नक्सलबाड़ी: खोरीबाड़ी तृणमूल युवा कांग्रेस की ओर से गुरुवार को कश्मीर के पहलगाम में हुए नरसंहार — जिसमें आतंकवादियों द्वारा 26 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई — के विरोध में मोमबत्तियाँ जलाकर शोक और आक्रोश व्यक्त किया गया।
इस मौके पर सिलीगुड़ी महकमा परिषद के कर्माध्यक्ष किशोरी मोहन सिंह ने कहा कि जिस तरह से आतंकियों ने निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया, वह न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि यह कहीं न कहीं प्रशासनिक चूक को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षा व्यवस्था अधिक मजबूत होती, तो शायद इस त्रासदी को टाला जा सकता था।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए अब और कड़े और निर्णायक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा, “अबकी बार ऐसा प्रहार होना चाहिए कि पाकिस्तान परस्त आतंकवादी दशकों तक सिर उठाने की हिम्मत न करें।”
तृणमूल नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि आतंकवादियों ने धर्म के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाते हुए अंधाधुंध गोलियां चलाईं। उन्होंने इस घटना को एक बर्बर, नृशंस और अमानवीय कृत्य बताया, जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
इस मोमबत्ती जुलूस में स्थानीय युवाओं के साथ अनेक सामाजिक संगठनों के सदस्य भी शामिल हुए और सभी ने मिलकर आतंकवाद के विरुद्ध एकजुटता का संदेश दिया।
सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
नक्सलबाड़ी: खोरीबाड़ी तृणमूल युवा कांग्रेस की ओर से गुरुवार को कश्मीर के पहलगाम में हुए नरसंहार — जिसमें आतंकवादियों द्वारा 26 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई — के विरोध में मोमबत्तियाँ जलाकर शोक और आक्रोश व्यक्त किया गया।
इस मौके पर सिलीगुड़ी महकमा परिषद के कर्माध्यक्ष किशोरी मोहन सिंह ने कहा कि जिस तरह से आतंकियों ने निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया, वह न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि यह कहीं न कहीं प्रशासनिक चूक को भी दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षा व्यवस्था अधिक मजबूत होती, तो शायद इस त्रासदी को टाला जा सकता था।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए अब और कड़े और निर्णायक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा, “अबकी बार ऐसा प्रहार होना चाहिए कि पाकिस्तान परस्त आतंकवादी दशकों तक सिर उठाने की हिम्मत न करें।”
तृणमूल नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि आतंकवादियों ने धर्म के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाते हुए अंधाधुंध गोलियां चलाईं। उन्होंने इस घटना को एक बर्बर, नृशंस और अमानवीय कृत्य बताया, जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
इस मोमबत्ती जुलूस में स्थानीय युवाओं के साथ अनेक सामाजिक संगठनों के सदस्य भी शामिल हुए और सभी ने मिलकर आतंकवाद के विरुद्ध एकजुटता का संदेश दिया।
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