
“30 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिक निकटतम हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जाकर अपनी एनसीडी जांच अवश्य कराएं। बीमारी चुपचाप आती है, लेकिन जांच से पहले ही पकड़ी जा सकती है — यही समझदारी है, यही सुरक्षा है।”
जनता से अपील: जांच करवाइए, ज़िंदगी बचाइए
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा: “निकटतम हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या सरकारी अस्पताल जाकर अपनी मुफ्त जांच जरूर कराएं। यह सिर्फ एक जांच नहीं, बल्कि एक बेहतर, सुरक्षित और लंबी ज़िंदगी की ओर पहला कदम है। किशनगंज अब सिर्फ नंबरों में नहीं, सोच और सेवा में भी सबसे आगे है। आइए, सेहत की इस दौड़ में हम सब एक साथ कदम बढ़ाएं!
किशनगंज ने स्क्रीनिंग में मारी बाज़ी, पूरे राज्य में तीसरे स्थान पर — अब तक 2.73 लाख से अधिक लोगों की हुई जांच“उपलब्धि बड़ी, जिम्मेदारी उससे भी बड़ी” — डॉ. उर्मिला कुमारी
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर), मधुमेह (डायबिटीज), हृदय रोग, कैंसर और सांस की बीमारियां जैसी गैर-संचारी रोग (NCDs) आज भारत में मृत्यु और अपंगता के सबसे बड़े कारण बन चुकी हैं। इन बीमारियों की सबसे खतरनाक बात यह है कि ये अक्सर बिना किसी स्पष्ट लक्षण के शरीर में घर कर लेती हैं, और जब तक पहचान होती है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
किशनगंज जिले में चलाया जा रहा एनसीडी स्क्रीनिंग अभियान अब जन-आंदोलन का रूप ले चुका है। गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों को समय रहते पहचान लेना जीवन बचाने जैसा है। इसी सोच के साथ चलाए जा रहे विशेष अभियान में किशनगंज ने पूरे बिहार में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। अब तक 2,73,000 से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग पूरी हो चुकी है, जो जिले की मज़बूत स्वास्थ्य व्यवस्था, ज़मीनी स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत और जनभागीदारी का प्रमाण है।
उपलब्धि बड़ी, जिम्मेदारी उससे भी बड़ी:
डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि अब तक 2,73,815 लोगों की एनसीडी जांच पूरी की जा चुकी है। यह केवल आंकड़ों की उपलब्धि नहीं, बल्कि आशा, एएनएम, सीएचओ, बीपीएम और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की समर्पित मेहनत का परिणाम है, जो गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने कहा, “यह उपलब्धि जिले के लिए गर्व की बात है, लेकिन मंज़िल अब भी दूर है। हमारा लक्ष्य है कि हर 30 वर्ष से अधिक आयु का व्यक्ति इस स्क्रीनिंग से जुड़े। समय पर पहचान, इलाज और फॉलोअप से हम सैकड़ों ज़िंदगियां बचा सकते हैं।”
समीक्षा बैठक में तय हुए मुख्य बिंदु:
हाल ही में आयोजित समीक्षा बैठक में एनसीडीओ डॉ. उर्मिला कुमारी ने आगामी रणनीति साझा की:
हर पंचायत, हर गली, हर मोहल्ले तक स्क्रीनिंग पहुंचाना
घर-घर जाकर स्क्रीनिंग — आशा द्वारा चिन्हित परिवारों की सूची के अनुसार
प्रत्येक कर्मी का दैनिक कार्य मूल्यांकन — जवाबदेही सुनिश्चित करना
जागरूकता अभियान को प्राथमिकता — ताकि लोग स्वयं जांच के लिए आगे आएं
इलाज और फॉलोअप को सशक्त बनाना — सिर्फ पहचान नहीं, समाधान भी सुनिश्चित हो
स्वास्थ्य विभाग की अपील:
“30 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिक निकटतम हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जाकर अपनी एनसीडी जांच अवश्य कराएं। बीमारी चुपचाप आती है, लेकिन जांच से पहले ही पकड़ी जा सकती है — यही समझदारी है, यही सुरक्षा है।”
जनता से अपील: जांच करवाइए, ज़िंदगी बचाइए
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा: “निकटतम हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या सरकारी अस्पताल जाकर अपनी मुफ्त जांच जरूर कराएं। यह सिर्फ एक जांच नहीं, बल्कि एक बेहतर, सुरक्षित और लंबी ज़िंदगी की ओर पहला कदम है। किशनगंज अब सिर्फ नंबरों में नहीं, सोच और सेवा में भी सबसे आगे है। आइए, सेहत की इस दौड़ में हम सब एक साथ कदम बढ़ाएं!